राममंदिर दर्शन से धकियाई गई कांग्रेस से राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा?
कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने छोड़ी पार्टी, बोलीं- मेरे अयोध्या जाने का हो रहा था विरोध
लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को एक और झटका लगा है. छत्तीसगढ़ से कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने त्यागपत्र देते हुए कहा कि आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं.
नई दिल्ली,06 मई 2024,लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को एक और झटका लगा है.छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने इस्तीफा दे दिया और कहा कि आज अत्यंत पीड़ा से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं. साथ ही अपने पद से त्यागपत्र दे रही हूं.उन्होंने कहा कि हां, मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं और मैं अब वही कर रहीं हूं.राधिका ने कहा कि अपने और देशवासियों के न्याय को मैं निरंतर लड़ती रहूंगी.
राधिका खेड़ा ने अपने त्यागपत्र में लिखा कि हर हिंदू के लिए प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत अर्थवान है. रामलला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं.
राधिका ने लिखा कि मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए. जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया. आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है, क्योंकि मैं अयोध्या में रामलला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई.
उन्होंने लिखा कि मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया गया. मैंने हमेशा दूसरों के न्याय को हर मंच से लड़ाई लड़ी है, लेकिन जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने खुद को हारा हुआ पाया.
बता दें कि 30 अप्रैल को एक ट्वीट में राधिका खेड़ा ने दावा किया था कि वह “पुरुषवादी मानसिकता” से पीड़ित लोगों को बेनकाब करेंगी,रायपुर के राजीव भवन परिसर से राधिका खेड़ा का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.वीडियो में राधिका खेरा अपने प्रति अनादर को लेकर शिकायतें व्यक्त कर रही हैं.
आईआईटी अहमदाबाद से ताल्लुक रखने वाली राधिका खेरा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल रही थीं.साथ ही उनके पास छत्तीसगढ़ में मीडिया कॉर्डिनेटर का जिम्मा भी था.उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली की जनकपुरी सीट से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था,लेकिन वह AAP उम्मीदवार से हार गई थीं.
राधिका ने एक ट्वीट में कहा था कि माता कौशल्या के मायके में बेटी सुरक्षित नहीं हैं,पुरुषवादी मानसिकता से ग्रसित लोग आज भी बेटियों को पैरों तले कुचलना चाह रहे हैं.मैं जल्द ही इसका पर्दाफाश करूंगी.उन्होंने कहा था कि वह राम लला के ननिहाल में अपमानित महसूस कर रही हैं, उन्होंने भूपेश बघेल पर भी कटाक्ष किया,जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सुशील आनंद शुक्ला को नियुक्त किया था.
Former Congress Leader Radhika Kheda Serious Allegations On Party Leader Sushil Anand Shukla
मैं चिल्लाती रही लेकिन मेरी एक नहीं सुनी गई… राधिका खेड़ा ने कांग्रेस नेता पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद राधिका खेड़ा ने अपनी पूर्व पार्टी के नेता सुशील आनंद शुक्ला पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सुशील आनंद और उनके दो साथियों ने मेरे साथ बदतमीजी करने की कोशिश की। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी पर और भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
मुख्य बिंदु
कांग्रेस की पूर्व नेता राधिका खेड़ा ने पार्टी नेता पर लगाए गंभीर आरोप
राधिका खेड़ा ने कहा पार्टी के शीर्ष नेताओं ने भी मेरी नहीं सुनी
कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने मुझे ऑफर की शराब
लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे हैं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की नेता राधिका खेड़ा ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के नेता सुशील आनंद शुक्ला और उनके दो साथियों ने उनसे अभद्रता की कोशिश की। इतना ही नहीं, जब उन्होंने इसकी शिकायत पार्टी शीर्ष नेताओं से की तो तब भी उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। कांग्रेस की पूर्व नेता राधिका खेड़ा ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और जयराम रमेश तक सबको इस आपत्तिजनक घटना की जानकारी दी लेकिन आरोपित नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी।
राम मंदिर यात्रा के कारण किया गया परेशान
राधिका खेड़ा ने पार्टी पर आरोप लगाया कि अयोध्या राम मंदिर यात्रा के कारण उन्हें पार्टी नेताओं ने काफी परेशान किया। इसकी शिकायत उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सचिन पायलट, जयराम रमेश, भूपेश बघेल और पवन खेड़ा सहित अन्य नेताओं से की तो उसके बाद भी मेरी कोई सहायता नहीं की गई। उसके बाद ही राधिका खेड़ा ने पार्टी में पुरुषवादी मानसिकता को उजागर करने की कसम खा ली थी।
चुप रहने को मिला निर्देश
कांग्रेस की पूर्व नेता राधिका खेड़ा ने दावा किया कि उन्होंने जिस भी कांग्रेस नेता से बात की, उनमें से हर एक ने उन्हें चुप रहने को कहा और पार्टी के साथ ‘तालमेल’ न रखने को फटकार लगाई। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जिक्र करते हुए खेड़ा ने आरोप लगाया कि सुशील आनंद के अपमान और मौखिक दुर्व्यवहार के बारे में जानने के बाद, पूर्व मुख्यमंत्री ने उन्हें छत्तीसगढ़ छोड़ने को कहा था। राधिका खेड़ा ने सुशील आनंद शुक्ला पर आरोप लगाया कि उन्होंने मेरे साथ बदतमीजी की और गाली भी दी। जब मैंने फोन पर रिकॉर्डिंग की धमकी दी तो उनके साथ कमरे में मौजूद दो लोग कमरा बंद कर मुझे गालियां देने लेगे। मैं चिल्लाती रही लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। उसके बाद मैंने दरवाजा धकियाया और प्रदेश महासचिव के कमरे में चली गई । वहां उनकी शिकायत की लेकिन वो एक बार भी अपनी कुर्सी से नहीं उठे।
राधिका खेड़ा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे अपने इस्तीफे में कहा कि उन्हें पार्टी में आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि वह राम मंदिर और राम लला की मूर्ति के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं सकीं । मैंने अपने जीवन के 22 साल इस पार्टी को समर्पित किए और एनएसयूआई से लेकर कांग्रेस के मीडिया विभाग तक पूरी ईमानदारी से काम किया। उसके बाद भी मुझे विरोध का सामना करना पड़ा क्योंकि मैं अयोध्या में राम का समर्थन करती हूं।
राधिका खेड़ा ने कांग्रेस नेता सुशील कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुझे भारत जोड़ो यात्रा में शराब ऑफर की थी। उन्होंने मुझे बार-बार फोन करके पूछा कि कौन सी शराब चाहिए। वह मेरे कमरे को भी बार-बार खटखटाते थे। जब मैंने इसकी शिकायत शीर्ष नेताओं से की तो किसी ने मेरी कोई मदद नहीं की। हालांकि मुझे बाद में अनुभूति हुई कि उनसे कोई मदद इसलिए नहीं मिली क्योंकि उनकी विचारधारा कांग्रेस के हिंदू विरोधी और राम विरोधी विचारों से मेल नहीं खाती थी।