पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट: हर अंग कूटा,काटा, दसवें में शामिल होने से रोक रही झारखंड सरकार,धारा 144 लागू
आँख, कान, छाती, पेट, पैर… रुपेश पांडेय के हर अंग पर वार: पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा, श्राद्ध में शामिल होने से भी रोक रहा प्रशासन
झारखंड के हजारीबाग में रुपेश पांडेय की निर्मम तरीके से कर दी गई थी हत्या
रुपेश पांडेय की हत्या किस निर्ममता से की गई थी, इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट करता है। उसके शरीर के हर हिस्से पर वार किया गया था। झारखंड के हजारीबाग जिले के बरही थाना के दुलमाहा गाँव में मुस्लिम भीड़ ने 6 फरवरी 2022 को उसकी हत्या कर दी थी। हालाँकि झारखंड पुलिस इसे मॉब लिंचिंग मानने से इनकार कर रही है। यह वही पुलिस है जिसने कुछ दिन पहले इस मामले में न्याय की माँग करते हुए कैंडल मार्च निकालने वालों पर एफआईआर की थी। फिर रुपेश के परिजनों से मिलने जा रहे बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को एयरपोर्ट पर ही रोक दिया था। अब उसके श्राद्ध में शामिल होने जा रहे बीजेपी नेताओं को भी रोक दिया है। पुलिस-प्रशासन का यह रवैया तब सामने आ रहा है जब पीड़ित परिवार न्याय के लिए धरने पर बैठा हुआ है।
रुपेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी ऑपइंडिया के पास मौजूद है। डॉक्टर गौरव शर्मा ने बताया कि इससे पता चलता है कि चोट की वजह से खून के थक्के जम गए और इंटरनल ऑर्गन फेल हो गए थे। आँख, कान, छाती, पेट, पैर सहित पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। मजबूत और भारी सामान से हमला किया गया था। धारदार हथियार से हमला हुआ। गला दबाने की कोशिश की गई। कान, गले और छाती के निचले हिस्से में घाव थे। पोस्टमार्टम हत्या के अगले दिन 7 फरवरी को हुआ था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट
NCPCR करेगा जाँच
रुपेश पांडेय हत्याकांड का संज्ञान राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने लिया है। इसके चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने कहा है कि वे 20 फरवरी को हजारीबाग जाएँगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने पुलिस अधीक्षक हजारीबाग, केस के विवेचक, डीसीपीओ, सीडब्यूसी के साथ रुपेश का पोस्टमार्टम करने वाली डॉक्टरों की टीम को मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं।
लगाई धारा 144
हजारीबाग प्रशासन ने पूरे सदर अनुमंडल में धारा 144 लागू कर दी है। प्रशासन ने कुछ दलों और संगठनों द्वारा जुलूस निकाले जाने और धरना-प्रदर्शन के कारण टकराव का अंदेशा जताया है। इस आशय का आदेश 16 फरवरी को हजारीबाग के सदर दंडाधिकारी ने जारी किया।
आदेश
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद को पुलिस ने रोका
झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने ट्वीट कर बताया है कि उन्हें रुपेश के श्राद्धकर्म में शामिल होने से रोका गया है। उन्होंने ट्वीट किया, “क्या भारत के संविधान को हेमंत सरकार नहीं मानती है? पिछले 3 घंटों से मुझे प्रशासन द्वारा हजारीबाग जाने से रोका जा रहा है ताकि मैं रुपेश के श्राद्धकर्म में न जा सकूँ। लेकिन अब तक चरही में मौजूद पदाधिकारियों (प्रशसनिक अधिकारियों) ने मुझे कोई लिखित आदेश तक नहीं दिखाया है। यह तुगलकी शासन को दर्शाता है।”
भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने भी झारखंड प्रशासन द्वारा खुद को रोके जाने का फोटो शेयर किया है। उन्होंने लिखा है, “दीपक प्रकाश जी के साथ हज़ारीबाग बॉर्डर पर मौजूद हूँ। झारखण्ड सरकार द्वारा हमें दिवंगत रुपेश पांडेय जी के परिजनों से मिलने जाने से रोका जा रहा है। राज्य सरकार का यह अलोकतांत्रिक रवैया बेहद गलत है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का संघर्ष जारी रहेगा।”
क्या भारत के संविधान को हेमंत सरकार नहीं मानती है ?
पिछले 3 घंटों से मुझे प्रशासन द्वारा हजारीबाग जाने से रोका जा रहा है ताकि मैं रूपेश के श्राद्धकर्म में न जा सकूँ लेकिन अब तक चरही में उपस्थित पदाधिकारियों ने मुझे कोई लिखित आदेश तक नहीं दिखाया है जो तुगलकी शाषन को दर्शाता है. pic.twitter.com/WMXQI5dve6
— Deepak Prakash (@dprakashbjp) February 18, 2022
क्या है FIR में?
ये घटना झारखंड के हजारीबाग के बरही थाना क्षेत्र की है। मृतक के चाचा अनिल कुमार पांडेय ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने बताया है कि रूपेश शाम के 5 बजे दुकान पर बैठा था, तभी उसके कुछ दोस्तों ने उसे सरस्वती पूजा विसर्जन में शामिल होने के लिए बुलाया। ये घटना 5 फरवरी, 2022 (रविवार) की है। चाचा ने बताया है कि कैसे असलम अंसारी उर्फ़ पप्पू मियाँ के नेतृत्व में मौजूद मुस्लिम भीड़ ने उनके भतीजे को पकड़ कर पीटा।
इस मामले में आरोपित हैं– असलम अंसारी, मोहम्मद नौशाद, मोहम्मद कैफ, मोहम्मद गुफरान, मोहम्मद चाँद, मोहम्मद ओसामा, मोहम्मद एहताम, मोहम्मद जाहिद, मोहम्मद सोनू, मोहम्मद फैसल, मोहम्मद शाहबाज, रब्बानी मियाँ, मोहम्मद आशिक, मोहम्मद जाशिद, मोहम्मद आशिक, मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद इरफ़ान, मोहम्मद सलमान उर्फ़ भाले, मोहम्मद छोटे, मोहम्मद इस्तेखार, मोहम्मद इकबाल, मोहम्मद हसन, मोहम्मद अनीस और मोहम्मद नौशाद।
प्राथमिकी में बताया गया है कि मॉब लिंचिंग में कई महिलाएँ भी शामिल थीं। इसमें लिखा है, “भीड़ ने मेरे भतीजे के सीने पर चढ़ कर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। वहाँ मौजूद कुछ लोगों ने देखा कि भीड़ मेरे भतीजे की छाती पर चढ़ कर उसे लगातार पीट रहे थे। वहाँ से उसे अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया। ये एक मॉब लिंचिंग है, जिसमें समुदाय विशेष ने हत्या की है। इस घटना में शामिल सभी अज्ञात और नामजद लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।”