धर्म कोई पगड़ी नहीं जो जब मर्जी पहन लो, उतार लो: आचार्य श्री सौरभ सागर महामुनिराज
*धर्म कोई पगड़ी नहीं जो जब मर्जी पहन लो उतार लो*
देहरादून 20 जुलाई 2025। उत्तराखंड के राजकीय अतिथि आचार्य श्री 108 सौरभ सागर महामुनिराज के मंगल सानिध्य में मंगल आशीर्वाद से 60 गांधी रोड स्थित *श्री आदिनाथ धर्मार्थ औषधालय* अंतर्गत *श्री दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर एव जैन भवन* गांधी रोड पर *प्रथम श्वास फाउंडेशन* द्वारा *श्री महंत इंद्रेश अस्पताल* के सहयोग से *निःशुल्क कैंसर स्वास्थ्य परीक्षण शिविर* आयोजित किया गया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से हिमालयन ड्रग्स कंपनी के एम डी डॉ एस फारूक , कैंट विधायक सविता कपूर उपस्थित रही।
भगवान पार्श्वनाथ की भक्ति आराधना के नवे दिन आज के *विधान के पुण्यार्जक प्रभु समर्पण समिति* रहे।पूज्य आचार्य श्री के पास बाहर से पधारे गुरुभक्तो का पुष्प वर्षायोग समिति द्वारा स्वागत अभिनन्दन किया गया।
भगवान पार्श्वनाथ की भक्ति *आराधना के नवे दिन
पूज्य आचार्य श्री सौरभ सागर ने कहा कि जैन दर्शन में छोटे से लेकर को जीव तक सभी के प्रति करुणा भाव होते है और जो करुणा की पराकाष्ठा से पहुंच जाते है उन्ही का पाडुकशिला पर अभिषेक होता है अन्य किसी का नहीं।
धर्म कोई सिर की पगडी नही है कि मौके पर पहन लो और उतार दो। धर्म तो शरीर की चमड़ी है जो मरते दम तक तुम्हारे साथ रहती है।
संसार में आदमी की सबसे बडी कमी यही है कि संसारी प्राणी हमेशा दूसरे के धन को ज्यादा एवं अपनी बुद्धि को ज्यादा मानता है। लेकिन उसको अगर सम्भलना है तो इसको उल्टा समझने लग जाए कि तुम्हारे पास बुद्धि ज्यादा है मेरे पास धन ज्यादा है। जिस दिन वो समझ लेगा कि मेरे पास धन ज्यादा है तो ज्यादा मेहनत नहीं करेगा और संतुष्ट होने लगेगा। और बुद्धि ज्यादा समझेगा तो अहंकार में अटक जाएगा। इसलिए हमें जीवन में आनन्दित रहना है तो दूसरे के धन को ज्यादा समझो कभी टेंशन में नहीं रहोगे।

