मज़हब ने ही उच्च शिक्षित साधन-संपन्न मुर्तजा का दिमाग पलटा
जन्नत में हूरें मिलेंगीं, वहां बीवी का क्या काम:ATS से बोला मुर्तजा- अल्लाह के घर जाना है तो सब छोड़ना होगा
गोरखपुर 10 अप्रैल।गोरखनाथ मंदिर का हमलावर मुर्तजा अब्बासी अब तक पहेली बना है। मुर्तजा के पिता उसे दिमागी बीमार साबित करने में लगे हैं, लेकिन ATS को वह बेहद शातिर लगता है। आईआईटी-मुंबई से केमिकल इंजीनियर मुर्तजा से वारदात के 8 दिन बाद आज NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) पूछताछ करेगी। NIA के तीन अफसर शनिवार को लखनऊ पहुंच चुके।
ATS को अब तक पूछताछ में मुर्तजा के जवाबों से लगता है कि वह झूठ नहीं बोल रहा। इससे ATS को किसी अंतिम निर्णय तक पहुंचने में मुश्किल आ रही है।
सिर्फ अल्लाह की सुनिए, जन्नत मिलेगी
मुर्तजा से शादी और फिर तलाक के बारे में सवाल किया गया तो उसने कहा- अल्लाह के घर जन्नत में बहुत सारी हूरें मिलेंगीं। वहां बीवी का क्या काम? जन्नत जाने को सबको छोड़ना होगा। मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ गोरखपुर आना, परिवार और समाज में किसी से मतलब नहीं रखना और कमरे में अकेले रहने के सवालों पर मुर्तजा तपाक से बोला कि अल्लाह के घर सिर्फ अल्लाह की सुनिए…अल्लाह से मतलब रखिए और उसी के बताए रास्तों पर चलिए, फिर जन्नत मिलेगी।
पुलिस की गिरफ्त में गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाला मुर्तजा।- फाइल
मुर्तजा के बड़े पिता लखनऊ तलब, ATS को ईमेल कर बोले- मैं बुजुर्ग हूं, नहीं आ सकता
मुर्तजा के ताऊ डॉक्टर केए अब्बासी को पूछताछ और बयान दर्ज कराने ATS ने लखनऊ बुलाया, लेकिन उन्होंने ATS मुख्यालय को ईमेल भेजकर जवाब दिया। धारा-160 CRPC का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है। वे लखनऊ जाकर बयान दर्ज कराने में असमर्थ हैं। वह बयान दर्ज कराने गोरखपुर ATS दफ्तर पहुंचे, लेकिन यहां संबंधित अधिकारी नहीं होने से उनका बयान दर्ज नहीं हो सका है।
परत- दर-परत खोलने में जुटी ATS
हालांकि ATS टीम लगातार इस मामले की परत-दर-परत खोलकर मामले की तह तक पहुंचने में जुटी है। यही वजह है कि PGI और KGMU जैसी संस्थाओं के डॉक्टरों के पैनल बोर्ड से ATS मुर्तजा का मेडिकल चेकअप कराने की भी तैयारी कर रही है, ताकि यह साफ हो सके कि इतनी बड़ी वारदात और उसके जेहन में भरे जहर की असल वजह क्या है? फिलहाल ATS उसके बैंक खातों को ब्लॉक कराकर उसके सभी ट्रांजैक्शन खंगाल रही है।
विदेश में इस्लामिक संस्थाओं को भेजता था पैसे
मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे हर रोज इस केस में नए खुलासे हो रहे हैं। मुर्तजा के बैंक ट्रांजैक्शन भी सामने आए हैं। दावा किया जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों ने जून 2021 में क्रेडिट कार्ड से मुर्तजा द्वारा किए गए ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया है। इसमें पता चला है कि मुर्तजा कई इस्लामिक संस्थाओं को पे-पाल ऐप के जरिए विदेश में पैसे भेजता था।
जून 2021 में उसके क्रेडिट कार्ड से एक के बाद एक कई ट्रांजैक्शन किए जाने की बात सामने आई है। सुरक्षा एजेंसियों को कई इस्लामिक संस्थाओं में 22000, 700, 16594, 16622 और 22907 रुपए के ट्रांजैक्शन का ब्योरा मिला है। उसने बीते 4 से 5 महीने में शमीउल्लाह नाम के व्यक्ति के खाते में कई बार हजारों रुपए भेजे थे।
मुर्तजा ने जिहाद की ली थी ऑनलाइन शपथ
मुर्तजा के पैसे ICICI, फेडरल और HDFC बैंकों के तीन खातों में थे। उसके पास ICICI बैंक का भी एक क्रेडिट कार्ड था। यही नहीं, इससे पहले मुर्तजा के पास से जानकारी मिली थी कि वह सीरिया की एक युवती के साथ संपर्क में था। कई बार उसने अपनी महिला मित्र को ऑनलाइन पैसा भी ट्रांसफर किया और जिहाद की ऑनलाइन शपथ भी ली थी।
महाराजगंज से पकड़ा गया मुर्तजा का परिचित
ATS ने महाराजगंज से उसके परिचित को भी पकड़ा है। नेपाल से लौटने के बाद मुर्तजा इसी से मिला था। संभल के मियां सराय निवासी मुर्तजा के परिचित की तलाश भी ATS को है।
मुर्तजा के पूरे नेटवर्क और उसके विदेशी कनेक्शन तक पहुंचने को NIA इस केस को टेकओवर कर सकती है।
मुर्तजा के कोडवर्ड डीकोड, मंसूबे बेनकाब:जिहादी गुरुओं से अरबी में बात , बख्शीश यानी आतंकी फंडिंग और खटमल का मतलब पुलिस
मुर्तजा से मिली मजहबी किताब में उसके जिहादी मंसूबों के कोडवर्ड भी हैं। वह जिहाद के अपने गुरुओं से इसी कोड में बातचीत करता था। ATS ने इनमें से कुछ शब्दों को डीकोड कर उसके मायने निकाले तो मुर्तजा के खतरनाक इरादे सामने आए।
ATS को मुर्तजा के घर से मिले जिहादी लिटरेचर में एक अरबी किताब भी है। शुरुआती जांच में माना गया था कि धर्म निष्ठा में मुर्तजा इसे पढ़ता था। मुर्तजा के साथ ATS वह किताब भी लखनऊ मुख्यालय ले आई। यहां बारीकी से जांच में किताब में कई शब्दों को हाईलाइटेड पाया।
ATS ने अरबी के जानकारों से इन शब्दों के मायने पूछे तो मुर्तजा के जिहादी मंसूबे सामने आए। मुर्तजा ने आतंकी आकाओं से बातचीत के लिए अरबी के इन्हीं शब्दों को कोडवर्ड बना रखा था ताकि सुरक्षा एजेंसियां पकड़ न पाएं।
पुलिस की गिरफ्त में गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाला मुर्तजा।
मुर्तजा की किताब के आतंकी कोड
1. उड़ान (رحلة طيران)
देश में या देश के बाहर फोन पर बात करते समय फ्लाइट को अरबी में rihlat tayaran (रिहलत तयारान) बोला जाता था। इसका मतलब उड़ान होता है। मुर्तजा ने किताब में इस शब्द को मार्कर से हाईलाइट किया था।
2. संघर्ष (الجهاد)
मुर्तजा का ब्रेनवॉश करने के लिए अरबी के aljihad (अलजिहाद) शब्द का प्रयोग होता था। किताब में इस शब्द को भी मार्क किया गया है ताकि हर वक्त याद रहे। जिहाद के अर्थ पर मतभेद हैं। आमतौर पर इसे इस्लामी हुकूमत के लिए संघर्ष करने से समझा जाता है। कुरान के कई व्याख्याता जिहाद का अर्थ अपनी बुराइयों पर विजय पाने या संघर्ष से लेते हैं।
तीन अप्रैल की शाम गोरखनाथ मंदिर में तैनात PAC जवानों पर मुर्तजा ने हमला किया था। ATS हमलावर मुर्तजा से पूछताछ कर रही है।
3. आकाश (سماء )
मुर्तजा को फिदायीन बनाने के लिए उसे जन्नत के बारे में जानकारी दी जाती थी। अरबी शब्द sama (समाउन) को उसकी किताब में हाईलाइट किया गया है। इस शब्द का मतलब आकाश होता है।
4. अब्दुल्ला (عبد الله)
मुर्तजा को जिहाद के रास्ते पर ले जाने वाले बातचीत में उसका नाम न लेकर उसे अरबी के eabd allah यानी अब्दुल्ला कहकर बुलाते थे। इस शब्द का मतलब अल्लाह का बंदा होता है।
5. मेहमान (ضيف)
मुर्तजा से मिलने के लिए जब भी कोई बाहरी आता था तो उसे पहले इसकी जानकारी दी जाती थी। इसके लिए अरबी में dayf (दइफुन) बोला जाता था जिसका मतलब मेहमान है।
6. बख्शीश (بخشيش)
मुर्तजा के साथ जब भी फंडिंग से संबंधित कोई बातचीत होती थी तो उसको अरबी में संदेश जाता था कि बख्शीश भेज दी गई। bikhashish शब्द का संदेश मुर्तजा को मिलता, जिसका मतलब पैसा पहुंच गया।
7. खटमल (بق الفراش)
मुर्तजा से बातचीत में पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को खटमल बोला जाता था। उसे अलर्ट करने के लिए अरबी में baq alfirash (बक अलफिराशी) शब्द का प्रयोग होता था, जिसका मतलब खटमल आसपास हैं।
गजवा-उल-हिंद के आतंकियों से होगा सामना
लखनऊ से जुलाई में पकड़े गए अलकायदा समर्थित गजवा-उल-हिंद संगठन के आतंकियों से मिली डायरी में भी ऐसे ही कोड वर्ड थे। ATS अफसरों का कहना है कि आतंकी संगठन भारतीय युवाओं को जिहादी बनाने को अरबी भाषा प्रयोग कर रहे हैं। यह कठिन भाषा है जिसे जल्दी समझा नहीं जा सकता। मुर्तजा भी उसी संगठन से ताल्लुक रखता हो सकता है। इसका पता लगाने को जेल में बंद मिनहाज और उसके साथियों के सामने मुर्तजा से पूछताछ होगी।
मुर्तजा की ATS पूछताछ में 21 बड़े खुलासे :नेपाली खाते से सीरियाइयों को भेजे लाखों रुपए; यमन-अमेरिकी इमाम थे गुरु
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर पर हमलावर अहमद अब्बास मुर्तजा से हिरासत में पूछताछ कर रही ATS को उसके इस्लामिक गुरु के बारे में जानकारी हाथ लगी है। मुर्तजा यमन-अमेरिकी इमाम अनवर अल हलाकी को गुरु मानता था। इस्लामिक अवेकिंग फोरम पर इस्लाम से जुड़ी बातें सुन सवाल पूछता था। उसके लैपटॉप से सीरिया और ISIS के हमले के कई वीडियो मिले हैं।
यूपी ATS ने मंगलवार पूरी रात उससे पूछताछ की।
आइए आपको ATS के सामने आए 21 नए फैक्ट्स के बारे में बताते हैं…
उसने 29 डालर में इंटरनेशनल सिमकार्ड खरीदा था।
पढ़ाई करते हुए ही सीरिया की विचारधारा से हो चुका था प्रभावित
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, अहमद मुर्तजा अब्बासी ने कबूल किया कि उसने 29 डॉलर में इंटरनेशनल सिमकार्ड खरीदा जिससे उसने फेसबुक और टेलीग्राफ पर अकाउंट बनाएं। इसी से सीरिया, अरब क्रांति और ISIS संबंधित वीडियो देखता था।
वीडियो को देखकर वो इतना प्रभावित हुआ कि 2012 से 2015 के बीच पढ़ाई के दौरान ही इसने नेपाली खातों से सीरिया पैसा भेजा । 2020-21 में भी उन्हीं नेपाली खातों में करीब 8 लाख रुपए सीरिया भेजे थे।
मुर्तजा ने 2013 में पासपोर्ट बनवाया, सऊदी गया
मुर्तजा 30 साल का है। लखनऊ के सेंट जॉन वास्को स्कूल से कक्षा पहली और दूसरी की पढ़ाई की। मुंबई के डीएवी कॉलेज से 12वीं तक पढ़ाई की। 2010 में आईआईटी मुंबई में एडमिशन लिया। रैंक भी अच्छी हासिल की। 2015 में यहां से पास हुआ था।
आईआईटी मुंबई में ही पढ़ाई के दौरान सीरिया में होती घटनायें इंटरनेट पर देखने लगा था। 2011-12 में उसका झुकाव सीरिया की तरफ पूरी तरह से हो गया। 2013 में मुर्तजा का पासपोर्ट बना। 2015 में पिता के साथ सऊदी उमरा करने गया। उसने ATS को बताया कि दो कंपनियों में नौकरी की लेकिन तबीयत खराब होने पर नौकरी छोड़ दी।
उसको लगता था वो जन्नत में है, अल्लाह उससे खफा है
मुर्तुजा को लगने लगा था कि मुस्लिमों को पूरी दुनिया परेशान कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में अब्बास ने बताया कि 2017 में इंटरनेट पर कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखने लगा। यहीं उसको ऐसे विचार आने लगे कि वो जन्नत में है, अल्लाह उससे खफा है। मुर्तजा को लगा कि वो होमोसेक्सुअल है। ये बात घरवालों को पता चली तो उन्होंने इसका इलाज कराया। डॉक्टरों ने ये हाइपोमेनिया बीमारी करार दी।
जून 2019 में इसकी शादी जौनपुर के मुल्ला टोला निवासी लड़की से हुई । जनवरी 2020 में तलाक हो गया । जनवरी 2020 से ही ये हाईटेक कंप्यूटर कोडिंग सीखने लगा। तभी फिर से सीरियाइयों के संपर्क में आया। उनसे प्रभावित होकर 8 लाख रुपए नेपाली खातों से उन्हे दे दिए। मुर्तुजा को लगने लगा था कि मुस्लिमों को पूरी दुनिया परेशान कर रही है।
सहपाठियों पर आता था गुस्सा, करता था हत्याओं की प्लानिंग
बड़ा खुलासा ये भी हुआ कि मुंबई IIT में जब वो पढ़ता था, तब अगर कोई आतंकी पकड़ा या मारा जाता , तो उसके सहपाठी खुश होते तो उसे बहुत गुस्सा आता था। और वो अपने सहपाठियों को मारने के बारे में सोचता था।
ATS को पता चला कि मुंबई में इसका आवास ताज हाइट्स प्लांट नम्बर 69 नवी मुंबई में है। उसका जन्म 5 जनवरी 1992 को गोरखपुर में अब्बासी नर्सिंग होम में हुआ था।