जार्ज एवरेस्ट मसूरी में बनेगा कार्टोग्राफिक म्यूजियम
देहरादून 26 सितम्बर, ।जॉर्ज एवरेस्ट में होगा कार्टोग्राफिक म्यूजियम का निर्माण
सचिव पर्यटन, दिलीप जावलकर ने आज मसूरी के निकट हाथीपांव स्थित जॉर्ज एवरेस्ट में एशियन डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से किए जा रहे हैं निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। निरीक्षणके दौरान जॉर्ज एवरेस्ट में कार्टोग्राफीक म्यूजियम के निर्माण के संबंध में सर्वे ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
जॉर्ज एवरेस्ट के निरीक्षण के दौरान उनके साथ सर्वे ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे सचिव पर्यटन ने बताया कि जॉर्ज एवरेस्ट में एक कार्टोग्राफिक संग्रहालय का निर्माण प्रस्तावित है। और इस संबंध में शीघ्र ही सर्वे ऑफ इंडिया के साथ एक मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (समझौता ज्ञापन) हस्ताक्षर किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि जॉर्ज एवरेस्ट में लगभग 24 करोड़ रुपए की परियोजना पर कार्य किया जा रहा है जिसमें पर्यटकों के लिए इको फ्रेंडली लॉग हट्स, मोबाइल टॉयलेट, फूड वैन, ओपन थिएटर, अप्रोच रोड तथा एक हैरीटेज़ ट्रैक का निर्माण किया जाना है।
सचिव पर्यटन ने बताया कि जॉर्ज एवरेस्ट में निर्माण कार्यों के पूरा हो जाने पर स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और इस हेरिटेज स्थल को पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हाथी पाव में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और यह पर्यटकों का एक पसंदीदा स्थान है। अवस्थापना कार्यों के माध्यम से पर्यटन विभाग का उद्देश्य यहां आने वाले पर्यटकों को अधिकतम सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
अनलाक-4 में पर्यटन कुछ एस ओ पी तैयार: मुख्यमंत्री
उधर,मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। विश्व पर्यटन दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म तथा आयुष के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। प्रदेश का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य सदियों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। जबकि यहां के चारधाम देश व दुनिया के करोड़ों लोगों के आस्था के केंद्र है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने मे पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसी के दृष्टिगत राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि ‘अतिथि देवो भवः’ की हमारी परम्परा रही है। हमें अपनी इस परम्परा को सदैव कायम रखना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य, दुनियाभर में लोगों को पर्यटन के महत्व के प्रति जागृत करना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्यटन को वर्षभर स्थानीय निवासियों के लिए आर्थिक गतिविधियों का स्रोत बनाये जाने का हमारा प्रयास है। प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के लिये ’13 जिले-13 नए पर्यटन गंतव्य’, स्थापित किये जाने के साथ ही अनेक अन्य पर्यटन गंतव्य विकसित करने की दिशा में भी पहल की जा रही है। चारधाम सड़क योजना एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तेजी से हो रहा है। इससे प्रदेश में आने वाले पर्यटकों, तीर्थयात्रियों को आवागमन में आसानी होगी। श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। इसे विश्व स्तरीय धार्मिक स्थल बनाया जा रहा है। बद्रीनाथ मन्दिर के सौन्द्रयीकरण की दिशा में पहल की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड 19 का प्रभाव अन्य क्षेत्रों की भांति प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ा है। पिछले छः माह से पर्यटन व्यवसाय में आये ठहराव को अब आगे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे है। होटल, राफ्टिंग, फिल्म शूटिंग, चारधाम यात्रा जैसे क्षेत्रों को शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाये जा रहे हैं। इसके लिए एसओपी की गाइड लाइन भी तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वैश्विक महामारी का यह दौर भी समाप्त होगा तथा देवभूमि में पर्यटन व्यवसाय चार धाम यात्रा तथा यहां के नैसंर्गिक प्राकृतिक स्थलों पर फिल्मांकन आदि व्यवसाय अपने पूर्व स्वरूप में दृष्टिगोचर होने लगेगा।