निवेश को अंचल संपत्ति से बेहतर सोना
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Gold Rate Today: 7000 रुपये गिर चुका है सोना, अभी करेंगे निवेश तो फायदे में रहेंगे
सोने का भाव (Rate of Gold) पिछले साल अगस्त में 56200 रुपये के ऑल टाइम हाई स्तर पर पहुंचा था लेकिन उसके बाद से इसमें करीब 7000 रुपये की गिरावट आई है। मौजूदा रिस्क एसेसमेंट्स का झुकाव सोने और डॉलर जैसे सुरक्षित एसेट्स के बजाय रिस्की एसेट्स की तरफ है। वैक्सीनेशन प्रोग्राम पूरी दुनिया में इकॉनमी के लिए उम्मीद की किरण नजर आ रहा है। लेकिन अमेरिकी की ओर से ज्यादा स्टीम्युलस उपायों और 1.9 ट्रिलियन डॉलर के पैकेज से निकट भविष्य में सोने की कीमतों में तेजी आने की उम्मीद है।
Gold Rate Today: 7000 रुपये गिर चुका है सोना, अभी करेंगे निवेश तो फायदे में रहेंगे
जानकारों का कहना है कि परिस्थितियां चाहे जो भी हों, ईजी मनी पॉलिसी, कमजोर डॉलर और संक्रमण के बढ़ते मामलों से आने वाले दिनों में सोने की कीमतों (Rate of Gold) में तेजी आएगी। अगले एक महीने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने का स्पॉट प्राइस 1920 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है जबकि MCX पर यह 50400 रुपये प्रति 10 ग्राम के रेट तक पहुंच सकता है। अभी इंटरनैशनल मार्केट में यह 1,862.30 डॉलर प्रति औंस चल रहा है जबकि MCX पर शुक्रवार को यह 49190 रुपये के भाव पर बंद हुआ।
इस हफ्ते 500 रुपये महंगा हुआ सोना
इस हफ्ते सोने की कीमत (Rate of Gold) में 488 रुपये की तेजी देखने को मिली। एमसीएक्स (MCX) पर फरवरी डिलीवरी वाला सोना पिछले हफ्ते शुक्रवार को 48702 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। इस हफ्ते शुक्रवार को यह 258 रुपये की गिरावट का साथ 49190 रुपये के भाव पर बंद हुआ। दिल्ली सर्राफा बाजार की बात करें तो इस सप्ताह सोना 646 रुपये प्रति 10 ग्राम मंहगा हुआ। पिछले शुक्रवार को सोना 48215 रुपये के भाव पर बंद हुआ था जबकि इस शुक्रवार को यह 48861 रुपये पर बंद हुआ। इस हफ्ते लगातार चार दिन सोने की कीमतों में तेजी आई लेकिन शुक्रवार को यह गिरावट के साथ बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने की कीमत में इस हफ्ते 1.5 फीसदी की उछाल आई। डॉलर की कमजोरी और यूएस यील्ड के स्थिर रहने से सोने की चमक बढ़ी।
डॉलर की कमजोरी से फायदा
सोने की तरह डॉलर को भी निवेश के लिहाज से सेफ हैवन माना जाता है। पिछले साल डॉलर की कीमत में 6 फीसदी की गिरावट आई थी और इस साल इसके और गिरने की संभावना है। डॉलर की कीमत में गिरावट और सोने की कीमत का आपस में संबंध है। अगर डॉलर और गिरता है तो आने वाले महीनों में सोने की कीमत में तेजी आएगी। इसके उलट अगर डॉलर मजबूत होता है तो सोने में गिरावट आएगी। जनवरी में डॉलर 1.4 फीसदी मजबूत हुआ है जिससे जनवरी में सोने की कीमत 3 फीसदी गिर चुकी है।
2020 में 28 फीसदी महंगा हुआ सोना
पिछला साल सोने के लिए बहुत ही शानदार (Gold Price in 2020) साबित हुआ है। बीते साल सोने की कीमत करीब 28 फीसदी तक बढ़ी। अगस्त के महीने में तो सोने-चांदी ने एक नया रेकॉर्ड ही बना दिया था और अपना ऑल टाइम हाई का स्तर छू लिया था। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही सोने की कीमत बढ़ी। वैश्विक बाजार में भी सोना करीब 23 फीसदी महंगा हुआ। इससे पहले 2019 में भी सोने के दाम में बढ़ोतरी की दर डबल डिजिट में थी।
इंटरनैशनल स्तर पर क्या है स्थिति
भारत में सोने की कीमत ग्लोबल ट्रेंडस से प्रभावित होती हैं। वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण ग्लोबल इकनॉमिक रिकवरी के लिए मुश्किल हो गई है। इसके अलावा दुनियाभर में कम ब्याज दरों और यूएस डॉलर में कमजोरी सोने के लिए सकारात्मक हो सकती है। अभी गोल्ड स्पॉट 1900 डॉलर प्रति औंस के आसपास है। इस साल यह 1980 डॉलर और फिर 2050 डॉलर तक जा सकती है।
शेयर और रियल एस्टेट के मुकाबले सोना
रियल एस्टेट की तुलना में सोने ने काफी अधिक रिटर्न दिया है। रियल एस्टेट की कीमतों में पिछले कुछ समय से ठहराव आ गया है। होम प्राइस इंडेक्स 2020-21 की दूसरी तिमाही में 1.1 फीसदी बढ़ा जबकि उससे पिछली तिमाही में यह 2.8 फीसदी और पिछले साल की समान तिमाही में 3.3 फीसदी बढ़ा था। 2020 में गोल्ड ने सभी एसेट क्लास में सबसे अच्छा रिटर्न दिया। इसने शेयर और रियल एस्टेट से अच्छा रिटर्न दिया। पिछले साल बीएसई सेंसेक्स ने 15.75 फीसदी रिटर्न दिया।
क्या 2021 में भी बढ़ेगा सोना
दुनियाभर में प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती करके इस लगभग जीरो कर दिया है और कम से कम अगले एक साल तक ये इसी स्तर पर रहेगा। साथ ही मार्केट में लिक्विडिटी मुहैया कराने के लिए भी सेंट्रल बैंक्स आक्रामक रुख दिखा रहे हैं। इन सबका इकॉनमी पर असर होगा और इससे सोने की कीमतों में तेजी आएगी। दुनियाभर में लिक्विडिटी पुश से सोने की कीमतें बढ़ेंगी
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