त्रिवेंद्र सरकार के असंवैधानिक श्रेणी के 120 दायित्वधारी पैदल

उत्तराखंड सरकार ने की 120 दायित्वधारियों की छुट्टी, आदेश जारी
पिछली त्रिवेंद्र सरकार में बनाए गए दायित्वधारियों की नियुक्ति निरस्त।
पिछली त्रिवेंद्र सरकार में बनाए गए दायित्वधारियों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने इसको लेकर आज यानी शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए हैं। सिर्फ संवैधानिक पदों पर नियुक्त दायित्वधारियों की सेवाएं जारी रहेंगी।
देहरादून 02 अप्रैल । उत्तराखंड में भाजपा की ही पिछली त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के चार साल के कार्यकाल में नामित करीब 120 दायित्वधारियों और महानुभावों की छुट्टी कर दी गई है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया । सिर्फ संवैधानिक पदों पर निर्धारित अवधि तक नियुक्त महानुभाव ही आगे भी कार्यरत रहेंगे। तीरथ सिंह रावत सरकार में पिछली सरकार में नियुक्त किए गए महानुभावों और दायित्वधारियों को भी सरकार से बाहर का रास्ता दिखाया जाना तय ही था । इसमें मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की व्यस्तता और अस्वस्थता ही बाधक बनी हुई थी।
असल में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पार्टी की सलाह के इतर भी बड़ी संख्या में अपनी निजी पसंद से दायित्वधारी बनाये थे। इसे अपनी व्यक्तिगत वफादार फौज बनाने के रूप में लिया गया था और पार्टी में यह भी असंतोष का कारण बना हुआ था। कुछ दायित्वधारी तो श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने हटने के कुछ ही दिनों
पहले नियुक्त किए थे।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मंत्री परिषद के बीती 12 मार्च को शपथ लेने के साथ ही यह तय हो गया था कि पिछली त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में 18 मार्च, 2017 से लेकर बीती 10 मार्च से पहले नियुक्त किए गए दायित्वधारियों को हटना पड़ेगा। पिछली सरकार ने विभिन्न आयोगों, निगमों परिषदों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सलाहकार व अन्य पदों पर गैर सरकारी महानुभावों को नामित किया था।इनमें से करीब 80 महानुभावों को मंत्री, राज्यमंत्री स्तर या अन्य महानुभाव स्तर का दर्जा दिया गया था। इसके अतिरिक्त करीब 40 ऐसे दायित्वधारी भी नियुक्त किए गए थे, जिन्हें किसी तरह का दर्जा नहीं दिया गया।

तीरथ सिंह रावत सरकार ने करीब 20 दिन बाद ही उक्त सभी महानुभावों को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया। इस संबंध में मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि संवैधानिक पदों पर निर्धारित अवधि के लिए नियुक्त महानुभावों को हटाया नहीं गया। शेष सभी महानुभाव अपने पदों पर नहीं रहेंगे। सरकार के इस कदम से सत्तारूढ़ भाजपा में खलबली मची है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मार्च माह में गैरसैंण में विधानसभा सत्र शुरू होने से ऐन पहले भाजपा के कई नेताओं को दायित्वों से नवाजा था। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत नए सिरे से दायित्वधारियों की नियुक्ति करेंगे। ऐसे में कुछ पुराने चेहरों की वापसी भी मुमकिन है।
यह भी सच है कि पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने हटने के बाद कार्यकर्ताओं में जिस निराशा और भावुकता का जिक्र किया था,वह इन्ही दायित्वधारियों को लेकर थी।

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