चुनाव बाद हिंसा: बंगाल में राष्ट्रपति शासन, केंद्रीय बल तैनाती और हिंसा जांच को सुको में याचिका
पश्चिम बंगाल में हिंसा के बीच राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक याचिका दायर की गई। इसमें पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद ‘व्यापक हिंसा’ का आरोप लगाया गया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। साथ ही राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती और हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज से कराने का अनुरोध किया गया है।
हाइलाइट्स:
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गुहार लगाई गई है कि वेस्ट बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त
एनजीओ की मांग है कि केंद्र अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करे और बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए
अर्जी में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अगुवाई में एसआईटी का गठन कर जांच की मांग की गई
नई दिल्ली 04 मई।सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गुहार लगाई गई है कि वेस्ट बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। ऐसे में वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। दरअसल एक एनजीओ की ओर से गुहार लगाई गई है कि केंद्र को कहा जाए कि वो अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करे और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ इंडिक कलेक्टिव ट्रस्ट की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि चुनाव के बाद हुई कॉउंटिंग के बाद टीएमसी वर्करों ने बीजेपी मेम्बरों के साथ बड़े पैमाने पर हिंसा की है। राज्य में संवैधानिक तंत्र खत्म हो चुका है।
अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया जाए जो इस बात की छानबीन करें कि इन हिंसा के पीछे पॉलिटिकल लोगों का हाथ है या नही। याचिका में राज्य में सीआरपीएफ तैनात करने की भी गुहार लगाई गई है।
इससे पहले, दिन में वरिष्ठ अधिवक्ता और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर की थी। इसमें चुनाव प्रक्रिया के दौरान और उसके बाद राज्य में हिंसक घटनाओं की सीबीआई जांच का अनुरोध किया गया है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पार्टी इस ने पश्चिम बंगाल की सत्ता में वापसी की है। यह नई याचिका पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में व्यापक हिंसा और कानून-व्यवस्था को बाधित करने के मद्देनजर तमिलनाडु के ‘इंडिक कलेक्टिव ट्रस्ट’ ने वकील सुविदत्त एम एस के माध्यम से दायर की है।
इस बीच, पुलिस ने कहा कि चुनाव बाद राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा में कम से कम छह लोग मारे गए। पुलिस के अनुसार इनमें से एक व्यक्ति कोलकाता में मारा गया। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि टीएमसी समर्थित गुंडों ने उसके कई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी है, उसकी महिला सदस्यों पर हमला किया है, घरों में तोड़फोड़ की है, पार्टी सदस्यों की दुकानें लूटी हैं और पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की है। टीएमसी ने इन आरोपों से इनकार किया है।