NEET परीक्षा में छह नंबर देख की आत्महत्या,बाद में निकले 590
NEET एग्जाम में 6 नंबर देखकर छात्रा ने की खुदकुशी, बाद में पता चला मिले थे 590 अंक
विधि के परिजनों को भी उसके इतने कम मार्क्स के बारे में सुनकर यकीन नहीं हुआ. लिहाजा बाद में विधी की फैमिली ने उसके OMR Sheet पर मार्क्स नंबर फिर से देखे तो पता चला कि उसे कुल 590 अंक मिले थे.
खास बातें
छिंदवाड़ा की छात्रा ने कम अंक देखकर मौत को लगया गले
डॉक्टर बनने के सपने देख रही थी विधि सूर्यवंशी
दोबारा चेक कराया तो पता चला विधि को कहीं ज्यादा नंबर मिले हैं
नई दिल्लीः कम्प्यूटर में तकनीकि गड़बड़ी होने के चलते मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छिंदवाड़ा में एक छात्रा को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. दरअसल, छिंदवाड़ा के नजदीकी क्षेत्र की रहने वाली एक छात्रा ने ऑनलाइन पोर्टल पर अपना NEET का रिजल्ट देखा और वह इतनी हताश हुई कि उसने मौत को ही गले लगा लिया.
डॉक्टर बनना चाहती थी विधि
विधि सूर्यवंशी नाम की ये छात्रा डॉक्टर बनने के सपने देख रही थी. लेकिन जब उसने अपने नीट एग्जाम के रिजल्ट में महज 6 नंबर देखे तो हताश होकर कमरे में फांसी के फंदे से झूल गई. हालांकि, वास्तविकता में विधि के मार्क्स इनसे कहीं अधिक ज्यादा थे. 6 मार्क्स उसे तकनीकि खामियों की वजह से दिखाई दिए थे.
असलियत में विधि ने हासिल किए थे 590 अंक
विधि के परिजनों को भी उसके इतने कम मार्क्स के बारे में सुनकर यकीन नहीं हुआ. लिहाजा बाद में विधी की फैमिली ने उसके OMR Sheet पर मार्क्स नंबर फिर से देखे तो पता चला कि उसे कुल 590 अंक मिले थे. तकनीकि गड़बड़ी की वजह से महज 6 नंबर देखकर विधि को गहरा धक्का लगा और उसने मौत को लगे लगा लिया.
विधि के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है. बता दें कि विधि से पहले भी तमाम दफा कम नंबर या फेल होने को लेकर स्टूडेंट्स के आत्महत्या की खबरें आई हैं. ऐसे केस लगभग हर साल ही रिजल्ट के बाद सुनने देखने में आती हैं.
तकनीकी गड़बड़ी किस तरह किसी होनहार की जान ले सकती है, छिंदवाड़ा में इसका एक दर्दनाक उदाहरण सामने आया है। छिदंवाड़ा के परासिया की मैगजीन लाइन निवासी छात्रा विधि सूर्यवंशी ने पोर्टल पर नीट का परीक्षा परिणाम देखा। वहां उसे प्राप्त अंकों के साथ पर सिर्फ 6 अंक दिखे। इससे हताश होकर उसने आत्महत्या कर ली। कुछ दिन बाद परिजनों ने जब ओएमआर शीट पर नंबर देखे तो पता चला कि विधि को कुल 590 अंक मिले हैं।
पिता गजेंद्र सूर्यवंशी के मुताबिक विधि ने सोमवार को पोर्टल पर परीक्षा परिणाम देखा। वह यह देखकर तनाव में आ गई कि उसे महज 6 अंक मिले हैं। इसके दो दिन बाद बुधवार को उसने घर में ही साड़ी का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली। पिता गजेंद्र रोते हुए बताते हैं कि बेटी के खुदकुशी करने के बाद बुधवार शाम को बेटे ने पोर्टल पर ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकग्नाइजेशन) शीट से अंकों का मिलान किया तो उसमें 590 अंक निकले।
पढ़ाई वाले कमरे में ही दी जान
पिता गजेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि विधि बुधवार को मॉर्निंग वॉक के लिए गई थी। लौटने के बाद वह अपने स्टडी रूम में चली गई। स्टडी रूम घर के पिछले हिस्से में है। कुछ देर बाद घर वाले उसके कमरे में पहुंचे तो देखा कि उसने साड़ी का फंदा बनाकर पंखे से लटक कर जान दे दी है।
जरा धैर्य रख लेती तो बच जाती
यदि विधि पोर्टल पर नंबर देखकर तनाव में आने के बजाय थोड़ा धैर्य रखती और ओएमआर शीट से नंबरों के मिलान का इंतजार कर लेती तो आज जिंदा होती। पिता का कहना है कि उसे पढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। कोटा में नीट की कोचिंग भी कराई थी, मगर वह इस तरह चली जाएगी, सोचा न था।
इनका कहना है
आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं है। जीवन अनमोल होता है। विद्यार्थियों को असफलता मिले तो भी तनाव लिए बिना भविष्य की तैयारी करना चाहिए।
- कामना वर्मा, प्राचार्य, राजमाता कन्या महाविद्यालय, छिंदवाड़ा
हम आत्महत्या की वजह का पता लगा रहे हैं। प्रथम दृष्टया यही लग रहा है कि परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं आने से छात्रा तनाव में थी और उसने यह कदम उठाया।
- सुमेर सिंह जगेत, थाना प्रभारी परासिया, छिंदवाड़ा