बिहार में चुनाव आयोग हटायेगा 35 लाख वोटर,यह कुल वोटर्स का 1.57%
बिहार में चुनाव आयोग हटायेगा 35 लाख वोटर
चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार वोटर लिस्ट से लगभग 35 लाख नाम हटाए जाएंगे। इनमें मृत, स्थायी रूप से बाहर गए और दो बार पंजीकृत मतदाता शामिल हैं। लगभग 6.6 करोड़ मतदाताओं ने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं। वोटर लिस्ट अपडेट करने का उद्देश्य 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को अद्यतन करना है
पटना 15 जुलाई2025। : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। चुनाव आयोग वोटर लिस्ट में सुधार कर रहा है। इस सुधार में लगभग 35 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कुछ लोग मर चुके हैं, कुछ बिहार से बाहर चले गए हैं, और कुछ लोगों के नाम दो बार दर्ज हैं। चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि 6.6 करोड़ मतदाताओं ने अपने फॉर्म जमा कर दिए हैं। यह कुल मतदाताओं का 88.18% है। वोटर 25 जुलाई तक अपने फॉर्म जमा कर सकते हैं। इसके बाद वोटर लिस्ट का पहला मसौदा जारी किया जाएगा। इस प्रक्रिया को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इससे चुनावी नतीजों पर असर पड़ सकता है.
वोटर लिस्ट से किस-किस का नाम हटेगा?
चुनाव आयोग ने कुछ नए आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग 12.5 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। यानी, वोटर लिस्ट में 1.59% ऐसे लोगों के नाम हैं जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। इसके अलावा, 17.5 लाख मतदाता (2.2%) बिहार से हमेशा के लिए बाहर चले गए हैं। इसलिए, वे अब बिहार में वोट नहीं डाल सकते। लगभग 5.5 लाख मतदाता (0.73%) ऐसे भी पाए गए हैं, जिनके नाम दो बार दर्ज हैं।
इन सभी कारणों से लगभग 35.5 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएंगे। यह कुल मतदाताओं का 4.5% से भी ज्यादा है। चुनाव से पहले यह एक बड़ा बदलाव है।
वोटर लिस्ट में मिले विदेशी नागरिकों के नाम
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि कुछ विदेशी नागरिक भी वोटर के रूप में दर्ज पाए गए हैं। ये लोग नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों से हैं। जांच के बाद इन लोगों के नाम भी वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएंगे।
वोटर लिस्ट को लेकर बिहार में चल रहा ‘SIR’
चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए SIR ( Special Intensive Revision ) किया जा रहा है। SIR का मतलब है वोटर लिस्ट को खास तरीके से जांचना और सुधारना। इससे पता चलेगा कि कितने लोग दूसरे राज्यों में चले गए हैं, कितने लोगों की मौत हो गई है, और कितने लोगों ने दो बार नाम दर्ज करा लिया है। चुनाव आयोग का कहना है कि वे 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को सही करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि वोटर लिस्ट में सिर्फ सही लोगों के नाम हों।
वोटर लिस्ट के ‘SIR’ से खुश नहीं विपक्ष?
हालांकि, विपक्ष इस प्रक्रिया से खुश नहीं है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि अगर हर क्षेत्र से 1% मतदाताओं के नाम हटाए गए, तो हर क्षेत्र से लगभग 3,200 नाम हट जाएंगे। अब यह प्रतिशत 5% से भी ज्यादा हो गया है। इसलिए, विपक्ष को चिंता है कि इससे चुनाव के नतीजे बदल सकते हैं।
चुनाव आयोग वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम कर रहा है। इससे वोटर लिस्ट में गलत नाम नहीं रहेंगे। लेकिन, विपक्ष को डर है कि इससे चुनाव के नतीजे प्रभावित हो सकते हैं। अब देखना यह है कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या करता है।

