गढ़वाली युवा गायक-संगीतकार गुंजन डंगवाल पंचकुला सड़क दुघर्टना में दिवंगत
उत्तराखंड के युवा लोक गायक और संगीतकार गुंजन डंगवाल का सड़क दुर्घटना में निधन, सुबह चंडीगढ़ के निकट पंचकुला में हुई दुर्घटना
देहरादून 18 जून: चैता की चैत्वाली…नंदू मामा की स्याली रे कमला, … उडांदु भौंरे… छमा चौक…आज लगलू मंडाण.. ढोल दमौं…जैसे गढ़वाली गीतों को पिरोने वाले उत्तराखंड के युवा संगीतकार और लोक गायक गुंजन डंगवाल का चंडीगढ़ में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। उनके निधन से लोकसंस्कृति से जुड़े लोग में गमगीन का माहौल है। 26 वर्षीय गुंजन के निधन पर लोक कलाकारों ने शोक जताया है।
मूलत: भिलंगना ब्लाक के खसेती और वर्तमान में नई टिहरी निवासी शिक्षक कैलाश डंगवाल और सुनीता डंगवाल के पुत्र गुंजन डंगवाल का देहरादून के बंजारावाला टिहरी विस्थापित कालोनी में भी घर और पास ही स्टूडियो है।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद भी उनका सपना संगीत में था। बेहद कम समय में उन्होंने संगीत क्षेत्र में मुकाम हासिल पाया। कई सुपरहिट गीतों में बतौर संगीतकार रहते वह श्रोताओं के दिलों में छाए।
गुंजन डंगवाल बीते शुक्रवार रात को निजी काम से चंडीगढ़ के लिए निकले थे। शनिवार सुबह चार बजे वापसी दून आते वक्त गाड़ी ने संतुलन खो दिया और डिवाइडर से टकराकर मौके पर मौत हो गई।
Uttarakhand Young Folk Singer And Musician Gunjan Dangwal Died In A Road Accident
गुंजन ने बहुत कम समय में संगीत के क्षेत्र में नाम कमा लिया था। उनका पहला एलबम नंदू मामा की स्याली काफी पॉपुलर हुआ था। धीरे-धीरे गुंजन गीत के साथ-साथ संगीत और वीडियो एलबम बनाने को भी कार्य करने लगे। इन दिनों उनका गीता चैता की चैत्वाल्या संगीत ने भी बाजार में धूम मचा रखी है। पेशे से संगीतकार गुंजन ने जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी से इलेक्ट्रिकल से बीटेक भी किया था। साथ ही संगीत विशारद की भी उनके पास डिग्री थी।
उत्तराखंड संगीत इंडस्ट्री के उभरते हुए युवा संगीतकार एवं रिद्म की स्टाइल को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए पहचाने जाने वाले संगीतकार गुंजन डंगवाल के देहावसान की परिवार के करीबियों ने पुष्टि करते हुए बताया कि दुर्घटना चार से पांच बजे के बीच हुई। वह रात के समय चंडीगढ़ के लिए देहरादून के बंजारावाला स्थित टिहरी विस्थापित कॉलोनी के अपने घर से रवाना हुए थे, जिस दोस्त के पास उन्हें जाना था, उसने गुंजन के समय पर न पहुंचने पर गुंजन के मोबाइल में 20 से 25 कॉल किए। इसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। बताया जा रहा है कि वह अपनी स्विफ्ट कार में सवार थे और दुर्घटना के समय अकेले ही थे। दुर्घटना की सूचना मिलते ही उनके माता-पिता देहरादून से चंडीगढ़ को रवाना हुए। उनके शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले। अंत्यपरीक्षण बाद रात तक उनके वापस दून पहुंचने की संभावना है। उनके साथ काम कर चुके एक अन्य संगीतकार रिद्मिस्ट ए प्लस स्टुडियो के रणजीत सिंह ने बताया कि गुंजन बेहद प्रतिभाशाली संगीतकार थे। कुछ साल पूर्व लगभग इन्ही दिनों बेहद लोकप्रिय युवा गायक पप्पू कार्की की भी सड़क दुर्घटना में दुखद मौत के बाद उत्तराखंडी गीत संगीत के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। सोशल मीडिया पर गुंजन के आकस्मिक निधन पर शोक संदेशों की भरमार होने लगी है। लोग इस आकस्मिक घटना पर स्तब्ध हैं।
गुंजन की मौत पर विधायक किशोर उपाध्याय, घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह, प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी, जिला अध्यक्ष सोना सजवाण, महीपाल नेगी, गायक पदम गुसाईं, रवि गुसाईं, बीना बोरा, सूर्यपाल श्रीवाण, उमेश चरण गुसाईं, प्रदीप रमोला, डाक्टर नरेंद्र डंगवाल, विजय गुनसोला, राकेश राणा, डाक्टर वीर सिंह रावत, डीएस भंडारी, दीपक रतूड़ी आदि ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
लोकगायक सौरव मैठाणी ने बताया कि वह अकेले ही कार में सवार थे। लोकगायिका हेमा नेगी करासी ने बताया कि उनके अधिकांश गीतों में गुंजन ने संगीत दिया। हंसमुख और मिलनसार गुंजन के निधन से उत्तराखंड संगीत जगत को बड़ी क्षति हुई है।
इधर गुंजन डंगवाल के आकस्मिक निधन पर इंटरनेट मीडिया पर लोक कलाकारों ने शोक व्यक्त किया। लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा आज हमारा उत्तराखंड का युवा होनहार संगीतकार गुंजन डंगवाल की सड़क दुर्घटना में निधन की खबर सुणि भौत दुख ह्वे।
वहीं पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने कहा कि एक होनहार नौजवान संगीतकार गुंजन डंगवाल सड़क हादसा में अपनी जान गवां दी। इसके अलावा लोकगायिका संगीता ढौंढ़ियाल, हेमा नेगी करासी, रूहान भारद्वाज, पन्नू गुसाईं, घनानंद गगोडिया, कोमल राणा, पूजा काला, अनीशा रांगड़, लोकेंद्र कैंतुरा, विकेस उनियाल, सीमा पंगरियाल ने आदि ने शोक जताया।
घुड़दौड़ी से किया था बीटेक
पेशे से संगीतकार गुंजन ने जीबी पंत इंजीनियरिंग कालेज घुड़दौड़ी से इलेक्ट्रिकल से बीटेक किया था। साथ ही संगीत विशारद की डिग्री भी उनके पास थी।
नंदू मामा की स्याली पहली एलबम काफी चर्चित रही। धीरे- धीरे गुंजन गीत के साथ संगीत और वीडियो एलबम बनाने में भी कार्य करने लगे। उनका गीत इन दिनों चैता की चैत्वाल्या ने बाजार में धूम मचा रखी है। गुंजन के छोटे भाई सृजन डंगवाल जंनसपर्क एवं पत्रकारिता के छात्र हैं।