UCC नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने मुख्यमंत्री धामी को सौंपा प्रारूप
*उत्तराखण्ड में यूसीसी लागू करने के लिए नियमावली और क्रियान्वयन समिति ने मुख्यमंत्री धामी को सौंपा प्रारूप*
*राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए कैबिनेट में जल्द तय की जाएगी तिथि- मुख्यमंत्री धामी*
देहरादून 18 अक्टूबर 2024 । समान नागरिक संहिता, उत्तराखण्ड 2024 अधिनियम के राज्य में क्रियान्वयन के लिए सेवानिवृत्त मुख्य सचिव आई.ए.एस. शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई ‘नियमावली और क्रियान्वयन समिति’ ने सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नियमावली का प्रारुप सौंपा। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त मुख्य सचिव आई.ए.एस. शत्रुघ्न सिंह, सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा और स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा मौजूद थे।
समिति के समान नागरिक संहिता, उत्तराखण्ड 2024 अधिनियम की नियमावली का प्रारुप सौंपने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2022 में उत्तरांखड में नई सरकार बनने के बाद हमने मंत्री मण्डल की पहली बैठक में ही निर्णय लिया था कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने को एक विशेषज्ञ समिति गठित करेंगें। सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनाई गई। कमेटी के रिपोर्ट सौंपने के बाद इसे 07 फरवरी, 2024 को राज्य विधान सभा में पारित किया गया। उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पर राष्ट्रपति की सहमति के बाद 12 मार्च, 2024 को समान नागरिक संहिता उत्तराखण्ड, 2024 अधिनियम पारित हुआ।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार को समान नागरिक संहिता अधिनियम की नियमावली आज सौंपी गई है। इस नियमावली में मुख्य रूप से चार भाग है जिसमें विवाह एवं विवाह-विच्छेद लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण तथा उत्तराधिकार सम्बन्धी नियमों के पंजीकरण सम्बन्धी प्रक्रियाएं उल्लिखित है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मंत्रीमण्डल की बैठक में इस अधिनियम को राज्य में प्रभावी रूप से लागू करने की तिथि तय की जायेगी। इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत इस समान नागरिक संहिता के लिए एक पोर्टल तथा मोबाइल एप भी तैयार किया गया है, जिससे कि पंजीकरण, अपील आदि की समस्त सुविधाएं जन सामान्य को ऑनलाईन माध्यम से सुलभ हो सके। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में सबको समान रूप से न्याय मिले। महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विधेयक बना है। जल्द इस अधिनियम को धरातल पर उतारा जायेगा। आजादी के बाद उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन जायेगा जिसे समान नागरिक संहिता लागू करने का गौरव प्राप्त होगा।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली तथा विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव श्रीमती रिद्धम अग्रवाल, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी भी उपस्थित थे।