विद्रूप:राहुल की दाढ़ी,बनारसी दास सरकार और इंदिरा की दत्तक सोनकेशिया

देवरिया 15 मई 2024 :  1980 में देवरिया जिले के नारायणपुर में (अब कुशीनगर जिले में )  बस सर्विस की बस की टक्कर से नारायणपुर गांव के एक लड़के की मौत हो गई। दुर्घटना के बाद ग्रामीणों ने बस को रोककर तोड़फोड़ की तथा सड़क पर जाम लगाया। सूचना पाकर तत्कालीन थानाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण चतुर्वेदी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ग्रामीणों को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया। ग्रामीणों ने भी पुलिस पर ईट-पत्थर चलाए। बाद में थानेदार ने गांव में पीएसी बुला ली। पीएसी ने गांव में गश्त किया, जिसके बाद ग्रामीणों ने पीएसी के जवानों एवं पुलिस पर महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। इस आरोप ने गांव को राजनीति का केंद्र बना दिया। नेताओं की आवाजाही शुरू हो गई। उस समय मोहन सिंह उत्तर प्रदेश की बनारसी दास सरकार में राज्यमंत्री लघु उद्योग थे। गृह जनपद की घटना होने के कारण वह भी दलबल के साथ नारायणपुर पहुंचे। अल्पसंख्यक समाज के कई लोगों ने उन्हें बताया कि किस तरह पुलिस ने उनकी पिटाई की और दाढ़ी नोच ली। कई महिलाओं ने पुलिस दु‌र्व्यवहार एवं दुष्कर्म की शिकायत की।

ग्रामीणों की बातें सुनकर मोहन सिंह बेहद भावुक हो गए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में यह तथ्य स्वीकार कर लिया कि पीएसी वालों ने गांव में ज्यादती की और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने टिप्पणी की थी कि-‘मुझे शर्म आ रही है कि मै ऐसी सरकार में मंत्री हूं जिसकी पुलिस ने नारायणपुर में दुष्कर्म जैसी घटना की।’ मोहन सिंह का यह बयान बनारसी दास सरकार के अंत कारण बन गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस बयान को संज्ञान में लिया और बनारसी दास सरकार को बर्खास्त कर दिया। इंदिरा गांधी ने भी नारायणपुर पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की थी।

सोशल मीडिया पर संबंधित क्षेपक यथावत बिना किसी टिप्पणी राहुल की दाढ़ी, इंदिरा की गोद ली सोनकेशिया और बनारसी दास सरकार 

कल राहुल गांधी द्वारा रायबरेली के मुंशीगंज में एक सैलून में दाढ़ी बनवाने का नाटक देख 1980 में जिले कुशीनगर के नारायनपुर में घटी एक घटना याद आ गई जो कुछ बुजुर्ग हमारे यहां के मुझे बताते थे।

केंद्र में इंदिरा गांधी की सरकार थी वह प्रधानमंत्री थी और उत्तर प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार थी बाबू बनारसी दास मुख्यमंत्री थे।

इंदिरा गांधी के आंखों में बाबू बनारसी दास की सरकार रेत की तरह चुभ रही थी। वह चाह कर भी अपने गृह प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बना पा रही थी और उन्हें यह दुख था कि आज उत्तर प्रदेश में मेरे रहते हुए जनता पार्टी की सरकार क्यों है।

और इंदिरा गांधी किसी न किसी बहाने बाबू बनारसी दास की सरकार को बर्खास्त करना चाहती थी।

और यह पूरी बात आज जो कांग्रेसी मोदी को तानाशाह कहते हैं उन्हें जरूर जाननी चाहिए।

उसी समय कुशीनगर जिले के कप्तानगंज के पास नारायनपुर में एक बुजुर्ग महिला बसरकालिया को एक बस ने टक्कर मारा जिससे उसकी मौत हो गई।

बसरकालिया के बेटे और बहू पहले ही गुजर चुके थे वह अपने पोते और एक पोती सोनकेशिया का पालन पोषण कर रही थी यानी अब उसके पोते और पोती सोनकेशिया अनाथ हो गए।

तुरंत ही इंदिरा गांधी विशेष विमान से नारायनपुर पहुंची और सोनकेशिया को गोद में लेकर कहा अब यह मेरी बेटी है और मैं इसे गोद लेने का ऐलान करती हूं और यह मेरे साथ दिल्ली में रहेगी इसकी पढ़ाई लिखाई पालन पोषण का पूरा जिम्मा मेरा।

और इंदिरा गांधी ने इसी बस एक्सीडेंट को मुद्दा बनाकर बाबू बनारसी दास की सरकार को बर्खास्त कर दिया।

इंदिरा गांधी सोनकेशिया को अपने साथ विमान में दिल्ली ले गई तीन मूर्ति भवन जहां वह रहती थी वहां पूरी दुनिया की मीडिया को बुलाया गया वहां फोटो शूट हुआ इंदिरा गांधी ने उसे अपनी बेटी घोषित किया।

और 15 दिनों के बाद चुपचाप दो कांग्रेसी नेता सोनकेशिया को दिल्ली से ट्रेन में बिठाकर गोरखपुर ले आये और गोरखपुर से बस में बिठाकर नारायणपुर गांव में छोड़कर चले गए क्योंकि इंदिरा गांधी का मकसद पूरा हो गया था।

अब 3 दशक तक सोनकेशिया गांव में भीख मांग कर मजदूरी करके अपना गुजारा करती रही।

जिसे पूरी दुनिया ने इंदिरा गांधी की बेटी घोषित किया था वह तीन दशक तक मजदूरी और भीख मांग करके गुजारा किया।

और जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए तब उसको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान दिया गया उसके यहां शौचालय बना।

आप लोग गूगल पर इस घटना को सर्च करिए और सोचिए कि यह कांग्रेसी और यह नीच गांधी परिवार कितना बड़ा धूर्त है और इस परिवार सिर्फ एकमात्र मकसद है कि किसी भी तरह भारत की सत्ता में रहना सत्ता का मौज उठाना।

और सत्ता के लिए यह दोगले परिवार गांधी परिवार के लोग नीचता की हद करते हैं।

 

Kushinagar Sonkesia Who Adopted By Indira Gandhi Story 
 कुशीनगर की सोनकेशिया की सुध ली अंततः योगी ने जिसे इंदिरा गांधी ने गोद ले छोड़ दिया था ठोकरें खाने
साल 1980 में कुशीनगर के नारायणपुर गांव की सोनकेशिया को इंदिरा गांधी ने गोद लिया था। कुछ समय बाद तक लोगों ने उनकी मदद की लेकिन बाद में उसे उसके हाल पर छोड़ दिया। अनाथ सोनकेशिया आज भी विपन्नता की हालत में जी रही है। हालांकि, अब योगी सरकार की योजनाओं का लाभ सोनकेशिया को दिलाने का आश्वासन अफसरों ने दिया है।

बात साल 1980 की है। कुशीनगर के नारायणपुर गांव (तत्कालीन देवरिया जिले में) एक बस हादसे में बसरकलिया नाम की एक दलित महिला की मौत हो गई। बसरकलिया अपने एक 8 साल के पोते जयप्रकाश और 6 साल की पोती सोनकेशिया के साथ रहती थी। उसके इकलौते बेटे की मौत हो गई थी और बहू घर छोड़कर चली गई थी। बसरकलिया की मौत के बाद इलाके के लोग भड़क गए। जमकर बवाल हुआ। पीएसी तैनात कर दी गई। पीएसी ने लोगों का विरोध तो शांत कर दिया लेकिन अगले ही दिन गांव की कई दलित महिलाओं ने यह आरोप लगाकर सनसनी फैला दी कि पीएसी के जवानों ने उनके साथ गैंगरेप किया है। इस आरोप से राज्य से लेकर केंद्र की सत्ता तक हड़कंप मच गया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पीड़ित लोगों से मिलने के लिए नारायणपुर आने का ऐलान कर दिया। वह यहां आईं और बसरकलिया के नातियों से भी मिलीं। उन्होंने अनाथ हो चुकी सोनकली को गोद ले लिया।

1980 का नारायणपुर कांड

सोनकेशिया की याद
लोगों को यदा-कदा कुशीनगर की सोनकेशिया भी याद आ जाती है, जिसके घर जब इंदिरा गांधी पहुंची तो एकाएक उनकी जिंदगी भी बदल गई। इंदिरा गांधी ने सोनकेशिया को गोद ले लिया लेकिन इसके चार साल बाद ही उनकी हत्या हो गई। इसके बाद से सोनकेशिया का हालचाल लेने वाला कोई नहीं था। उनके फूफा ने देखभाल का जिम्मा उठाया लेकिवन कुछ समय बाद उन्होंने भी हाथ खींच लिया। सोनकेशिया के भाई जयप्रकाश की पोखरे में डूबने से मौत हो गई। इसके बाद से वह अनाथ हो गई।

अफसरों ने ली है सुध
गांव के लोगों ने सोनकेशिया की शादी रामाशीष से करा दी। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वह खपरैल के मकान में रहती हैं। सोनकेशिया पशुपालन का काम करती हैं और उनके पति मजदूर हैं। कलावती के जरिए जब एक बार फिर सोनकेशिया की चर्चा शुरू हुई तो योगी सरकार ने उनका जीवन बदलने की कवायद शुरू कर दी। उनके घर स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। सांसद से लेकर ब्लॉक प्रमुख तक सोनकेशिया के घर का दौरा करने लगे हैं।

सांसद विजय कुमार दुबे के बेटे शशांक दुबे सोनकेशिया के घर पहुंचकर उनकी समस्याएं जानीं। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया। सोनकेशिया ने बताया कि गांव आए अफसरों ने उन्हें हर मदद का भरोसा दिलाया है। उनके बेटे को भी अधिकारियों ने जिला मुख्यालय पर बुलाया है।

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