संभल जामा मस्जिद सर्वे में जिहादी भीड़ का पुलिस पर हमला, चार मरे, दर्जनों पुलिस जन घायल

तनावपूर्ण हालात के बीच चौथी माैत, मुरादाबाद मंडल में जारी किया गया अलर्ट

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खास बातें
उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद पर दोबारा सर्वे को लेकर हुए पर विवाद ने रविवार को हिंसक रूप ले लिया। सर्वे के दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव और आगजनी कर दी। जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना में बीस से अधिक पुलिस कर्मी और दो दर्जन लोग चोटिल हो गए। तीन लोगों की माैत की खबर है।

तीसरे युवक ने भी तोड़ा दम, इलाके में कड़ी निगरानी

हिंसक घटना में अब तक तीन युवकों की मौत की खबर है, हालांकि अधिकारियों ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। मृतकों की पहचान रोमान, बिलाल और नईम के तौर पर की गई है। इसके अलावा बीस से अधिक पुलिसकर्मी और दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पुलिस प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है और इलाके में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

संभल की सड़कों पर छाया सन्नाटा

संभल शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। चंदौसी चौराहा, शंकर चौराहा, अस्पताल चौराहा और यशोदा चौराहा समेत सभी प्रमुख चौराहों पर बेरिकेडिंग कर आम लोगों को रोका गया है। जो लोग इन रास्तों से गुजरने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें डाइवर्ट करके अन्य मार्गों से भेजा जा रहा है। शहर भर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। इस हिंसक घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
कमिश्नर और डीआईजी ने लिया स्थिति का जायजा
हिंसक बवाल के बाद जिले में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस बीच कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह और डीआईजी मुनिराज जी मौके पर पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने अदालत की कार्रवाई का हवाला देते हुए सभी से संयम बरतने की अपील की है। इस बवाल में डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

चुन-चुनकर पुलिस की गाड़ियों को फूंका:एसपी संभल
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए हिंसक बवाल पर एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दंगाई पूरी प्लानिंग के तहत पुलिस की गाड़ियों को निशाना बना रहे थे। खासतौर पर पुलिस की गाड़ियों को चुन-चुनकर फूंक डाला गया जबकि आम लोगों की गाड़ियां सुरक्षित रहीं। एसपी ने बताया कि दंगाइयों के खिलाफ रासुका (NSA) लगाया जाएगा। उनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज से की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने इस हिंसा के लिए अन्य को उकसाया उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि वे जिंदगी भर इस अपराध को याद रखें।

अखिलेश यादव बोले, सरकार ने जानबूझकर टीम को सुबह भेजा, तब हिंसा हुई
जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसक घटना पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर घटना है। मस्जिद का सर्वे पहले ही हो चुका था लेकिन जानबूझकर सुबह फिर से सर्वे टीम को भेजा गया। ताकि माहौल खराब हो सके और चुनावी मुद्दों पर चर्चा न हो पाए। सूचना है कि कई लोग घायल हो गए हैं और एक युवक की जान चली गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मस्जिद का सर्वे पहले ही किया जा चुका था तो सरकार को फिर से इसकी क्या जरूरत पड़ी। वह भी बिना किसी तैयारी। अखिलेश ने इस घटना को बीजेपी सरकार और प्रशासन का षड्यंत्र बताते हुए कहा कि जो कुछ भी हुआ वह प्रशासन की तरफ से जानबूझकर किया गया ताकि चुनावों में हो रही धांधली और व्यापारी मामलों पर कोई चर्चा न हो सके। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर हिंसा को बढ़ावा दिया ताकि राजनीतिक मुद्दों पर किसी प्रकार की बात न हो सके।

मौलाना शहाबुद्दीन बोले- शांति बनाए रखें मुसलमान, कोर्ट में मजबूती से लड़ेंगे कानूनी लड़ाई

उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे पर रविवार को बवाल हो गया। सर्वे के दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव और आगजनी की। इससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। संभल में हुए बवाल के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने मुसलमानों से अपील की है कि अमन व शांति को बनाये रखें। तोड़फोड़, पथराव न करें। पैगंबर इस्लाम ने शांति का पैगाम दिया है उस पर अमल करे। मौलाना ने कहा कि संभल की जामा मस्जिद एक ऐतिहासिक मस्जिद है। जामा मस्जिद का मामला सर्वे को लेकर कोर्ट में लंबित है। इसे लेकर कानूनी लड़ाई मजबूती से लड़ी जाएगी।
SP कृष्ण बिश्नोई ने उपद्रवियों से कहा- भविष्य बर्बाद न करो बेटा
मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण करने के दौरान हंगामा और जमकर पथराव किया गया। पुलिस के कई वाहन फूंक डाले गए। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इस बीच हालात पर काबू पाने के लिए एसपी संभल, कृष्ण बिश्नोई सड़क पर उतर आए। एक वीडियो में वह भीड़ में शामिल उपद्रवियों को समझाते हुए नजर आए। वह उनसे कह रहे हैं कि बेटा आपका भविष्य बहुत अच्छा है, नेताओं के चक्कर में अपना भविष्य बर्बाद मत करो।

जामा मस्जिद का यह है मामला
हिंदू पक्ष की ओर से न्यायालय में वाद दायर किया गया है। उसमें उन्होंने हरिहर मंदिर होने का दावा किया है। न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया है। मंगलवार को कोर्ट कमिश्नर ने पहली बार मस्जिद पहुंचकर सर्वे किया था। करीब दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी। दोबारा रविवार को सर्वे होने के दाैरान बवाल हो गया। कोर्ट कमिश्नर 29 नवंबर को न्यायालय में रिपोर्ट पेश करेंगे।
सुबह से ही माहौल गर्माया
रविवार सुबह संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के साथ सर्वेक्षण टीम जामा मस्जिद पहुंची। कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में टीम ने मस्जिद के अंदर सर्वे का कार्य शुरू किया। जैसे ही स्थानीय लोगों को सर्वे की जानकारी मिली, नाराज मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मस्जिद के बाहर जमा हो गए। सर्वे के दौरान नाराज भीड़ ने पुलिस पर पथराव और आगजनी कर दी जिससे हालात बेकाबू हो गए। पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना में बीस से अधिक पुलिस कर्मी और दो दर्जन लोग चोटिल हो गए।

हिंसा के लिए प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार: मायावती
संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए हिंसक बवाल पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने यूपी सरकार और प्रशासन पर कड़ी आलोचना की है। मायावती ने कहा कि उपचुनावों के अप्रत्याशित परिणामों के बाद मुरादाबाद मंडल, खासकर संभल जिले में तनाव था। ऐसे हालात में यूपी सरकार और प्रशासन को मस्जिद-मंदिर विवाद के सर्वे को शांति से आगे बढ़ाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया और आज जो बवाल और हिंसा हुई, उसके लिए यूपी सरकार और प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। यह अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा यह काम शांति से, दोनों पक्षों को एक साथ लेकर किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रशासन की लापरवाही की वजह से आज हिंसा और अराजकता का माहौल बना।

तनावपूर्ण हालात के बीच तीसरी माैत, मुरादाबाद मंडल में जारी किया गया अलर्ट
रविवार सुबह संभल जिलाधिकारी डॉक्टर राजेंद्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई के साथ सर्वेक्षण टीम जामा मस्जिद पहुंची। कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में टीम ने मस्जिद के अंदर सर्वे का कार्य शुरू किया। जैसे ही स्थानीय लोगों को सर्वे की जानकारी मिली, नाराज मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मस्जिद के बाहर जमा हो गए।

पत्थरबाजी, आगजनी, फायरिंग… संभल में दंगाइयों ने सब कुछ किया, पर रोक नहीं पाए जामा मस्जिद का सर्वे: जानिए कौन हैं विष्णु शंकर जैन, मुस्लिम भीड़ की घेराबंदी में कैसे फँसे?

विष्णु शंकर जैन
संभल की जामा मस्जिद, विष्णु शंकर जैन (फोटो साभार: इंडिया टुडे)

उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर दोबारा सर्वे करने के लिए रविवार (24 नवंबर 2024) की सुबह टीम पहुँची, जिसे घेरकर मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ ने पत्थरबाजी की और जमकर बवाल काटा। करीब ढाई घंटे तक चले सर्वे के दौरान बाहर भारी पत्थरबाजी होती रही, जिसे काबू करने के लिए प्रशासन को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बवाल में अज्ञात व्यक्ति की भी जान चली गई है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ये गोली गली की तरफ से आई, जो पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर रही थी। इस दौरान उपजिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी और सिपाही भी घायल हो गए हैं। पुलिस ने मुश्किल से हालात पर काबू पाया। किसी भी प्रकार का उपद्रव रोकने को पुलिस के साथ PAC और रैपिड एक्शन फ़ोर्स (RAF) के जवान तैनात हैं।

पत्थरबाजी को लेकर संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेन्सिया ने कहा, “सर्वेक्षण पूरा हो गया है। सर्वेक्षण दल को सुरक्षित निकाल लिया गया है। स्थिति नियंत्रण में लाई जा रही है। शरारती तत्वों पर कठोर कार्रवाई होगी। किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।”

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संभल जामा मस्जिद सर्वे बवाल: अचानक कैसे पहुंच गए 1 हजार लोग? पुलिस से बहसबाजी के बीच ही कर दी पत्थरों की बारिश
Sambhal Jama Masjid Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार सुबह बड़ा बवाल हो गया। सर्वे टीम को देखकर भड़की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना के बाद इलाके में तनाव है और पुलिस बल तैनात किया गया है।

हिंदू पक्ष ने हरिहर मंदिर को तोड़कर संभल जामा मस्जिद बनाने का दावा किया
दोबारा शुरू किया गया सर्वे पूरा, टीम 29 नवंबर को कोर्ट में पेश करेगा रिपोर्ट

संभल जामा मस्जिद हिंसा

उत्तर प्रदेश के  संभल में रविवार सुबह 6 बजे जामा मस्जिद सर्वे के दौरान पथराव किया गया। इतना बवाल हुआ कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा। हालात अभी बेकाबू है। वहीं इस बवाल के बाद चर्चा हो रही है कि अचानक सुबह 6 बजे 1000 लोगों की भीड़ जामा मस्जिद कैसे पहुंची गई। इस दौरान भारी मात्रा में पत्थर फेंके गए, जिसे देखने से लग रहा है कि इसकी बहुत पहले से तैयारी की गई थी।

संभल में बवाल के बाद जिले के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस भी अलर्ट हो गई है। वहीं आस-पास के थानों से फोर्स को बुलाया गया है। डीएम और एसपी भी मौके पर हैं। दरअसल, सुबह 6 बजे जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। सुबह-सुबह टीम को देखकर आस-पास के मुस्लिम समुदाय भड़क गया। उन्होंने कहा कि छुट्टी के दिन इतनी-इतनी सुबह-सुबह सर्वे क्यों किया जा रहा है।

अचानक हमले से पुलिस को भागना पड़ा
कुछ ही देर में करीब एक हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। भीड़ मस्जिद के अंदर जाने पर अड़ गई। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। मौके पर इसके बाद भगदड़ जैसे हालात हो गए। अचानक पथराव के बाद पुलिस को भागना पड़ा।

जूते-चप्पल और पत्थरों की बारिश
संभल जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल की सूचना पर पुलिस फोस और प्रशासन की टीम पहुंचना शुरू हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा। इस बीच कुछ लोगों ने भीड़ के बीच से पथराव फेंकना शुरू कर दिया। देखते ही देखते जामा मस्जिद इलाके में पास जूते-चप्पल और पत्थरों की बारिश होने लगी।बवाल करने वाले लोगों को हटाने के लिए आखिरकार पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। मौके पर तनाव का माहौल जारी है।

हरिहर मंदिर या जामा मस्जिद को लेकर सर्वे
संभल जामा मस्जिद का मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है। हिंदू पक्ष ने हरिहर मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद बनाने का दावा किया था। इसके बाद कोर्ट ने जामा मस्जिद सर्वे के आदेश दिए। इसी आदेश पर डीएम-एसपी समेत एक टीम सुबह-सुबह जामा मस्जिद पहुंची थी, जिसके बाद इतना बड़ा बवाल हो गया।

संभल बवाल के बाद कई हिरासत में
अचानक पथराव के बाद पुलिस को एक बार तो पीछे हटना पड़ा। फौरन सूचना देकर और फोर्स बुलाई गई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़कर सर्वे स्थल से दूर किया। इस बीच कुछ लोगों पथराव भी दिया। पुलिस ने पथराव करने वाले आरोपियों को हिरासत में भी लिया है।

29 नवंबर को कोर्ट में दाखिल होगी सर्वे रिपोर्ट
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन सर्वे के बाद बताया कि सर्वे के दौरान दोनो पक्षों के वकीलों के साथ जामा मस्जिद कमेटी के लोग भी मौजूद थे। संभल जामा मस्जिद का सर्वे पूरा हो गया है। सर्वे की वीडियोग्राफी करवाई गई है। 29 नवंबर को सर्वे की संपूर्ण रिपोर्ट ओर वीडियो कोर्ट में दाखिल किए जाएंगे।

मस्जिद में फंसे थे विष्णु शंकर जैन, पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाला
सर्वे टीम में शामिल वकील विष्णु शंकर जैन को पुलिस ने सुरक्षा के बीच बाहर निकाला। विष्णु शंकर जैन वही वकील हैं जिनकी याचिका पर कोर्ट ने 19 नवंबर को मस्जिद में सर्वेक्षण आदेश दिया था और उसी शाम को पहली बार सर्वे भी हुआ था। उस दिन भी वातावरण तनावपूर्ण हो गया था। इस मामले में एडवोकेट कमिश्नर 29 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करेंगे।

विष्णु शंकर जैन ने बताया, कि “19 नवंबर को पारित न्यायालय के आदेश के अनुपालन में आज एडवोकेट कमिश्नर का दूसरे दिन का सर्वेक्षण सुबह 7:30 बजे से 10 बजे तक हुआ। सर्वेक्षण में सभी विशेषताओं का अध्ययन किया गया। न्यायालय निर्देशित वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का अनुपालन किया गया है और अब यह सर्वेक्षण पूरा हो गया है। रिपोर्ट 29 नवंबर से पहले या 29 नवंबर को न्यायालय में प्रस्तुत की जाएगी।”

पितृ अनुगामी  कर्मयोगी विष्णु शंकर जैन
बता दें कि वकील विष्णु शंकर जैन ने ही संभल की जामा मस्जिद पर श्री हरि हर मंदिर होने का दावा जिला कोर्ट में किया है। वरिष्ठ वकील पिता-पुत्र हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन  श्रीकृष्ण जन्मभूमि, ज्ञानवापी शृंगार गौरी समेत 110 मामलों की पैरवी कर रहे हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में भी विष्णु जैन हिंदू पक्ष के अधिवक्ता हैं।

हरिशंकर जैन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हैं। उनके बेटे विष्णु जैन भी पिता के पथ पर चल रहे हैं। उन्होंने साल 2010 में बालाजी लॉ कॉलेज से डिग्री लेकर वकालत शुरू की। तब से वह पिता के साथ हैं। विष्णु जैन ने श्रीराम जन्मभूमि मामले से प्रैक्टिस शुरू की थी।

अधिवक्ता हरि शंकर जैन (जन्म 27 मई 1954) वर्ष 1976 से वकालत कर रहे हैं। उन्होंने लखनऊ कोर्ट से अपनी प्रैक्टिस शुरू की और धीरे-धीरे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी मुकदमे लड़ते गए। उनके बेटे विष्णु शंकर जैन (जन्म 9 अक्टूबर 1986) ने बचपन से ही अपने पिता को हिंदू हित में मुकदमे लड़ते देखा। वे पिता के पदचिन्हों पर चल पाए। विष्णु शंकर जैन ने 2010 में अपनी कानून की पढ़ाई पूरी की और तब से अपने पिता के मुकदमों में उनकी सहायता कर रहे हैं, जो सामान्य रूप से भारतीय समाज और विशेष रूप से भारतीय सभ्यता में अद्वितीय महत्व रखते हैं।

विष्णु शंकर जैन ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता हैं। उन्होंने अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मामले से अपनी वकालत शुरू की, और 2011 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के फैसले को चुनौती दी। इस मामले में उन्होंने अपने पिता हरि शंकर जैन की सहायता की। 2016 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड की परीक्षा पास की और 2016 में ही अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई। विष्णु शंकर जैन यह बताना कभी नहीं भूलते कि वह और उनका परिवार, खासकर उनके पिता और मार्गदर्शक हरि शंकर जैन खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें वह काम करने का मौका मिला, जिसमें वे लगे हुए हैं।

हिंदुओं से संबंधी करीब 110 मामले ऐसे हैं जिनमें हरिशंकर जैन और विष्णु जैन में से कोई एक या फिर दोनों अदालत में पेश हुए हों। इनमें सबसे पुराना मामला साल 1990 का है। दिलचस्प बात ये है कि ज्यादातर केस पिता-पुत्र की जोड़ी ने जीत कर ही दम लिया। वहीं कुछ हैं जो अब भी चल रहे हैं। इसमें संभल का मामला सबसे नया है और संभल के मामले को लेकर विष्णु शंकर जैन ने बेहद कम समय में काफी सफलताएँ हिंदू पक्ष के लिए पाई हैं।

 

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