उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाले में मेरठ से तीन गिरफ्तारियां
पुलिस की टीम ने देहरादून इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी सेलाकुई के चेयरमैन व कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार किया है।
छात्रवृति घोटाले में एसआइटी व पटेलनगर कोतवाली पुलिस की टीम ने देहरादून इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी सेलाकुई के चेयरमैन व कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार किया है। आरोपितों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
देहरादून20जून: छात्रवृति घोटाले में एसआइटी व पटेलनगर कोतवाली पुलिस की टीम ने देहरादून इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी सेलाकुई के चेयरमैन व कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार किया है। आरोपितों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
संस्थान ने जिला समाज कल्याण अधिकारी देहरादून से वर्ष 2011-12 से 2016-17 तक छात्रवृत्ति के कुल तीन करोड़ उन्नीस लाख पच्चीस हजार आठ सौ नव्वे रुपये प्राप्त किए थे। आरोपितों ने एक करोड़ 34 लाख 10 हजार रुपये की छात्रवृत्ति अपने बैंक में प्राप्त की। जांच के बाद पुलिस टीम ने आरोपित संस्थान के चेयरमैन डॉ. मनोज कुमार निवासी ग्राम कौल, मवाना जिला मेरठ उत्तर प्रदेश व कोषाध्यक्ष दीपक कुमार निवासी असौडा हाउस लालकुर्ती क्षेत्र मेरठ उत्तर प्रदेश को मेरठ से रविवार को गिरफ्तार किया गया।
छात्रवृति घोटाले के वांछित की तलाश में बेगम बाग मेरठ पहुंची उतराखंड पुलिस,दीपक त्यागी भी गिरफ्तार
विद्यार्थियों के फर्जी प्रवेश दर्शाकर छात्रवृत्ति हड़पने से जुड़े एक मामले में उत्तराखंड पुलिस ने लालकुर्ती थाना क्षेत्र के बेगमबाग में दबिश दी। पुलिस टीम यहां एक वांछित आरोपित को पकड़ने के लिए आई थी। यहां काफी विरोध के बीच पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लिया और फिर लौट गई।
उत्तराखंड के देहरादून स्थित पटेल नगर थाने से शनिवार को सब इंस्पेक्टर अनिरुद्ध मैठानी की अगुवाई में पुलिस टीम लालकुर्ती थाने पहुंची। टीम के मुताबिक वर्ष 2019 में छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा एक केस पटेलनगर में दर्ज हुआ था। इसी मुकदमे में असोड़ा हाउस बेगमबाग निवासी दीपक त्यागी भी वांछित चल रहा था। थाने में आमद दर्ज कराने के बाद टीम बेगमबाग पहुंची और दीपक त्यागी को दबोच लिया।
इस दौरान पुलिस टीम को काफी विरोध झेलना पड़ा। काफी धक्का-मुक्की के बीच पुलिस दीपक त्यागी को लेकर गई। बताया गया है कि देहरादून के कुछ संस्थानों में फर्जी छात्र दर्शाकर लाखों रुपये की छात्रवृत्ति का घोटाला किया गया है। इसकी जांच एसआईटी द्वारा की गई थी। इसके बाद कई आरोपी जेल जा चुके हैं। वांछित आरोपियों की तलाश की जा रही है।