विवेचना: सतपाल मलिक और अजय मिश्र टेनी पर कार्रवाई क्यों नहीं करती भाजपा?
विवेचना:सत्यपाल मलिक और अजय मिश्रा पर एक्शन क्यों नहीं ले रही BJP? मलिक तो सीधे मोदी पर कर चुके हमला
लखनऊ 13 जनवरी। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के चलते BJP को लगातार लज्जित होना पड़ रहा है। सत्यपाल मलिक तो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल रहे हैं। हाल ही में एक वीडियो में सत्यपाल मलिक ने कहा था कि उन्होंने कृषि कानूनों पर प्रधानमंत्री से चर्चा की थी लेकिन वह घमंड में थे। इससे पहले भी मलिक कई मौकों पर कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं, लेकिन अब वह सीधे प्रधानमंत्री को निशाना बना रहे हैं।
माना जाता है कि मलिक अपने सितंबर में समाप्त हो रहे कार्यकाल के बाद अपने लिए भाजपा से सम्मानजनक पद का वायदा चाहते हैं जो उन्हें मिलता नहीं दिखता। वे इसी को लेकर बेचैन हैं और शीर्ष नेतृत्व को दबाव में लेने की कोशिश करते रहते हैं।
वहीं, पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दाखिल चार्जशीट में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे को मुख्य आरोपित बनाया गया है। चार्जशीट में बेटे आशीष का नाम आने से टेनी के चलते पार्टी को भी विपक्ष के हमलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्होंने पहले कहा था कि अगर कोई हिंसा वाली जगह पर मेरे बेटे की मौजूदगी का प्रमाण दे दे तो मैं अपने पद से त्यागपत्र दे दूंगा। वहीं विपक्ष और किसान नेता भी लगातार अजय मिश्रा टेनी को हटाने की मांग कर रहे हैं।
आइए जानते हैं कि ऐसी क्या मजबूरी है कि BJP सत्यपाल मलिक द्वारा सीधे-सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर किए गए हमलों को सहन कर रही है? साथ ही कृषि कानून वापस लेने के बाद भी अजय मिश्रा टेनी को पद से हटा नहीं रही है।
सत्यपाल मलिक पर BJP की खामोशी की वजह जानिए
माना जा रहा है कि UP में विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण के चलते राज्यपाल सत्यपाल मलिक और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर कार्रवाई में देरी हो रही है,क्योंकि दोनों नेताओं पर कार्रवाई से UP की दो बड़ी जाति के लोग BJP से दूरी बना सकते हैं। इसकी वजह से BJP को UP विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंच सकता है। इसी के चलते BJP अभी कोई रिस्क नहीं लेने के मूड में है।
जाट समुदाय को और नाराज नहीं करना चाहती बीजेपी
सत्यपाल मलिक जाट समुदाय से आते हैं। पश्चिमी UP के 22 जिलों में 14 प्रतिशत आबादी जाट समुदाय की है। ऐसे में BJP जाट समुदाय को नाराजगी का कोई मौका नहीं देना चाहती है, क्योंकि कृषि कानूनों को लेकर 13 महीने तक चले किसान आंदोलन के चलते BJP को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है। पश्चिमी UP में जाट समुदाय की पावरफुल खाप भी किसान आंदोलन के साथ थी। इसके साथ ही सत्यपाल मलिक की भी किसानों में काफी पैठ है। ऐसे में मलिक के खिलाफ कोई भी कार्रवाई जाट समुदाय को BJP के खिलाफ कर सकती है।
टेनी को हटाकर ब्राह्मणों को नाराज करने का रिस्क नहीं लेना चाहती BJP
सत्यपाल मलिक की तरह ही केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का भी मामला है। टेनी ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। ब्राह्मणों को BJP को कोर वोट बैंक माना जाता है। इसलिए BJP ब्राह्मणों को नाराज करने का खतरा मोल नहीं लेना चाहती है, क्योंकि टेनी की समुदाय में पहले से ही काफी गहरी पैठ है। साथ ही ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोग UP सरकार से पहले सी नाराज चल रहे हैं। इसी के चलते हाल में BJP ने एक समिति बनाई है। यह समिति राज्य में ब्राह्मण समुदाय तक पहुंचने का पूरा खाका तैयार करेगी। ब्राह्मण वोट UP में काफी मायने रखते हैं। UP में ब्राह्मणों की आबादी 11 फीसदी है। माना जाता है कि ब्राह्मणों का झुकाव जिस पार्टी की ओर हो गया उसका सत्ता में आना तय माना जाता है।