प्रतीक्षा समाप्त,तैयारियां पूर्ण,आज आयेंगें अयोध्या मंदिर में राम

AyodhyaRam Mandir Pran Pratistha Today Pm Narendra Modi Will Inaugurate Today
खत्म हुआ इंतजार… मंदिर तैयार और आज आएंगे भगवान राम, अयोध्या में दिख रहा अद्भुत नजारा
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का आज शुभ दिन आ ही गया। पीएम नरेंद्र मोदी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे। दोपहर 12:20 बजे शुभ मुहूर्त में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा शुरू होगी।

अयोध्या 22 जनवरी 2024: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में कुछ ही घंटे बचे हैं। बच्चे, युवा, बूढ़े, क्या महिला-क्या पुरुष सब राममय हो गए हैं। अयोध्या की गलियां राम की कहानी बयां कर रही हैं। हनुमानगढ़ी में राम भक्तों का तांता है। मंदिरों पर रामायण का पाठ हो रहा है। जगह-जगह भंडारे चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में एलईडी टीवी पर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लाइव दिखाने के लिए प्रोग्राम रखे गए हैं। ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह आज अपराह्न 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और अपराह्न एक बजे तक उसके पूरा होने की संभावना है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयोजन स्थल पर संतों और प्रतिष्ठित हस्तियों समेत 7,000 से अधिक लोगों की सभा को संबोधित करेंगे। करीब डेढ़ अरब देशवासी इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे।
राम मंदिर के समारोह में शामिल होने के लिए देश-दुनिया से लोग पहुंच गए हैं। बाबा रामदेव, बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेराय, सिंगर सोनू निगम, दक्षिण भारत के सुपस्टार रजनीकांत और धनुष अयोध्या पहुंच गए हैं। बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल भी अयोध्या पहुंच चुकी है। आज भी वीवीआईपी आने का सिलसिला जारी है। केंद्र सरकार ने इस दिन आधे दिन की छुट्टी रखी है तो वहीं कई राज्यों ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया हुआ है। पेरिस और सिडनी तक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आज कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 60 देशों में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) या हिंदू प्रवासी समुदाय की ओर से कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

अयोध्या राममय

भव्य राम मंदिर को फूलों और विशेष रोशनी से सजाया गया है। पूरा शहर धार्मिंक रंग में सराबोर है या यूं कहें कि ‘अयोध्या राममय हो रही है’। यह मंदिर नगरी ‘शुभ घड़ी आयी’, ‘तैयार है अयोध्या धाम, विराजेंगे श्री राम’, ‘राम फिर लौटेंगे’, ‘अयोध्या में राम राज्य’ जैसे नारों वाले पोस्टर और होर्डिंग हर ओर दिखाई दे रहे हैं। राम मार्ग, सरयू नदी तट और लता मंगेशकर चौक जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर रामायण के विभिन्न श्लोक वाले पोस्टर ही पोस्टर दिखाई दे रहे हैं। जिधर नजर घुमाइए उधर राम ही राम हैं।

प्राण प्रतिष्ठा से पहले संगीत की प्रस्तुति

अयोध्या में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ से पहले करीब दो घंटे तक सुनाई देने वाली दिव्य ‘मंगल ध्वनि’ में देशभर के 50 पारंपरिक वाद्य यंत्रों का उपयोग होगा। अयोध्या के प्रसिद्ध कवि यतींद्र मिश्र संचालित इस भव्य संगीतमय प्रस्तुति को नई दिल्ली की संगीत नाटक अकादमी से सहयोग प्राप्त है। संगीत की प्रस्तुति सुबह 10 बजे से शुरू होगी। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश से बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक से वीणा, महाराष्ट्र से सुंदरी, पंजाब से अलगोजा, ओडिशा से मर्दला, मध्य प्रदेश से संतूर, मणिपुर से पुंग, असम से नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ से तंबूरा, बिहार से पखावज, दिल्ली से शहनाई और राजस्थान से रावणहत्था बजाने वाले कलाकार शामिल होंगे। पश्चिम बंगाल के श्रीखोल और सरोद, आंध्र प्रदेश से घटम, झारखंड से सितार, तमिलनाडु से नादस्वरम और मृदंग तथा उत्तराखंड से हुड़का कलाकर भी कार्यक्रम में भाग लेंगे।

114 कलशों के औषधीय जल से हुआ श्रीरामलला का स्नान

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान छठवें दिन रविवार को सुबह नौ बजे से प्रारंभ हुआ। 114 कलशों में औषधियुक्त जल एवं देश के विभिन्न तीर्थों से लाए गए पवित्र जल से श्रीरामलला की मूर्ति का स्नान कराया गया। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में नित्य के पूजन, हवन और पारायण के साथ पूजा प्रक्रिया प्रारम्भ हुई, जो देर शाम तक चली। श्रीरामलला के विग्रह को मध्याधिवास में रखा गया। रविवार ही रात्रि जागरण अधिवास भी हुआ।

500 साल का इंतजार होगा खत्म, अयोध्या में आज आएंगे श्रीराम!
फूलों से सजी अयोध्याजी में जन्मभूमि पथ से लेकर राम पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ की अलौकिक आभा देखते ही बन रही है. सांस्कृतिक नृत्य और वादन के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर प्रदेश के साथ-साथ देश भर की परंपराओं और कला का समागम है. हर तरफ भगवान राम के भजन सुनने को मिल रहे हैं.

अयोध्या में प्रतिष्ठा समारोह की पूर्व संध्या पर जगमग हो उठा राम मंदिर

प्रभु की कृपा भयऊ सब काजु…अर्थात जब प्रभु की कृपा होती है तो सारे काम हो जाते हैं. हिन्दू समाज के 500 वर्षों के तप के बाद आखिरकार सोमवार को प्रभु श्रीरामलला अपने नव्य-भव्य और दिव्य महल में विराज रहे हैं. आज प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी समेत संत समाज और अति विशिष्ट लोगों की उपस्थिति में रामलला के श्रीविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक अनुष्ठान संपन्न होने जा रहा है. अयोध्या नगरी को हजारों क्विंटल फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है. अवधपुरी में उत्सव सा माहौल है. सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या धाम समेत पूरे देश के मंदिरों में राम संकीर्तन और राम चरित मानस का पाठ हो रहा है.
आ रहे हैं सबके श्रीराम
सोमवार शाम को भव्य दीपोत्सव की तैयारी है. ऐसा लग रहा है मानों रघुनंदन के अभिनंदन के लिए पूरा स्वर्ग ही धरती पर उतर आया है. जनवरी में ही दीपावली का अहसान हो रहा है. शबरी के, केवट के, दमितों और वंचितों के, सबके श्रीराम आ रहे हैं।

प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव के लिए तैयार है अवध
प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर परिसर समेत पूरे अयोध्या धाम को फूलों से सजाया गया है. जन्मभूमि स्थान में अलग-अलग तरह के देशी विदेशी फूलों से सजावट की गई है, जबकि जन्मभूमि पथ, राम पथ, धर्म पथ और लता चौक पर भी सुंदर फूलों की सजावट है. विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच बनाए गए हैं. विभिन्न धर्माचार्यों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर राम कथा का आयोजन हो रहा है तो विभिन्न देशों की रामलीलाओं का मंचन भी किया जा रहा है. लता चौक पर लगी वीणा को भी लाइटिंग और फूलों के अद्भुत संगम से रौशन किया गया है. पूरे अयोध्या धाम में म्यूरल पेंटिंग और वॉल पेंटिंग के माध्यम से भगवान श्रीराम की जीवनी से जुड़े अलग-अलग अध्यायों का चित्रण किया गया है.

दस लाख दीप जलाकर दीपोत्सव मनाने की तैयारी
राम की पैड़ी में सरयू आरती के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ लेजर शो धार्मिक अलख जगा रही है. अयोध्या धाम का हर स्थान प्रकाशित है. यही नहीं, अयोध्या आने वाले विभिन्न हाईवे भी फूलों और लाइट से सजे हैं. कुल मिलाकर अयोध्या स्वर्ग जैसा हो रहा है. इसके साथ ही सूर्यास्त के बाद अयोध्या में दस लाख दीयों से दीपोत्सव की भी तैयारी है. वहीं पूरे देश और दुनिया में भी दीपोत्सव मनाया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने सूर्यास्त बाद देशवासियों से 5 दीप प्रज्ज्वलित करने का आग्रह किया है.

कब, कितने बजे और कितनी देर में हो जाएगी प्राण प्रतिष्ठा, जानिए यहां
अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा की विधि, अभिजीत मुहूर्त में संपन्न की जाएगी. इस ऐतिहासिक अवसर पर कार्यक्रम सफल बनाने को मुख्यमंत्री योगी एक दिन पहले ही अयोध्या धाम पहुंच चुके हैं. वहीं प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10.25 पर अयोध्या धाम के महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच जाएंगे. 10:45 पर अयोध्या हैलीपैड पर उनका आगमन होगा.

यहां से वो सीधे राम जन्मभूमि स्थल पर पहुंचेंगे. इसके बाद 11 बजे से 12 बजे तक वह विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेंगे, दोपहर 12.05 बजे से 12.55 तक प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा. दोपहर एक बजे कार्यक्रम समाप्ति बाद वह समारोह स्थल पर पहुंचेंगे, जहां अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ ही पूरे देश और दुनिया को संबोधित करेंगे. यहां मुख्यमंत्री योगी भी अपना उद्बोधन देंगे.

प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम 
सुबह 10.25 – प्रधानमंत्री मोदी महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे
सुबह 10:45 – अयोध्या हैलीपेड पर होगा आगमन

सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तकः प्रधानमंत्री मोदी मंदिर प्रांगण के विभिन्न अनुष्ठान में होंगे शामिल

दोपहर 12:05 से दोपहर 12:55 तक – प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान होगा.

(इसी बीच शुभ मुहूर्त में होगी श्रीराम विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा)

दोपहर 01:00 बजे – समारोह स्थल पर पहुंचेंगे प्रधानमंत्री मोदी

84 सेकेंड का शुभ मुहूर्त, इसी में होगी प्राण प्रतिष्ठा
आज अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त होगा, जिसमें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसमें से काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने जो मुहूर्त चुना उसे सबसे सटीक मानकर उसी मूहुर्त में रामलला की स्थापना होनी है. शुभ मुहूर्त का यह क्षण 84 सेकंड का मात्र होगा जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा.

121 आचार्यों के मार्गदर्शन में होगी प्राण प्रतिष्ठा

समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं को कराने, मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे. वाराणसी के गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगें। काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे. इसके अतिरिक्त प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे.

16 जनवरी से जारी हैं प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान

प्राण प्रतिष्ठा प्रक्रिया 16 जनवरी से ही शुरू हो चुकी. 16 जनवरी को जहां प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन था, 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश हुआ था.18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास के साथ ही श्रीराम लला विग्रह विराजमान हुए.19 जनवरी को औषधाधिवास, केसराधिवास,घृताधिवास,19 जनवरी को धान्याधिवास,20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास,पुष्पाधिवास और 21 जनवरी को मध्याधिवास और शय्याधिवास कराया गया.

विविध प्रतिष्ठान होंगे सम्मिलित

प्राण प्रतिष्ठा पर 8 हजार से ज्यादा लोगों को आमंत्रित किया गया है. इसमें साधु संतों के साथ विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोग बुलाये गये है. देर रात तक इनमें से कई लोग अयोध्या धाम पहुंच चुके , जबकि बाकी लोग भी आज सुबह तड़के पहुंचे. इसके अतिरिक्त भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक वनवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी. इसके साथ ही, भारत के इतिहास में पहली बार पहाड़ों, वनों, तटीय क्षेत्रों, द्वीपों आदि के वासी एक स्थान पर ऐसे किसी समारोह में प्रतिभाग कर रहे है.

कार्यक्रम में अनेक परंपराओं को मिलेगा स्थान

प्राण प्रतिष्ठा में विभिन्न परंपराओं के लोगों को भी स्थान मिला है. शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएं इसमें होंगी. गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभाव दर्शन करेंगें.

सुरक्षा चाक चौबंद, यह है व्यवस्था

श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्​देनजर अयोध्या में भारी पुलिस बल तैनात है. धाम की सुरक्षा को लेकर इसे दो जोन रेड और यलो में बांटा गया है. एसपीजी, एनएसजी ब्लैक कैट कमांडो, सीआरपीएफ कोबरा, सीआईएसएफ, आरएएफ, एनडीआरएफ तैनात है. चप्पे-चप्पे पर उत्तर प्रदेश पुलिस के सुरक्षाकर्मी सतर्क हैं. घरों की छतों से लेकर महत्वपूर्ण लोकेशंस पर स्नाइपर्स भी तैनात है. साथ ही इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ भी गतिविधियों पर नजर रखे है.

पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 11,000 जवानों की अतिरिक्त तैनाती

धाम में प्रदेश के विभिन्न जिलों के 100 से अधिक डीएसपी, लगभग 325 इंस्पेक्टर व 800 उपनिरीक्षकों को तैनात किया गया है, जबकि पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 11,000 जवानों को अतिरिक्त तैनात किया गया है. वहीं वीआईपी सुरक्षा के लिए तीन डीआईजी, 17 एसपी, 40 एएसपी, 82 डीएसपी, 90 इंस्पेक्टर के साथ एक हजार से ज्यादा कॉस्टेबल और 4 कंपनी पीएसी को तैनात किया गया है. श्रद्धालुओं को दर्शनीय स्थलों की जानकारी देने के लिए 250 पुलिस गाइड भी उपलब्ध है. योगी सरकार ने धाम की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए आईटीएमएस, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम एवं पब्लिक सीसीटीवी का भी सहारा ले रही है. एआई तकनीक पर आधारित एंटी ड्रोन सिस्टम पूरी तरह से सक्रिय मोड पर है.

पार्किंग के लिए 51 स्थान चिह्नित

योगी सरकार ने आने वाले मेहमानों के वाहनों की पार्किंग के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए हैं. पार्किंग के लिए 51 स्थानों को चिन्हित किया गया है. इन पार्किंग में करीब 23 हजार वाहनों को पार्क किया जा सकेगा. इतना ही नहीं पार्किंग के लिए किसी को भटकना न पड़े इसके लिए पार्किंग स्थलों को गूगल मैप पर अपलोड किया गया है. वहीं पार्किंग स्थलों को वीवीआईपी, वीआईपी और अन्य मेहमानों के लिए भी रिजर्व किया गया है. इन पार्किंग को वायरलेस और पीए सिस्टम से लैस किया गया है.

आपात स्थिति में मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवा

प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कसी  है. सीएमओ डॉक्टर संजय जैन ने बताया कि विभाग ने आयोजन क्षेत्र के सोलह स्थानों पर श्रीराममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ मिलकर फर्स्ट एड यूनिट बनाई है. इस यूनिट में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट व एक वॉर्ड बॉय  मौजूद रहेगा. इनके अलावा दो अस्पताल भी बने हैं, जिसकी क्षमता 10 व 20 बेड की है. इसके अलावा 40 एम्बुलेंस की भी व्यवस्था है. मेडिकल कॉलेज, श्रीराम चिकित्सालय अयोध्या, जिला अस्पताल अयोध्या, महिला जिला अस्पताल व कुमारगंज के चिकित्सालय मे 190 बेड आपातकालीन स्थिति को आरक्षित हैं.

VVIP मूवमेंट के लिए किए गए इंतजाम

प्राण प्रतिष्ठा अवसर पर वीवीआईपी मूवमेंट को अयोध्या-लखनऊ, अयोध्या-गोरखपुर, अयोध्या-प्रयागराज और अयोध्या-वाराणसी हाईवे ग्रीन कॉरिडोर में बदला गया है. स्वयं के हेलिकॉप्टर व प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से आने वाले वीवीआईपी को महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम के साथ-साथ 5 राज्यों के 12 शहरों के एयरपोर्ट्स में पार्किंग की व्यवस्था है.

प्राण प्रतिष्ठा को क्रिकेट जगत, फिल्म जगत, संत समाज, राजनीति, कला, साहित्य और संस्कृति समेत अन्य क्षेत्रों के अतिविशिष्ट अतिथि आमंत्रित हैं.  उत्तर प्रदेश सरकार ने आज छुट्टी का ऐलान किया है, जबकि केंद्र सरकार ने दोपहर ढाई बजे तक हाफ डे छुट्टी घोषित की है. कई अन्य राज्य और प्रतिष्ठानों ने भी उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की तरह पहल करते हुए छुट्टी घोषित है.

मेवा लड्डू, तुलसी दल, अक्षत-रोली और इलायची दाना… कैसी है प्रसाद की तैयारी

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित अतिथियों के लिए’प्रसादम’  भी खास है. मंदिर ट्रस्ट ने अतिथियों को देने को 15 हजार प्रसाद के पैकेट तैयार करवाए हैं. प्रसाद के पैकेट में मेवे के लड्डू, गुड़ रेवड़ी, रामदाने की चिक्की, अक्षत और रोली भी होगी. अक्षत और रोली की भी विशेष पैकिंग  है. प्रसाद के पैकेट में विशेष रूप से भगवान विष्णु को प्रिय ‘तुलसी दल’ भी होगा. प्रसाद की पैकिंग में भी समारोह की भव्यता की झलक दिखेगी.

15 हजार प्रसादम के डिब्बे तैयार

15 हजार प्रसादम के तैयार डिब्बे केसरिया रंग के हैं. इसमें ‘इलायची दाना’ भी होगा.कारण कि अभी तक अस्थाई मंदिर में रामलला के दर्शनार्थी भक्तों को इलायची दाना प्रसाद रूप में दिया जाता है. इसलिए वह भी प्रसाद में शामिल है. इसके अलावा रक्षा सूत्र (कलावा), ‘राम दीया’ भी डिब्बे में होगा. इसे लोग राम ज्योति जलाने में प्रयोग कर सकते हैं.

प्रसाद के डिब्बे पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लोगो के अलावा महाबली हनुमान के धाम हनुमानगढ़ी का लोगो भी है. इस पर चौपाई लिखी है… राम नाम रति, राम गति, राम नाम बिस्वास सुमिरत सुभ मंगल कुसल, दुहुँ दिसि तुलसीदास. इसे लखनऊ के छप्पन भोग ने समर्पित किया है. डिब्बे दो खेप में अयोध्या के कारसेवकपुरम आए हैं.

कुबेर टीले पर बने शिवमंदिर में पूजा करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में श्रीराम विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इसके साथ ही मंदिर परिसर में कुबेर टीला पर स्थित पुनर्निर्मित शिव मंदिर में पूजा और दर्शन भी करेंगे. वह श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण से जुड़े श्रमजीवियों से भी संवाद करेंगे. प्रधानमंत्री  मोदी आज, 2024 को दोपहर लगभग 12 बजे अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठा) समारोह में भाग लेंगे.

श्रीराम मंदिर की खास बातें और निर्माण शैली
भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में हुआ है. इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट ; कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजे है. मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के जटिल चित्रण हैं. भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बाल स्वरूप (श्री रामलला की मूर्ति) रखे गये हैं. मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहाँ सिंह द्वार से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है.

मंदिर में पांच मंडप
मंदिर में कुल पांच मंडप (हॉल) हैं – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप. मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है. मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित है. मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से हुआ है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है. मंदिर में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं हुआ है. जमीन की नमी से सुरक्षा को ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरा निर्मित हुआ है. मंदिर परिसर में एक सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्र, वाटर ट्रीटमेंट संयंत्र, अग्नि सुरक्षा को जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है. मंदिर निर्माण देश की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक से हुआ है.

16 जनवरी से शुरू हुए अनुष्ठान

रविवार की पूजा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से अनिल मिश्र सपरिवार और विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर आर. एन. सिंह एवं अन्य लोग शामिल रहे। प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की प्रक्रिया 16 जनवरी को दोपहर बाद सरयू नदी से प्रारंभ हुई थी। 17 जनवरी को श्रीरामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में आगमन हुआ था। सोमवार दोपहर अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान सम्पन्न होगा। अयोध्या में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ से पहले करीब दो घंटे तक सुनायी देने वाली दिव्य ‘मंगल ध्वनि’ में देशभर के 50 पारंपरिक वाद्य यंत्रों का उपयोग किया जाएगा।

मंदिर में प्रवेश पूर्वी दिशा से होगा

मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर में प्रवेश पूर्वी दिशा से होगा और निकासी दक्षिण दिशा से होगी। मंदिर की पूरी संरचना तीन मंजिला होगी। श्रद्धालुओं को मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़नी होगी। पारंपरिक नागर शैली में बना मंदिर परिसर 380 फुट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा होगा। मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फुट ऊंची होगी और उसमें कुल 392 स्तंभ और 44 द्वार होंगे।

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