RSS प्रचारक बने केरल के पूर्व DGP जैकब थॉमस

‘आरएसएस एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना चाहता है’, केरल के पूर्व डीजीपी डॉक्टर जैकब थॉमस संघ में हुए शामिल

केरल के पूर्व पुलिस प्रमुख डॉक्टर जैकब थॉमस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में शामिल हो गए हैं। महानवमी के अवसर पर डॉक्टर थॉमस ने आरएसएस गणवेश पहनकर एक कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि आरएसएस का उद्देश्य सांस्कृतिक रूप से सशक्त व्यक्तियों का निर्माण करना है। डॉक्टर थॉमस ने पहले भाजपा का दामन थामा ।

नई दिल्ली। केरल के पूर्व पुलिस प्रमुख डॉक्टर  जैकब थॉमस स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में शामिल हो गए हैं।

महानवमी के अवसर पर, 1 अक्टूबर को डॉक्टर थॉमस ने पल्लिक्करा में संगठन के एक कार्यक्रम में पारंपरिक आरएसएस गणवेश पहनकर भाग लिया। कार्यक्रम में बोलते हुए, पूर्व डीजीपी ने कहा कि आरएसएस का उद्देश्य सांस्कृतिक रूप से सशक्त व्यक्तियों का निर्माण करना है।

डॉक्टर जैकब थॉमस ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, “हमारे बीच ऐसे और अधिक व्यक्तियों के आने से समाज मजबूत होगा और इससे राष्ट्र को मजबूती मिलेगी। इसलिए, आरएसएस व्यक्तियों के माध्यम से एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना चाहता है।”

2021 में सम्मिलित हुए भाजपा में
उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस में कोई जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्रीय गुटबाजी नहीं है।  डॉक्टर थॉमस, केरल में सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) के पूर्व निदेशक भी रहे हैं, 2021 में भाजपा में शामिल हुए थे और  हाल ही में उन्होंने संगठन में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा की थी।

Who Is Thomas Jacob Rss Joiner Who Once Caused A Stir In Kerala By Chanting Jai Shri Ram
कौन हैं आरएसएस जॉइन करने वाले थॉमस जैकब, कभी जय श्री राम का जयकारा लगाकर मचा दी थी केरल में खलबली
केरल के पूर्व डीजीपी डॉक्टर जैकब थॉमस आरएसएस में पूर्णकालिक प्रचारक बन चुके। पूर्व डीजीपी डॉक्टर जैकब थॉमस ने 2019 में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में लोगों से ‘जय श्री राम’ बोलने की अपील की थी। 2017 में ओखी चक्रवात बाद केरल सरकार की आलोचना करने पर वें सस्पेंड हो गए थे।

केरल के पूर्व डीजीपी डॉक्टर जैकब थॉमस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में पूर्णकालिक प्रचारक बन गये। वामपंथ के गढ़ केरल में एक पूर्व अधिकारी के संघी बनने पर लोग हैरान हैं। जैकब थॉमस क्रिश्चियन है और आरएसएस की पहचान विशुद्ध हिंदुत्ववादी है। सच यह है कि डॉक्टर जैकब थॉमस सार्वजनिक समारोह में जय श्री राम का उद्घोष करने वाले सरकारी अधिकारी रहे हैं।

कार्यक्रम में स्वयंसेवक होने की घोषणा
कभी सितारों सजी खाकी वर्दी वाले डॉक्टर जैकब थॉमस एक अक्टूबर को पल्लिक्कारा के आरएसएस कार्यक्रम में काली टोपी, सफेद शर्ट और खाकी पैंट में दिखे। कार्यक्रम में उन्होंने खुद के स्वयंसेवक होने की घोषणा भी की। थॉमस ने कहा कि संघ का उद्देश्य सांस्कृतिक रूप से सशक्त व्यक्ति निर्मित करना है।

चर्चित रहा है जैकब थॉमस का करियर
डॉक्टर जैकब थॉमस का पुलिस करियर चर्चित रहा है। पिनरई विजयन सरकार ने 2016 में उन्हें विजिलेंस डायरेक्टर बनाया था। तभी केरल के तत्कालीन मंत्री ई.पी. जयराजन पर अपने परिजनों को पब्लिक सेक्टर में महत्वपूर्ण पदों पर नौकरियां देने के आरोप लगे। मंत्री पर पुलिस मुकदमा भी  हुआ जिससे डॉक्टर जैकब थॉमस पिनरई विजयन सरकार की नजरों में खटकने लगे। साल 2017 में ओखी चक्रवात बाद उन्होंने राहत और बचाव कार्यों को लेकर केरल सरकार की आलोचना की थी तो उनको पुलिस सेवा से सस्पेंड कर दिया गया था।

लोगों से ‘जय श्री राम’ बोलने की अपील की
साल 2019 में क्रिश्चियन धर्म मानने वाले डॉक्टर जैकब थॉमस ने रामायण उत्सव कार्यक्रम में लोगों से ज्यादा से ज्यादा ‘जय श्री राम’ बोलने की अपील की। उन्होंने कहा कि भगवान राम सत्यता, धार्मिकता, न्याय और नैतिकता के अवतार थे। देश में राक्षसी कार्य देखते हुए जय श्री राम जप जरूरी है। उन्होंने कहा था कि हम ऐसा देश नहीं बन सकते जहां ‘जय श्री राम’ कहना गैरकानूनी हो। इसलिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा ‘जय श्री राम’ बोलना चाहिए।

जानिए कौन हैं डॉक्टर जैकब थॉमस?
1960 में जन्मे जैकब थॉमस की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई टीकोय के सेंट मैरी हाई स्कूल में हुई। जन्म केरल के कोट्टायम जिले के गांव टीकोय के निवासी जैकब केएयू से बीएससी एग्रीकल्चर ग्रेजुएट हैं। उन्होंने सेंट जॉर्ज कॉलेज अरुविथुरा से प्री-डिग्री कोर्स पूरा किया। इसके बाद, उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली से पीजी और पीएचडी की डिग्री पाई। दूसरी पीएचडी उन्होंने ह्यूमन रिसोर्स डिवेलपमेंट में पूरी की। डॉक्टर जैकब ने एनवायरनमेंट और सस्टेनेबल डेवलेपमेंट में पीजी डिप्लोमा की डिग्री भी ली। 1984 में डाॅक्टर जैकब ने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई और 1985 में वह आईपीएस बने। डॉक्टर जैकब थॉमस केरल के तेजतर्रार अफसरों में शामिल रहे।

गत वर्ष केरल कैडर की प्रथम महिला आईपीएस अधिकारी,पूर्व डीजीपी आर श्रीलेखा भाजपा में शामिल हुई थीं। इनके अलावा पूर्व डीजीपी टी पी सेनकुमार भी संघ परिवार से जुड़ गए हैं।

जैकब की पृष्ठभूमि 

​केरल सरकार ने डीजीपी डॉक्टर जैकब थॉमस को निलंबित किया
​   चक्रवात पर सरकार की प्रतिक्रिया की उनकी आलोचना बनी कार्रवाई का कारण

तिरुवनंतपुरम 21 दिसंबर, 2017। ​राज्य सरकार ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक जैकब थॉमस को अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित रहने तक निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने ऐसा आचरण किया जो “राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक” था।
​केरल के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पर यह “अद्वितीय” कार्रवाई, 9 दिसंबर को यहां प्रेस क्लब में भ्रष्टाचार विरोधी जागरूकता कार्यक्रम में उनकी टिप्पणियों पर पंद्रह दिन लंबी सरकारी जांच की परिणति है।
​जांच में पाया गया कि श्री थॉमस ने चक्रवात ओखी के बाद समुद्र में लापता मछुआरों को बचाने के राज्य के प्रयासों की आलोचना कर तटीय क्षेत्र में कानून और व्यवस्था तथा शांति खतरे में डाल दी थी।
​टिप्पणियाँ “भड़काऊ प्रकृति की और प्रथम दृष्टया ऐसी भावनायें बढ़ाने को थीं, जिसका तटीय क्षेत्र में कानून और व्यवस्था और शांति पर गंभीर असर पड़ सकता था।”
​श्री थॉमस ने कहा था कि अगर धनी लोग समुद्र में लापता होते तो सरकार की प्रतिक्रिया अलग होती। उन्होंने कन्नूर में एक सनसनीखेज राजनीतिक हत्या का अप्रत्यक्ष रूप से उल्लेख किया और कहा कि केरल में अपराध सचेतक (whistleblowers) डर में जी रहे हैं।
​’भड़काऊ टिप्पणियाँ’
​रिपोर्ट में कहा गया है कि श्री थॉमस ने “राज्य सरकार की विभिन्न गतिविधियों, नीतिगत फैसलों और कामकाज के खिलाफ कुछ स्पष्ट और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं।”
​उन्होंने टिप्पणी की कि राज्य में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार गरीबों के लिए नहीं, बल्कि अमीरों और भ्रष्ट तत्वों के लिए काम कर रही है और सत्ता में बैठे लोग भ्रष्टाचार से समझौता कर रहे हैं।”
​सरकार ने निष्कर्ष निकाला कि “चक्रवात आपदा के मद्देनजर,” श्री थॉमस के बयानों में “राज्य के प्रशासनिक तंत्र के बारे में लोगों के बीच असंतोष और नाराजगी पैदा करने” की क्षमता थी। यह “अनावश्यक और उनके जैसे उच्चाधिकारी के लिए अशोभनीय था।”
​श्री थॉमस ने “अपने पद की गरिमा और शोभा को नुकसान पहुंचाया। सरकार ने उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई कि “शासक अलोकप्रिय हैं और जन विश्वास नहीं जीत सकते।”
​सरकार ने कहा कि श्री थॉमस का आचरण अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 के नियम 3 (IA) में निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करता है।
​थॉमस की छवि एक भ्रष्टाचार विरोधी अभियानी की है । वह केरल के सतर्कता प्रमुख रह चुके हैं।

Kerala First Woman Ips Officer And Dgp Joins Bjp Who Is Sreelekha
इतने छापे मारे कि आर श्रीलेखा नाम हुआ रेड श्रीलेखा, BJP जॉइन कर चर्चा में आईं केरल की पहली महिला IPS

केरल कैडर की पहली महिला आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी और पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर श्रीलेखा बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गईं। भाजपा स्टेट यूनिट  अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने श्रीलेखा को शाम चार बजे उनके घर पर पार्टी सदस्यता दिलाई। सुरेंद्रन ने श्रीलेखा के पार्टी में शामिल होने पर खुशी जताई कि उनके अनुभव से भाजपा को लाभ होगा।
केरल में भाजपा सदस्य बनने वाली तीसरी IPS

श्रीलेखा भाजपा में शामिल होने वाली तीसरी डीजीपी हैं। पहले टीपी सेनकुमार और जैकब थॉमस BJP में शामिल हुए थे।

राइटर और यूट्यूबर भी हैं आर श्रीलेखा
श्रीलेखा लेखिका भी हैं और उनकी कविता संग्रह और क्राइम थ्रिलर सहित कई किताबें प्रकाशित हुई हैं। वह अपना यूट्यूब चैनल चलाती हैं।

33 साल आईपीएस पद पर रहीं
श्रीलेखा 33 साल के शानदार करियर के बाद मार्च 2023 में अग्निशमन और बचाव सेवाओं की महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुईं।

पहले आरबीआई में करती थीं नौकरी
वे भारतीय रिजर्व बैंक में कुछ समय काम करने के बाद 1987 में आईपीएस बनी।

पीडिएट्रिक सर्जन हैं पति
श्रीलेखा का विवाह पीडियाट्रिक सर्जन और मेडिकल कॉलेज तिरुवनंतपुरम में प्रोफसर   डॉक्टर सेतुनाथ से हुआ  ।

निकनेम पड़ा रेड श्रीलेखा

वह सीबीआई में डायरेक्टर भी रहीं। उन्होंने इतने छापे मारे कि नाम रेड श्रीकला हो गया। कई लोग आज भी उन्हें रेड श्रीकला ही बुलाते हैं।

रिटायरमेंट पर नहीं करवाया समारोह

वह तब भी चर्चा में रहीं जब उन्होंने आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन को सूचित किया कि उनके लिए कोई सेवानिवृत्ति समारोह आयोजित न किया जाए।

कई हाई प्रोफाइल मामले किए डील

एक मामले की जांच में श्रीलेखा ने सूचना आयुक्त निलंबित करने की सिफारिश की थी जिससे मामले ने खूब तूल पकड़ा था।

मुसलमानों पर टिप्पणी बाद भाजपा ने केरल के पूर्व पुलिस प्रमुख टीपी सेनकुमार को पार्टी में न्योता
सेवानिवृत्ति के लगभग सप्ताहभर बाद, टीपी सेनकुमार ने राज्य में मुस्लिम जन्म दर वृद्धि पर चेता ‘लव जिहाद’ की बात कही।

10 जुलाई 2017,केरल भाजपा अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन ने कहा कि टीपी सेनकुमार का बयान भाजपा की स्थिति पुष्ट करता है और उनका भाजपा में स्वागत है. राजशेखरन ने कहा कि टीपी सेनकुमार का बयान भाजपा की स्थिति को पुष्ट करता है और उनका भाजपा में स्वागत है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केरल के सेवानिवृत्त पुलिस प्रमुख टी.पी. सेनकुमार को राजनीति में आमंत्रित किया। सेनकुमार की टिप्पणी को कुछ लोगों ने मुस्लिम विरोधी माना था।

शनिवार को, अपनी सेवानिवृत्ति के सप्ताहभर बाद, सेनकुमार ने क्षेत्रीय पत्रिका को दिए साक्षात्कार में राज्य में मुस्लिम जन्म दर में वृद्धि के प्रति चेतावनी दी और कहा कि मुस्लिम पुरुषों के हिंदू लड़कियों को इस्लाम में धर्मांतरित करने को बहलाने-फुसलाने का ‘लव जिहाद’ केरल में एक वास्तविकता है और आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट की गतिविधियों की तुलना भाजपा के वैचारिक जनक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों से नहीं की जा सकती।

उन्होंने समकालिका मलयालम वरिका से कहा, “केरल में इन दिनों होने वाले कुल प्रसवों में 42% मुस्लिम हैं… याद रखें, राज्य में मुस्लिम आबादी सिर्फ़ 27% है। इससे केरल की जनसांख्यिकी बदल जाएगी।”

इस टिप्पणी की दो प्रमुख मोर्चों, सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा और विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे के नेताओं ने निंदा की, लेकिन दक्षिणपंथी राजनेताओं ने इसका जोरदार स्वागत किया। केरल में मुसलमानों के बारे में सेनकुमार की टिप्पणियां भाजपा नेताओं की टिप्पणियों से मिलती-जुलती हैं।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष कुम्मानम राजशेखरन ने कहा कि सेनकुमार का बयान भाजपा की स्थिति को पुष्ट करता है और उनका भाजपा में स्वागत है।

क्षेत्रीय समाचार पत्र कौमुदी की वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट के अनुसार, राजशेखरन ने कहा, “अगर वह भाजपा में शामिल होते हैं, तो  स्वागत है।  वह अपना राजनीतिक रुख स्पष्ट करें, तो पार्टी इस पर चर्चा करेगी। उनके जैसे लोगों के जुड़ने से पार्टी मज़बूत होगी। धार्मिक आतंकवाद के बारे में उनका कथन तथ्यात्मक है।”

भाजपा नेता एमटी रमेश ने भी सेनकुमार से उनके घर मुलाकात की, लेकिन कहा कि यह सिर्फ़ दोस्ताना मुलाक़ात है। इससे पहले, पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एडवोकेट पीएस श्रीधरन पिल्लई और प्रदेश महासचिव के. सुरेंद्रन ने भी सेनकुमार को भाजपा में शामिल होने का न्योता दिया था।

हालाँकि, पूर्व पुलिस अधिकारी ने भाजपा समर्थक कार्यक्रम में भाग लेते हुए पत्रकारों से कहा कि उनकी टिप्पणियों को केवल तथ्यात्मक रूप से देखें, न कि मुस्लिम विरोध रूप में। वे हमेशा से ही हर तरह के आयोजनों में जाते रहे हैं जहाँ उन्हें आमंत्रित किया जाता है, चाहे आयोजकों की राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो।

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