दो टूक: पैट्रोल-डीजल दाम में कंपनियां आजाद, सरकार न देगी दखल: धर्मेंद्र प्रधान

 

धर्मेंद्र प्रधान की दो टूक- पेट्रोल-डीजल कीमत पर सरकार का नियंत्रण नहीं, सभी बढ़ाते हैं टैक्स
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दो टूक कहा कि केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती क्योंकि कीमतें पेट्रोलियम कंपनियां तय कर कर रही हैं और यह क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करती हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र के अलावा राज्य सरकारें भी अपनी विकास की जरूरत के मुताबिक टैक्सेज बढ़ाती रही हैं

स्टोरी हाइलाइट्स
पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर

राज्यसभा कई सांसदों ने उठाए सवाल

टैक्सेज में कटौती की मांग सांसदों ने की

नई दिल्ली 10फरवरी।पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने का मसला आज संसद में गूंजा. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कई दलों के सांसदों ने यह मसला उठाया. लेकिन पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दो टूक कहा कि केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती क्योंकि कीमतें पेट्रोलियम कंपनियां तय कर कर रही हैं और यह क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करती हैं.

गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में लगातार कुछ-कुछ अंतराल में ईधन तेलों के दामों में लगातार वृद्धि हुई है. पिछले एक साल में पेट्रोल की कीमत करीब 18 रुपये लीटर बढ़ गई है. बुधवार को दिल्ली में बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल का दाम रिकॉर्ड 87.60 रुपये लीटर हो गया.

टैक्सेज में कटौती क्यों नहीं

टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि सरकार को टैक्सेज में कटौती करनी चाहिए. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तेल की कीमतें सिर्फ केंद्र सरकार के टैक्सेज पर नहीं बल्कि राज्य सरकारों के टैक्स और अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करती है. इसकी कीमतें बाजार के आधार पर तय होती हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारें भी अपनी विकास की जरूरत के मुताबिक टैक्सेज बढ़ाती रही हैं.

क्या कहा पेट्रोलियम मंत्री ने

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘ पेट्रोलियम पदार्थों पर हर सरकार टैक्स लगाती रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब कच्चे तेल के दाम बढ़ते घटते हैं उस आधार पर यहां पेट्रोल-डीजल के दामों में उतार चढ़ाव होती है. सरकारी तेल कंपनियों को आजादी दी गयी है दाम तय करने को लेकर. भारत 85 फीसदी अपने खपत का कच्चा तेल आयात करता है.’

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की जनकल्याण की योजना के लिए कमिटमेंट है जिसके चलते पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाया जाता है क्योंकि ये माध्यम रहा है और सभी पार्टी की सरकारें ऐसा करती आई हैं. पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाती है तो राज्य सरकारें भी वैट वसूलती हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले 300 दिनों में 60 दिन पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं तो 21 दिन पेट्रोल के, 7 दिन डीजल के दाम घटे भी है. समाजवादी पार्टी के सांसद विश्वंभर प्रसाद निषाद ने पेट्रोलियम मंत्री से पूछा, ‘सीता माता की धरती नेपाल में पेट्रोल-डीजल भारत से सस्ता है, रावण के देश श्रीलंका में भारत से कम कीमत है तो क्या राम के देश में सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कम करेगी?’

इस पर पेट्रोलियम मंत्री ने जवाब दिया कि इन देशों के साथ भारत की तुलना करना गलत है क्योंकि वहां समाज के कुछ खास वर्गों को ही यह मिल पाता है. इन देशों में केरोसिन ऑयल 57 रुपये प्रति लीटर है, जबकि भारत में यह 32 रुपये प्रति लीटर है. कांग्रेस सदस्य के.सी. वेणुगोपाल ने मंत्री की प्रतिक्रिया पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह तथ्यों को ठीक से नहीं बता रहे हैं.

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा- केंद्र और राज्य दोनों के लिए टैक्स जरूरी

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में बताया कि देश में पेट्रोलियम पदाथोर्ं की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतों से नियंत्रित होती हैं. प्रधान का जवाब प्रश्नकाल के दौरान आया. कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने मंत्री की प्रतिक्रिया पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह तथ्यों को ठीक से नहीं बता रहे हैं.

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा- केंद्र और राज्य दोनों के लिए टैक्स जरूरी

मुंबई में पेट्रोल 94 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो गया है. पेट्रोल डीजल की लगातार बढ़ती कीमत को लेकर आज राज्यसभा में मुद्दा उठा. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश में पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतों से नियंत्रित होती हैं. हम 80 फीसदी बाहर से खरीदते हैं लिहाजा कीमत उसी पर तय होती है. तेल कंपनियां वही देख कर तय करती हैं.

टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि तेल की खुदरा कीमत कच्चे तेल की कीमत, ट्रांस्पोर्टेशन कॉस्ट, ओएमसी मार्जन, फ्रेट कॉस्ट, केंद्र और राज्य सरकारों के टैक्स, एक्साइज ड्यूटी और अन्य टैक्स मिलाकर तय होती है. कीमत अब तक कि सबसे ज्यादा स्तर पर हैं. क्या केंद्र सरकार इसको कम नहीं कर सकती.

इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय कीमत तो पैमाना है ही पर ऐसा नहीं है कि सारे टैक्स और ड्यूटी केंद्र सरकार द्वारा वसूला जाता है. इसमें राज्य सरकार भी वसूलती है. सबको विकास और अन्य योजनाएं चलानी हैं और इसका पैसा इधर से भी आता है और सालों से सरकारें ऐसा करती रही हैं. लेकिन ये कीमत बाजार ही तय करता है.

वहीं कांग्रेस केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार गुमराह कर रही है 100 रु लीटर तक पहुंच गया है. कितनी बार सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ा चुकी है. क्या केंद्र सरकार ये कम करेगी. इसपर पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 61$ की कीमत है. ये गंभीर मामला है केंद्र और राज्य सरकार दोनों की जिम्मेदारी. दोनों ही सरकारों ने बढ़ाया है क्योंकि विकास के काम को आगे बढ़ाना होता है. पिछले 2 साल में कम भी हुई है एक्ससाईज  ड्यूटी।

 

 

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