धामी को विधायकी का मौका देने को गहतौडी का त्यागपत्र

चम्पावत के भाजपा विधायक गहतोड़ी ने दिया त्यागपत्र, कहा- नहीं कोई निजी स्वार्थ; प्रदेश का चाहते हैं विकास

कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऊर्जावान हैं। छह माह पहले जब चुनावी आकलन चल रहा था उस समय भाजपा कुछ पिछड़ती नजर आ रही थी। उनके कुशल नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव में दो-तिहाई बहुमत प्राप्त किया। जो करिश्मा करता है उसे प्रतिफल मिलना चाहिए।

देहरादून 21 अप्रैल।      चम्पावत के भाजपा विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को सौंपा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। गहतोड़ी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ रहे हैं। सीट छोडऩे के पीछे उनका कोई निजी स्वार्थ नहीं है। वह केवल क्षेत्र व प्रदेश का विकास चाहते हैं। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि पार्टी जल्द गहतोड़ी के लिए कोई भूमिका तय करेगी। देर शाम विधानसभा ने चम्पावत विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए चम्पावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी पहले ही सीट छोडऩे की पेशकश कर चुके थे। इंतजार भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से हरी झंडी का था। केंद्रीय नेतृत्व से सहमति के बाद गुरुवार सुबह विधायक कैलाश गहतोड़ी विधानसभा अध्यक्ष के यमुना कालोनी स्थित आवास पर पहुंचे। यहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास व सौरभ बहुगुणा पहले से ही मौजूद थे। यहां उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को त्यागपत्र सौंपा। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऊर्जावान हैं। छह माह पहले जब चुनावी आकलन चल रहा था, उस समय भाजपा कुछ पिछड़ती नजर आ रही थी।उनके कुशल नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव में दो-तिहाई बहुमत प्राप्त किया। जो करिश्मा करता है, उसे प्रतिफल मिलना चाहिए। चम्पावत की जनता भी चाहती है कि युवा मुख्यमंत्री को मौका मिले। चम्पावत विकास की दृष्टि से पिछड़ा क्षेत्र है। मुख्यमंत्री के आने से यहां विकास की बयार बहेगी। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में यह प्रस्ताव आया कि मुख्यमंत्री चम्पावत से चुनाव लड़ें। विधायक कैलाश गहतोड़ी ने भी यही इच्छा जाहिर की। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व को इस संबंध में अवगत कराया गया। इसी क्रम में उन्होंने इस्तीफा दिया है

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि ‘मैं भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी और चम्पावत की जनता का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने मुझ पर जो विश्वास जताया है, उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा।’

गहतोड़ी ने कहा कि उन्होंने ‘युवा’ नेता की सहायता करने के लिए ऐसा किया ताकि उन्हें केंद्रीय नेतृत्व की अपेक्षाओं को पूरा करने को पूरे पांच साल का कार्यकाल मिले। इस्तीफा देने के बाद यहां संवाददाताओं से बातचीत में गहतोड़ी ने कहा कि छह माह पहले चुनाव विशेषज्ञ विधानसभा चुनाव में भाजपा को 20 से ज्यादा सीटें नहीं दे रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने कड़ी मेहनत कड़ी मेहनत की और लोगों ने 70 में से 47 सीट पार्टी को दे दी। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है, यह सब धामी के युवा नेतृत्व की वजह से संभव हुआ। गहतोड़ी ने कहा, ‘‘ मैंने सोचा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की उनसे जो उम्मीदें हैं, उन्हें पूरा करने के लिए उन्हें पूरे पांच साल का कार्यकाल चाहिए और इसलिए मैंने सीट खाली कर दी।’’

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि चंपावत के पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को वहां से उपचुनाव लड़ाने का प्रस्ताव भेजा था और अपने विधानसभा क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय गहतोड़ी ने उनके लिए सीट छोड़ने की इच्छा जतायी थी।

कौशिक ने कहा कि पार्टी उपचुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए धामी को शपथ ग्रहण के छह माह के भीतर उपचुनाव के जरिये सदन का सदस्य निर्वाचित होना होगा। धामी ने 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

भाजपा का मजबूत गढ़ है चंपावत, पुष्कर सिंह धामी के लिए यहां से जीतना होगा आसान… यें हैं समीकरण

 

Dhami Deserves The Full Term, So Gahatodi Left The Seat

पुष्कर सिंह धामी के लिए चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी के अपनी सीट छोड़ने के साथ ही सवाल उठने लगा है कि क्या खटीमा जैसी परंपरागत सीट को गंवाने वाले पुष्कर सिंह धामी इस विधानसभा सीट को बचा पाने में कामयाब होंगे? धामी ने इससे पहले भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को कई विधायकों के सीट छोड़ने का प्रस्ताव देने से अवगत कराया था। हालांकि, कैलाश गहतोड़ी पहले से सीट छोड़ने की पेशकश कर रहे थे। पार्टी हाईकमान का संकेत मिलते ही उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

मुख्यमंत्री   पुष्कर सिंह धामी अब यहीं से विधानसभा का उप चुनाव लड़कर जीत दर्ज करने का प्रयास करेंगे। इसके लिए तमाम तैयारियों को पूरा कराया जाना है। ऐसे में चंपावत विधानसभा सीट का इतिहास काफी अहम माना जा रहा है। वर्ष 2002 के बाद से हुए पांच विधानसभा चुनावों में तीन बार भाजपा को जीत मिली है। वहीं, दो बार इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली। वर्ष 2002 और 2012 के विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल ने जीत दर्ज की। वर्ष 2007 में भाजपा की वीणा महाराना ने यहां से जीत दर्ज की। वहीं, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कैलाश गहतोड़ी को जीत मिली।

सीट छोड़ने के बाद गहतोड़ी ने किया ये दावा

विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद चंपावत विधानसभा सीट पर मुुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए माहौल बनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे चंपावत विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व एक मुख्यमंत्री करेंगे। चंपावत से चुनाव लड़ने के लिए मैं मुुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभारी हूं। साथ ही, उन्होंने इस सीट से मुख्यमंत्री को खड़ा करने के लिए भाजपा नेतृत्व को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुुख्यमंत्री का इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने से इलाके के विकास में मदद मिलेगी। गहतोड़ी ने कहा कि यहां से पुष्कर सिंह धामी ऐतिहासिक जीत दर्ज करेंगे।

कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई

कुमाऊं रीजन में चंपावत विधानसभा सीट आती है। इस सीट के बारे में कहा जाता रहा है कि यहां जीतने वाले विधायक की ही प्रदेश में सरकार बनती है। यह अल्मोड़ा लोकसभा सीट में आता है। यह सीट ग्रामीण श्रेणी में आती है। यहां पर भाजपा के प्रति लोगों का रुझान काफी देखा गया है। अल्मोड़ा लोकसभा सीट हो या फिर चंपावत विधानसभा सीट, दोनों पर भाजपा की जीत इसका प्रमाण है।

मां पूर्णगिरि सिद्ध धाम के लिए भी है प्रसिद्ध

चंपावत अनारक्षित विधानसभा सीट है और इस विधानसभा क्षेत्र के दायरे में टनकपुर तहसील भी आती है। यहां का मां पूर्णागिरि का सिद्ध धाम पूरे देश में चर्चित है। यह कुमाऊं रीजन की एक मात्र विधानसभा सीट है, जिसमें मैदानी और पहाड़ी दोनों क्षेत्र आते हैं। पांडवों के अज्ञातवास के लिए प्रसिद्ध ब्यानधुरा भी चंपावत विधानसभा सीट के दायरे में भी आता है। इसके अलावा श्यामलाताल पर्यटन स्थल भी अपनी ख्याति है।

भाजपा ने आसानी से दर्ज की थी जीत

उत्तराखंड चुनाव 2022 में भाजपा ने यहां से आसानी से जीत दर्ज की थी। आमने-सामने के मुकाबले में कैलाश गहतोड़ी ने कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल को 5304 वोटों से हराया। इसके बाद से इसे भाजपा के गढ़ के रूप में माना जाने लगा है। उत्तराखंड चुनाव 2022 में चंपावत में 50.26 फीसदी वोट पड़े थे। कैलाश गहतोड़ी को कुल पड़े वोटों का 50.26 फीसदी मिला था। दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार को 42.07 फीसदी वोट मिले थे। कैलाश 32,547 वोट और हेमेश 27,243 वोट पाने में कामया रहे थे। तीसरे नंबर रही आम आदमी पार्टी के मदन मेहर को 2557 वोट मिले थे।
चंपावत अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के दायरे में आता है। यहां से अजय टाम्टा सांसद हैं। अल्मोड़ा सीट पर अजय टाम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टाम्टा को 2,32,986 वोटों से हराया था। इससे माना जा रहा है कि इस सीट पर भाजपा को बढ़त मिल सकती है। अंदरूनी खींचतान से जूझ रही कांग्रेस उन्हें किस प्रकार टक्कर दे पाएगी, देखना दिलचस्प होगा।

Champawat Is Strong Stronghold Of Bjp Easy For Pushkar Singh Dhami To Win From Here Know What Is Equation

 

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