देशविभाजन धर्म के आधार पर तो सीएए ग़लत कैसे?:अमित शाह
Amit Shah On Caa Law In India Attacks Opposition
CAA कभी वापस नहीं होगा, मुस्लिमों के खिलाफ नहीं… अमित शाह ने विपक्ष को दो-टूक सुनाया
गृह मंत्री अमित शाह ने CAA कानून पर सवाल उठा रहे विपक्षी नेताओं पर पलटवार किया है। उन्होंने साफ कहा कि ये कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है। उन्होंने कहा कि ये कानून नागरिकता देने वाला है न कि छीनने वाला। शाह ने कहा कि जिनकी प्रताड़ना हुई है उसे नागरिकता का अधिकार है।
मुख्य बिंदु
अमित शाह ने कहा कि CAA को कभी वापस नहीं लिया जाएगा
गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष इस मसले पर तुष्टीकरण की राजनीति कर रहा है
शाह ने कहा कि ये कानून देश के मुसलमानों के खिलाफ नहीं है
नई दिल्ली 14 मार्च 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah on CAA) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) पर विपक्षी दलों के इसके मुसलमानों के खिलाफ बताने पर पलटवार किया है। शाह ने कहा कि ये कानून वैसे लोगों के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक थे और उन पर अत्याचार हुआ है। उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है। उनकी महिलाओं का अपमान किया जाता है। गृह मंत्री ने कहा कि खुद कांग्रेस ने नेताओं ने आजादी के वक्त सैकड़ों भाषणों में कहते थे कि अभी मार-काट चल रही है,अभी जो जहां है वहां रह जाइए बाद में जब कभी भारत में आएंगे आपका स्वागत होगा। शाह ने कहा कि लेकिन बाद में तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हो गई।
शरणार्थियों को नागरिकता का अधिकार है या नहीं?
शाह ने कहा कि क्या शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए या नहीं? उन्होंने कहा कि आप इस कानून को अलग तरीके से नहीं देख सकते हैं। 15 अगस्त 1947 को देश का बंटवारा हो गया। देश तीन हिस्सों में बंट गया। लेकिन भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हमेशा विभाजन का विरोध किया। इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर होना ही नहीं चाहिए था। जब धर्म के आधार पर आप विभाजन करते हो और वहां जो अल्पसंख्यक हैं, उन लोगों पर ढेर सारे अत्याचार होते हैं, उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है, उनकी महिलाओं को अपमानित किया जाता है। वो मां, बहन, बेटी के लिए शरण में भारत में आते हैं तो क्या उनको नागरिकता का अधिकार है या नहीं?
कांग्रेस ने की तुष्टीकरण की राजनीति
शाह ने ANI के साथ इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस के नेताओं के सैकड़ों भाषण के बाद भी कभी इन तीन देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता नहीं दी गई। क्योंकि बाद में चुनावी राजनीति चालू हो गई। वोट बैंक की राजनीति चालू हो गई। तुष्टिकरण के कारण कांग्रेस पार्टी ने वो वादा कभी पूरा नहीं किया जो आज पीएम नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं।
मुसलमानों के लिए भी नागरिकता का रास्ता
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरी दुनिया में सारा ब्लॉक मुस्लिम ब्लॉक माना जाता है। उन्होंने कहा कि शिया, अहमदिया समुदाय को छोड़िए सभी बाहरी मुसलमानों को भारत में नागरिकता लेने का अधिकार है। वो यहां आवेदन करके नागरिकता ले सकते हैं। शाह ने कहा कि हमारे संविधान ने ये रास्ता दे रखा है। वे आवेदन देकर नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं। भारत सरकार पूरी जांच-पड़ताल के बाद इसपर फैसला करती है। उन्होंने कहा कि रास्ता किसी के लिए बंद नहीं है। ये स्पेशल कानून तो इसलिए बनाया गया है कि जो बिना किसी वैध कागजात के बगैर देश में आ गए हैं, शरण में आ गए हैं यहां सीमा पार करके। उनको नागरिकता दी जाए।
शाह ने बताया कैसे मिलेगी नागरिकता
इस सवाल पर कि अगर किसी के दस्तावेज नहीं है तो उसे कैसे नागरिकता मिलेगी, इस पर शाह ने कहा कि जिनके दस्तावेज नहीं है उसका रास्ता हम बाद में खोलेंगे। लेकिन जिनके पास दस्तावेज हैं वो 85 प्रतिशत से ज्यादा है। सरकार ने उनके लिए कोई समय सीमा नहीं रखी है। आराम से आवेदन करिए। सभी भाषा में आवेदन है। फेस टु फेस इंटरव्यू होगा। ऑरिजनल कागजात लेकर आना होगा। शाह ने कहा कि 15 अगस्त 1947 से लेकर 31 दिसंबर 2014 तक जो भी आया है उनका भारत में स्वागत है।