ग्रामीण रसोई कमाती है यूट्यूब से 60-70 हजार हर महीने
खुद्दार कहानी:न वीडियो शूट करते आता था, न एडिट करते, रोटी बनाते हुए पहला वीडियो किया था अपलोड, अब हर माह कमाती हैं 60 से 70हजार
: अक्षय बाजपेयी
यूट्यूब पर बबीता परमार के 4 लाख 22 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर, पहली बार पेमेंट मिला तो पूरे गांव में हुई थी बात
नई दिल्ली 14 सितंबर। ये बात मई 2017 की है। हरियाणा के भिवानी जिले के नौरंगाबाद गांव में रहने वाली बबीता परमार रोज की तरह चूल्हे पर रोटियां बना रहीं थीं लेकिन इस दिन एक नई चीज हो रही थी। देवर भाभी का रोटी बनाते हुए वीडियो बना रहा था। 10 हजार रुपए वाला फोन था। न वीडियो शूट करने का कोई नॉलेज था और न ही एडिटिंग का।
देवर रंजीत ने वीडियो शूट करके फिल्मोरा नाम के ऐप से मोबाइल से ही जैसे-तैसे वीडियो एडिट कर दिया और यूट्यूब पर अपलोड कर दिया। दो दिन बाद इस वीडियो पर दस लाख से ज्यादा व्यूज आ चुके थे। जिसने बबीता, रंजीत और पूरे घर को चौंका दिया था।
इसके बाद से शुरू हुआ बबीता परमार का सफर आज तक थमा नहीं। पिछले तीन साल में उन्होंने हर माह 60 से 70 हजार रुपए औसत कमाए। जानिए उनकी सफलता की कहानी, उनके देवर की जुबानी।
बबीता अब यूजर्स की डिमांड पर भी रेसिपी तैयार करने लगी हैं, लेकिन सबकुछ बनाती देसी तरीके से ही हैं।
बबीता अब यूजर्स की डिमांड पर भी रेसिपी तैयार करने लगी हैं, लेकिन सबकुछ बनाती देसी तरीके से ही हैं।
रंजीत ने बताया कि मैंने यूट्यूब के बारे में बहुत सुना था लेकिन पहले हमको लगता था कि इस पर सिर्फ प्रोफेशनल लोग या कंपनियां ही वीडियो डाल सकती हैं। फिर लोगों ने बताया कि यूट्यूब पर कोई भी वीडियो अपलोड कर सकता है। मैं यूट्यूब पर खाने-पीने के वीडियो बहुत देखा करता था। भाभी को कुकिंग बहुत अच्छी आती है। मैंने उनसे कहा कि आपका कुकिंग करते हुए वीडियो बनाते हैं और यूट्यूब पर अपलोड करते हैं।
फिर हमने मई 2017 में सबसे पहले आटा गूंथने का एक वीडियो शूट किया। इसके जरिए हम बताना चाहते थे कि अच्छा आटा कैसे गूंथ सकते हैं। हालांकि, इस पर ज्यादा व्यूज नहीं आए। फिर उसी हफ्ते मैंने भाभी का रोटी बनाते हुए वीडियो शूट किया। उस समय मेरे पास कार्बन का 10 हजार रुपए वाला फोन था। न शूट करना आता था और न ही कोई दूसरे इक्विपमेंट थे। रोटी बनाने वाला वीडियो मैंने मोबाइल पर फिल्मोरा ऐप पर एडिट किया। यूट्यूब से ही इस ऐप के बारे में पता चला था।
यूट्यूब से अर्निंग के बाद बबीता ने मोबाइल, ट्राइपोड, लैपटॉप सब खरीद लिया।
एडिट करके वो वीडियो अपलोड कर दिया। दो दिन में ही उस पर एक मिलियन से ज्यादा व्यूज आ गए। इससे हमारा उत्साह बहुत ज्यादा बढ़ा। भाभी को भी बहुत खुशी हुई। फिर हम हर हफ्ते एक-एक दो-दो वीडियो बनाने लगे। पहले यही होता था कि भाभी रोजाना जो खाना बनाती थीं, मैं उसको शूट करके यूट्यूब पर डालता था। हमारा घर एकदम देसी है। चाय को छोड़कर सबकुछ चूल्हे पर ही बनता है। इसलिए वीडियो भी चूल्हे पर ही देसी तरीके से खाना बनाते हुए शूट करते थे।
बिना किसी प्रमोशन के हमारे वीडियो पर व्यूज आने लगे। 6 महीने बाद यूट्यूब ने खुद ही मेरे चैनल को मोनेटाइज कर दिया और मुझे अपने अकाउंट में पैसे भी दिखने लगे। लेकिन गांव के दोस्त कहते थे कि ये पैसे सिर्फ दिखते हैं, मिलते नहीं। लेकिन यूट्यूब ने कुछ महीनों बाद मेरे अकाउंट में 13,400 रुपए ट्रांसफर किए। ये पैसा आने के बाद हम लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था। पूरे गांव में पता चल गया था कि हमें यूट्यूब से पैसा मिला है। घर में भी सब बहुत खुश थे।
देवर के साथ ही बबीता को पूरा परिवार वीडियो बनाने में मदद करता है। वे कहती हैं, मुझे पति का बहुत सपोर्ट मिला।
देवर के साथ ही बबीता को पूरा परिवार वीडियो बनाने में मदद करता है। वे कहती हैं, मुझे पति का बहुत सपोर्ट मिला।
उसके बाद हमने हर महीने चार से पांच वीडियो अपलोड करना शुरू कर दिए। क्योंकि मैंने यूट्यूब पर ही देखा था कि भले ही कम वीडियो अपलोड करो लेकिन फिर लगातार करो। जैसे महीने में भले ही पांच बार करो लेकिन फिर उस पांच में गेप मत होने दो। पहले वीडियो बनाने के बाद हमारे सामने सबसे बड़ी दिक्कत उसे अपलोड करने की थी क्योंकि गांव में नेटवर्क बड़ी मुश्किल से आता था। मैं छत से या खेत से वीडियो अपलोड करता था क्योंकि वहां नेटवर्क अच्छा आता था।
यूट्यूब से पैसे आना शुरू हुए तो मैंने घर पर वाईफाई लगवा लिया। कई बार हमें यूट्यूब से महीने के दो-दो लाख रुपए भी आए तो कई बार दस-बारह हजार भी आए। हालांकि, एवरेज देखें तो पिछले तीन साल में हर माह 60 से 70 हजार रुपए महीने का एवरेज निकलता है।
अब तो शूटिंग के लिए दो कैमरे खरीद लिए। लैपटॉप खरीद लिया। ट्राइपोड भी है। भाभी को भी शूट करते आ गया। जब मैं नहीं होता, तब वो खुद ही वीडियो शूट कर लेती हैं। अब मेरा प्लान घर की छत पर ही कुछ बनाने का है, लेकिन चैनल का कंटेंट हम देसी ही रखेंगे। यही हमारी यूएसपी है। अभी हमारे चैनल Indian Girl Babita’s Village पर 4 लाख 22 हजार सब्सक्राइबर हैं, हमारा टारगेट 1 मिलियन सब्सक्राइबर जोड़ने का है।
आप भी यूट्यूब पर ऐसे बना सकते हैं खुद का चैनल
एक यूट्यूब चैनल की शुरुआत करने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले आपके पास एक एक्टिव गूगल अकाउंट हो। अगर गूगल अकाउंट नहीं है, तो आप सबसे पहले गूगल अकाउंट बना लीजिए। यूट्यूब पर गूगल अकाउंट से साइन इन करने के बाद यूट्यूब चैनल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
स्टेप- 1
यूट्यूब पर जाकर राइट साइड पर यूट्यूब अकाउंट के थंबनेल इमेज पर क्लिक करें। इसके बाद ‘क्रिएट ए चैनल’ विकल्प को सिलेक्ट करें।
स्टेप-2
अब यूट्यूब चैनल का नाम डालें, चैनल के नाम के लिए बेहतर होगा कि आप किसी ऐसे नाम को चुनें जिससे यह स्पष्ट हो कि आपका चैनल किससे संबंधित है।
स्टेप-3
नाम सिलेक्ट करने के बाद आपको कैटेगरी सिलेक्ट करनी होगी यानी आप किस तरह का कंटेंट पोस्ट करेंगे। इसके बाद चेक बाॅक्स पर ओके का विकल्प क्लिक करना होगा। (क्लिक करने से पहले ध्यान से नियम व शर्तें पढ़ लें)
स्टेप-4
आपका यूट्यूब चैनल बन गया है। अब आप एक नए पेज पर रीडायरेक्ट हो जाएंगे, जहां आप अपने ब्रांड से जुड़ी तस्वीरें, बैकग्राउंड आर्ट, चैनल आइकन अपलोड कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने चैनल के बारे में मजेदार और यूनिक डिस्क्रिपशन डाल सकते हैं।
यहां आप वो सब कुछ शेयर कर सकते हैं, जिससे ये पता चलता है कि आपका यूट्यूब चैनल किस बारे में है और आप किस तरह के कंटेंट को कब पोस्ट करना चाहते हैं। इसके अलावा बिजनेस इन्क्वायरी के लिए आप ईमेल आईडी भी शेयर कर सकते हैं। इसके बाद आप अपने चैनल में वीडियो अपलोड के विकल्प को सिलेक्ट करके कोई भी वीडियो अपलोड कर सकते हैं।