युद्ध विराम? किसी की भी क्यों नहीं मान रहे पुतिन?

रूस-यूक्रेन जंग:तीन देश के नेताओं से बात करने के बाद भी जंग रोकने को तैयार नहीं पुतिन, जानिए वजह

कीव/मॉस्को08 मार्च ( वृष्टि नारद)रूस-यूक्रेन की जंग जारी है। रूसी सैनिक लगातार यूक्रेनी शहरों में मिसाइलें दाग रहे हैं। इसी बीच जंग को रोकने के प्रयास जारी हैं। अमेरिका और कई दूसरे देश यूक्रेन के साथ हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने तीन देश के नेताओं से जंग खत्म करने को लेकर मदद की अपील की।

जेलेंस्की ने इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्टाली बेनेट, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से अपील की थी कि वे रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन से युद्ध रोकने के लिए कहें। तीन देशों के नेताओं ने पुतिन से टेलीफोन पर बात की। बावजूद इसके जंग पर ब्रेक नहीं लग सका है।

जंग खत्म न करने की पुतिन के पास दो वजह है

पुतिन जंग को रोकना नहीं चाह रहे हैं। इसकी दो वजह हैं। पहली- पुतिन को अमेरिका और यूरोप पर भरोसा नहीं है। पुतिन को लगता है कि अमेरिका यूरोप के बहाने रूस को घेरना चाहता है। यूक्रेन अमेरिकी दबदबे वाले नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) में शामिल होना चाहता है। इससे रूस को सुरक्षा के लिहाज से खतरा हो सकता है। इसी के साथ यूक्रेन ने यूरोपियन यूनियन यानी EU की मेंबरशिप की मांग की है।

नाटो और EU का महत्वपूर्ण एग्रिमेंट ये होता है कि यदि किसी सदस्य देश पर आंच आई तो सभी देश मिलकर लड़ेगे। यानी इसके किसी भी देश के खिलाफ बाहरी हमले को सभी सहयोगियों के खिलाफ हमला माना जाएगा। इसलिए यूक्रेन के NATO मेंबर बनते ही रूस चारों ओर से NATO देशों से घिर जाएगा। इससे अमेरिका को रूस पर सिधा हमला करने की आजादी मिल जाएगी।

रूस को चाहिए रुतबा

दूसरी वजह है रुतबा। पुतिन को वही रुतबा चाहिए जो रूस का सोवियत संघ में था। हाल में, रूस की इकोनॉमी गिर गई है। दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद सोवियत संघ बड़ी ताकत बनकर उभर रहा था। रूस यूरोपीय देशों पर अपना दबदबा बनाना चाहता था। इसके कारण रूस के संबंध यूरोपीय देशों के साथ खराब हो गए। रूस की इसी हालत का फायदा उठाना चाहता है अमेरिका, इसलिए वो चाहता है कि यूक्रेन NATO और EU का सदस्य बन जाए। इससे अमेरिका सबसे बड़ी ताकत बनकर उभर सकता है।

न्यूक्लियर प्लांट को निशाना न बनाए रूस- राष्ट्रपति इमैनुएल

मैक्रों ने पुतिन से आम लोगों तक मानवीय मदद पहुंचाने और सैन्य अभियान रोकने की गुजारिश की।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पुतिन से बात की थी। इस दौरान उन्होंने न्यूक्लियर प्लांट को निशाना नहीं बनाने की अपील की। इस पर पुतिन ने मैक्रों से कहा कि उनका मकसद यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट पर हमला करना नहीं है।

यूक्रेन शर्तें माने तो खत्म होगी जंग

राष्ट्रपति एर्दोआन ने कहा कि यूक्रेन में मानवीय संकट को देखते हुए रूस को युद्ध को कुछ समय के लिए रोक देना चाहिए।
राष्ट्रपति एर्दोआन ने कहा कि यूक्रेन में मानवीय संकट को देखते हुए रूस को युद्ध को कुछ समय के लिए रोक देना चाहिए।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने व्लादिमिर पुतिन से बात की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन ने एर्दोआन से साफ कहा कि अगर यूक्रेन हमारी शर्तें मान लेता है तो जंग फौरन खत्म हो जाएगी।

इजराइल ने की मध्यस्थता करने की पेशकश

इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि अघोषित बैठक अमेरिकी प्रशासन की वजह से हुई है।
इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि अघोषित बैठक अमेरिकी प्रशासन की वजह से हुई है।
जेलेंस्की ने इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्टाली बेनेट से अपील की थी कि वे पुतिन से युद्ध रोकने के लिए कहें। इसके बाद बेनेट शनिवार को मॉस्को पहुंचकर पुतिन से मिले थे। इस दौरान इजराइल ने रूस और यूक्रेन के बीच जंग में मध्यस्थता करने की पेशकश की।

 

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