केदारनाथ से लौटता हैलीकॉप्टर क्रैश,पायलेट समेत तीन राज्यों के सात तीर्थयात्री दिवंगत

RUDRAPRAYAG/HELICOPTER CRASH IN BANSWARA NEAR KEDARNATH
BIG NEWS: केदारनाथ के पास गरुड़चट्टी में हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट समेत 7 लोगों की मौत

Helicopter crash in Kedarnath
केदारनाथ के पास बांसबाड़ा से ऊपर गरुड़चट्टी में हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है. दुर्घटना में पायलट समेत सात लोगों की मौत की खबर है. विशेष प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) अभिनव कुमार ने इसकी पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि सभी यात्री दक्षिण भारत से थे. दुर्घटना का कारण घना कोहरा बताया जा रहा है.

केदारनाथ 18 अक्टूबर: उत्तराखंड में आज बड़ी दुर्घटना हो गयी है. दोपहर करीब 12 बजे केदारनाथ से दो किलोमीटर पहले एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. बताया जा रहा है कि दुर्घटना गरुड़चट्टी में हुई. हेलीकॉप्टर आर्यन कंपनी का बताया जा रहा है. हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 7 लोग सवार थे, जो केदारनाथ से वापस लौट रहे थे. सभी की मौत हो गई है. मरने वालों में चार पुरुष (पायलट सहित) और तीन महिलाएं शामिल हैं. विशेष प्रमुख मुख्यमंत्री अभिनव कुमार ने इसकी पुष्टि की है. सभी यात्री दक्षिण भारत के बताए जा रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
रेस्क्यू टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है. दुर्घटना की वजह घना कोहरा बताया जा रहा है. हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ बेस कैंप से नारायण कोटी-गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी थी. मिली जानकारी के मुताबिक, आर्यन कंपनी का यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ (Kedarnath Helicopter crash) से श्रद्धालुओं को लेकर वापस लौट रहा था, केदारनाथ से दो किलोमीटर पहले ये दुर्घटना हो गई. बताया जा रहा है कि जिस रास्ते पर ये दुर्घटना हुई है वो केदारनाथ धाम का पुराना रास्ता था.

गरुड़चट्टी में हेलीकॉप्टर क्रैश.

हेलीकॉप्टर में सवार यात्रियों के नाम-

कृति ब्राड (55 वर्ष)पूर्वा रामानुज (68 वर्ष)उर्वी (69 वर्ष)सुजाता (75 वर्ष)प्रेम कुमार (62 वर्ष)काला (73 वर्ष)अनिल सिंह (पायलट)
बता दें कि केदारनाथ में अभी मौसम खराब है. यहां बर्फबारी हो रही है. इससे पहले साल 2019 में भी केदारनाथ में हेलीकॉप्‍टर क्रैश हुआ था. केदारनाथ से यात्रियों को लेकर फाटा के लिए उड़ान भरते समय हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने से पायलट को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी और इस दौरान हेलीकॉप्‍टर क्रैश (Helicopter crash in Kedarnath) हो गया था. वहीं, इस दुर्घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय नागरिक उड्डयन ज्योतिरादित्य सिंधिंया समेत कई लोगों ने दुख जताया है.

Helicopter Crash In Kedarnath Reason Correct Information About Wind Direction And Pressure Is Not Available
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बाबा केदार दर्शन कराने को 18 साल से हेली सेवा संचालित हो रही है। लेकिन,अभी तक व्यवस्थित उड़ान को कहीं भी एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर स्थापित नहीं किया गया है। जबकि,बीते छह वर्षों में भारतीय सेना का एमआई-26 और चिनूक हेलीकॉप्टर भी यहां लैंड कर चुके हैं।

समुद्रतल से 11750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ तीन तरफा पहाड़ियों से घिरा है। सिर्फ केदारघाटी वाला क्षेत्र है,जो वी आकार का है और यही केदारनाथ पहुंचने का एकमात्र रास्ता भी है। मंदाकिनी नदी का स्पान काफी कम होने से दोनों तरफ ऊंची पहाड़ियां और घाटी बहुत ही संकरी । साथ ही यहां मौसम कब खराब हो जाए,कहना मुश्किल है।

चटक धूप के बीच पलभर में पहाड़ियों के ओट से बादलों का झुंड और कोहरे की चादर पूरे क्षेत्र में ऐसे फैल जाती है कि कई बार 50 मीटर तक भी साफ नहीं दिखाई देता। हालात यह हैं कि केदारघाटी के हेलीपैडों से लेकर केदारनाथ हेलीपैड पर हेली कंपनियों के कर्मचारी अपने-अपने हेलीकॉप्टरों की उड़ान को रंग-बिरंगी झंडी लगाकर हवा की दिशा और दबाव का अनुमान लगाते हैं।

केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश

केदारनाथ के लिए 18 वर्ष पूर्व 2004 में अगस्त्यमुनि से केदारनाथ को पहली बार हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हुई थी। जून 2013 की आपदा बाद केदारनाथ यात्रा को सरल व सुलभ बनाने को धरातल पर रत्तीभर इंतजाम भी नहीं हुए। केदारनाथ में हवा की दिशा और दबाव में की कोई जानकारी नहीं मिल पाती है, जिससे दुर्घटना का खतरा रहता है। हैरत यह है कि बीते एक दशक मेें केदारनाथ क्षेत्र में हेलीकॉप्टर क्रैश होने व तकनीकी खराबी की दस घटनाओं के बाद भी यूकाडा और उत्तराखंड सरकार गंभीर नहीं है।

केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश

वन क्षेत्र में काफी नीची उड़ान भरते हैं हेलीकॉप्टर

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग द्वारा केदारघाटी से केदारनाथ के लिए उड़ान भरने के लिए हेलीकॉप्टर के लिए नदी के तल से 600 मीटर की ऊंचाई तय की गई है। बावजूद, अधिकांश कंपनियां इस नियम का पालन नहीं करती हैं। उनके हेलीकॉप्टर वन क्षेत्र में काफी नीची उड़ान भरते हैं। यहां तक कि इस वर्ष जून में दो कंपनियों के हेलीकॉप्टर तो केदारनाथ से बदरीनाथ के लिए तुंगनाथ के रास्ते होकर उड़ान भरकर चले गए थे। शासन तक पहुंचे इस मामले में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश

पायलट की जिद ने ले उसके समेत छह यात्रियों की जान

केदारनाथ में वर्षों से निवास कर रहे संत ललित रामदास जी महाराज ने कहा कि पायलट की हठ ने छह यात्रियों की जान ले ली। बताया कि पहले हेलीकॉप्टर में पांच यात्रियों को बिठाया गया था। इसके बाद हेलीकॉप्टर टेकऑफ करने लगा। लेकिन फिर, हेलीकॉप्टर रूका और छठे यात्री को भी बिठाने के बाद गुप्तकाशी के लिए घने कोहरे के बीच रवाना हो गया।

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश

हेलीपैड से बमुश्किल चार सौ मीटर आगे पहुंचकर तेज धमाके के साथ पहाड़ी से टकराकर धू-धूकर जलने लगा। उन्होंने बताया कि जो दुर्घटना हुई है, वह हेली कंपनियों की मनमानी का घातक नतीज़ा है। केदारनाथ में अचानक मौसम खराब हो गया तो हेलीकॉप्टर उड़ान तत्काल बंद होनी चाहिए थी लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया। उन्होंने उत्तराखंड सरकार और यूकाडा से मामले की त्वरित जांच की मांग की है।

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश

यूकाडा को केदारनाथ में सुरक्षित हेलीकॉप्टर सेवा को उचित इंतजाम को पत्र भेजा जा चुका। साथ ही मौखिक रूप से भी पूर्व में कहा गया है। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
— मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग

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