कानपुर लव जिहाद की एसआईटी जांच पूरी,चौका रहीं हैं जानकारियां

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कानपुर लव जिहाद केस: SIT जांच पूरी, 9 मामले रेडार पर, चौंकाने वाले सच से उठेगा पर्दा!

Love Jihad News कानपुर में लगातार धर्मांतरण के मामले सामने आने के बाद आईजी मोहित अग्रवाल ने एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है, और एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट आईजी रेंज को सौंप दी जाएगी।

हाइलाइट्स:
कानपुर में लव जिहाद के कथित मामलों में एसआईटी ने पूरी की जांच
14 में से 9 मामले हैं रेडार पर, रिपोर्ट के बाद चौंका सकता है सच
1 हफ्ते में सौंपी जा सकती है रिपोर्ट, 23 मामलों को दायरे में लाया गया
अगस्त में शालिनी यादव के फिजा फातिमा बनने के बाद बढ़े मामले


सुमित शर्मा, कानपुर 09 नवंबर। कानपुर में लव जिहाद के मामलों की जांच के लिए आईजी रेंज ने एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी ने लव जिहाद मामलों की जांच पूरी कर ली है। खबर है कि एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट आईजी रेंज मोहित अग्रवाल को सौंप दी जाएगी। इस बीच सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक एसआईटी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हो सकता है। आरोप है कि कानपुर में एक समुदाय विशेष के युवक अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर दूसरे समुदाय की युवतियों को प्रेमजाल में फंसाते थे। इसके बाद उनका ब्रेनवॉश, जबरन धर्म परिवर्तन और फिर निकाह होता था।
उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे कथित लव जिहाद के मामलों पर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है। लव जिहाद के मामलों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने सख्त कानून बनाने का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद से कथित लव जिहाद के नए मामलों में कमी भी आई है। कानपुर में बीते अगस्त महीने में शालिनी यादव से फिजा फातिमा बनकर निकाह करने वाली युवती ने वीडियो वायरल कर सनसनी फैला दी।

आईजी ने किया था एसआईटी का गठन

शालिनी यादव का वीडियो वायरल होने के बाद कई हिंदूवादी सगठन सड़कों पर उतर आए थे। कई पीड़ित परिवार भी सामने आकर लव जिहाद का आरोप लगा रहे थे। हिंदूवादी संगठनों और पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया था कि कानपुर में लव जिहाद की जड़ें मजबूत होती जा रही हैं। शहर में एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जो दूसरे समुदाय की युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर जबरन निकाह कराता है। आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने लव जिहाद के मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।

23 में से 14 मामले धर्मांतरण के दायरे में आए

आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने आदेश किया था कि धर्म परिवर्तन के दो वर्ष पूर्व दर्ज हुए मामलों की जांच भी एसआइटी करेगी। सूत्रों के मुताबिक धर्म परिवर्तन के 12 मामले पूर्व में दर्ज किए गए थे, जबकि 11 मामले बीते तीन महीनों में सामने आए थे। एसआईटी ने जांच कर 14 मामलों को जबरन धर्म परिवर्तन की श्रेणी में रखा था। इनमें से पांच में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है। सूत्रों के मुताबिक बाकी बचे 9 मामलों में एसआईटी को जबरन धर्म परिवर्तन के पुख्ता सबूत मिले हैं।

आरोपितों को कहां से हो रही फंडिंग

बीते तीन महीनों में धर्म परिवर्तन के आए मामलों में देखा गया कि पांच आरोपित एक ही कॉलोनी के रहने वाले थे। पांचों आरोपित आपस में दोस्त थे। इसके साथ ही लव जिहाद के सभी आरोपित आर्थिक रूप से कमजोर थे। इसके बाद भी धार्मिक पहचान छिपाकर युवतियों को जाल में फंसाकर कथित रूप से जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। आरोपितों ने पुलिस के सामने जिला न्यायालय से लेकर हाई कोर्ट तक महंगे वकीलों की फौज खड़ी कर दी। ऐसे में एसआईटी के सामने यह भी सवाल था कि आरोपितों के पास कानूनी लड़ाई के लिए इतना पैसा कहां से आया। कोई प्रतिबंधित संगठन तो इसके पीछे नहीं है। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी की रिपोर्ट में इसका भी खुलासा हो सकता है।

इमोशनल तरीके से करते है ब्रेनवॉश

सूत्रों के मुताबिक जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में देखा गया है कि आरोपी सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर युवतियों से दोस्ती करते हैं। इसके बाद उन्हें प्रेम जाल में फांसते है। इस दौरान युवक पानी की तरह पैसा बाहाते हैं। प्रेम जाल में फांसने के बाद इमोशनल तरीके से युवतियों का ब्रेनवॉश किया जाता है। इसके बाद बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाते हैं और जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है।

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