स.वीएमसिंह व भाकियू (भानु) दिल्ली बोर्डर से हटे, टिकैत लें हिंसा की जिम्मेदारी
दिल्ली हिंसा के बाद किसान आंदोलन में फूट:15 मिनट के भीतर दो किसान संगठन आंदोलन से अलग हुए, कहा- टिकैत हिंसा की जिम्मेदारी लें
नई दिल्ली 27 जनवरी। 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद बुधवार को पुलिस ने 6 किसान नेताओं पर FIR दर्ज की और 200 उपद्रवियों को हिरासत में लिया। इस एक्शन के कुछ देर बाद ही किसान संगठनों के आंदोलन से हटने का सिलसिला शुरू हो गया। शाम करीब साढ़े चार बजे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया। इसके करीब 15 मिनट बाद भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने भी आंदोलन से हटने का ऐलान किया।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के चीफ वीएम सिंह ने कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए। हम ऐसे किसी शख्स के साथ विरोध को आगे नहीं बढ़ा सकते, जिसकी दिशा कुछ और हो। इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन मैं और मेरा संगठन इस आंदोलन से अलग हो रहे हैं। मेरा उस विरोध से कोई लेना-देना नहीं है, जिसका नेतृत्व करने वालों को राकेश टिकैत रिप्रजेंट कर रहे हैं।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह बोले कि मंगलवार को दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, उससे मैं बहुत आहत हूं और 58 दिनों का अपना प्रोटेस्ट खत्म कर रहा हूं। किसान हल चलाता है, कुछ लोगों ने उन्हें पागल बना दिया। वे किसी ऐसे नेता के चक्कर में न पड़ें, जो अपना नाम बनाने के लिए देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। भानुप्रताप सिंह का संगठन चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहा था।
राकेश टिकैत समेत 6 किसान नेताओं पर केस
ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव पर दिल्ली पुलिस बुधवार सुबह से ही एक्शन मोड में है। पुलिस ने हिंसा, तोड़फोड़ और नियम तोड़ने की घटनाओं पर 22 FIR दर्ज की हैं। इनमें जानलेवा हमले, डकैती, सरकारी काम में रुकावट डालने और नियम तोड़ने जैसी धाराएं लगाई गई हैं।
एक FIR में 6 किसान नेताओं को भी आरोपी बनाया गया है। ये नेता हैं राकेश टिकैत, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह। इनके खिलाफ ट्रैक्टर रैली की शर्तें तोड़ने का केस दर्ज किया गया है। इन नेताओं ने उस NOC पर साइन किए थे, जो पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के लिए जारी की थी।
550 से ज्यादा ट्विटर अकाउंट सस्पेंड
ट्विटर ने बुधवार को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा से जुड़े 550 से ज्यादा अकाउंट सस्पेंड कर दिए। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि हमने उन ट्वीट्स पर भी एक्शन लिया है, जिनसे हमारी पॉलिसी का उल्लंघन हो रहा था।
पुलिस का दावा- प्रदर्शनकारियों ने शराब पी रखी थी
पुलिस का कहना है कि मंगलवार को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में 300 जवान घायल हुए हैं। साथ ही कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों से आंसू गैस के गोले छोड़ने वाली गन छीन ली थी। यह गन लाल किले में एक प्रदर्शनकारी के पास देखी गई। उधर, उत्तर दिल्ली के कार्यवाहक DCP संदीप ने बताया, ‘कई हिंसक लोग अचानक लाल किले पहुंच गए। वे किसान थे या फिर जो भी थे, उन्होंने शराब पी रखी थी। उन्होंने हम पर तलवारों और दूसरे हथियारों से हमला कर दिया। स्थिति लगातार बिगड़ रही थी और हिंसक भीड़ को काबू करना हमारे लिए मुश्किल हो गया था।’
वहीं किसानों से झड़प में घायल हुए वजीराबाद के SHO पी सी यादव ने बताया, ‘लाल किले में जब प्रदर्शनकारी घुसे, उस वक्त वहां हम ड्यूटी पर थे। हमने उन्हें प्राचीर से हटाने की कोशिश की, लेकिन वे उग्र हो गए। हम किसानों के खिलाफ बल प्रयोग नहीं करना चाहते थे, इसलिए हमने जितना हो सका, संयम रखा।’
न्यूज एजेंसी की तरफ से जारी इस फोटो में प्रदर्शनकारी के पास वही गन होने का दावा किया गया है, जो पुलिस से छीनी गई थी।
न्यूज एजेंसी की तरफ से जारी इस फोटो में प्रदर्शनकारी के पास वही गन होने का दावा किया गया है, जो पुलिस से छीनी गई थी।
किसानों की परेड में कब क्या हुआ, सिलसिलेवार पढ़िए
लाल किले पर रैपिड एक्शन फोर्स तैनात, ड्रोन से निगरानी
किसानों ने मंगलवार को लाल किले में भी तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने उन्हें 3 घंटे के अंदर वहां से खदेड़ दिया था। लेकिन, एहतियातन लाल किले पर बुधवार को भी भारी सुरक्षाबल तैनात हैं। वहां रैपिड एक्शन फोर्स लगाई गई है। साथ ही ड्रोन से नजर रखी जा रही है। एक तरफ पुलिस अपना काम कर रही है तो दूसरी ओर सरकार भी स्थिति पर नजर रखे हुए है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने लाल किले पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने अफसरों से रिपोर्ट भी मांगी है।
लाल किले में तोड़ फोड़ की घटना से जुड़ी तस्वीरें यहां देखें
भड़काऊ भाषण वाले बयान पर टिकैत ने सफाई दी
दिल्ली में हुए उपद्रव को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि, रैली से पहले टिकैत का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें टिकैत जिन लोगों से बात कर रहे थे, उनसे कह रहे थे कि लाठी-गोती भी साथ रखना अपने…झंडा लगाने के लिए, समझ जाना सारी बात। अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या टिकैत के कहने पर ही प्रदर्शनकारी लाठियां लेकर पहुंचे थे। इस पर सफाई देते हुए टिकैत बुधवार को बोले, ‘हां, हमने कहा था कि अपनी लाठियां साथ लाना। लेकिन, मुझे बिना डंडे वाला एक भी झंडा दिखा तो अपनी गलती मान लूंगा।