चौधरी किरत सिंह बचा पायेंगे गंगोह विधानसभा सीट?
गंगोह सीट जिले की राजनीति का केंद्र रही है गंगोह विधानसभा सीट
गंगोह विधानसभा सीट की धार्मिक व ऐतिहासिक महत्ता है। सांप्रदायिक सौहार्द्र का संदेश देने वाले बाबा हरिदास ने दुनिया को प्रेम व भाईचारे का संदेश यहीं से दिया।
जिले की राजनीति का केंद्र रही है गंगोह विधानसभा सीट
सहारनपुर, 03 फरवरी। गंगोह विधानसभा सीट की धार्मिक व ऐतिहासिक महत्ता है। सांप्रदायिक सौहार्द्र का संदेश देने वाले बाबा हरिदास व हजरत कुतबे आलम ने दुनिया को प्रेम व भाईचारे का संदेश यहीं से दिया। गंगोह कभी जनपद की राजनीति की राजधानी भी हुआ करती थी और अब यह क्षेत्र शिक्षा का हब बनता जा रहा है। आजादी के बाद से अब तक नकुड़ के बाद गंगोह सीट पर गुर्जर प्रत्याशी ही जीतते आए हैं। वर्ष 1969 इसका अपवाद रहा। इस चुनाव में काजी मसूद अहमद निर्दलीय चुनाव जीत गए थे। वर्ष-2012 से पहले नकुड़ विधानसभा सीट का हिस्सा रहे गंगोह विधानसभा सीट पहली बार 2012 में अस्तित्व में आई। नवगठित इस सीट से नकुड़ को अलग किया गया और नानौता कस्बा व देवबंद बेल्ट के कुछ गांवों को इसमें जोड़कर गंगोह सीट का गठन किया गया था। इस विधानसभा क्षेत्र में विकास खंड गंगोह व नानौता आते हैं। गंगोह में मुन्नी देवी और नानौता ब्लाक में चांदनी ब्लाक प्रमुख हैं। विधानसभा क्षेत्र में विकास की बात करें तो इस क्षेत्र में सहकारी चीनी मिल नानौता व चीनी मिल शेरमऊ स्थित हैं। इसके अलावा नानौता में घी की फैक्ट्री भी है। गंगोह सीट क्षेत्र में प्रमुख शिक्षण संस्थान की बात करें तो यहां शोभित यूनिवर्सिटी, राजकीय पीजी कालेज व और भी कई निजी संस्थान हैं। रोजगार के साधन की बात करें तो यहां कोई नया उद्योग स्थापित नहीं हुआ। इस सीट पर सबसे कम वोट से हारने की बात करें तो 2012 के चुनाव में यहां सपा के चौधरी रुद्रसेन कांग्रेस के प्रदीप चौधरी से 4023 वोट से चुनाव हार गए थे। विधानसभा सीट पर 2017 के चुनाव में प्रदीप चौधरी भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे और कांग्रेस प्रत्याशी नौमान मसूद से 38028 मतों से विजयी हुए थे। इस चुनाव में प्रदीप चौधरी को 99446 वोट मिले थे।
विधायक का रिपोर्ट कार्ड पेयजल को वाटर टैंक बनवाएं, आक्सीजन प्लांट भी बनेेेेेेेेेेेे
विधायक चौधरी कीरत सिंह का कहना है कि जनता की सेवा करने के लिए अक्टूबर-2019 से अब तक का समय मिला। इसमें उन्होंने कई विकास कार्य कराए। सड़कों की मरम्मत कराने से लेकर कई गांवों में पेयजल सुविधा के लिए वाटर टैंक बनवाए तथा गंगोह व नानौता सीएचसी में आक्सीजन प्लांट लगवाने का काम भी किया। अंबेहटा व नानौता नगर पंचायत को आदर्श नगर पंचायत का दर्जा दिलवाने में भूमिका निभाई। गंगोह-जांडखेड़ा-रामपुर मार्ग का चौड़ीकरण स्वीकृत कराया। दिल्ली रोड से जिले की सीमा तक नहर की पटरी का चौड़ीकरण स्वीकृत कराया। बरसी मंदिर के सुंदरीकरण के लिए 50 लाख रुपये स्वीकृत कराने के अलावा गंगोह-नानौता मार्ग पर नहर के पुल को सात मीटर चौड़ा कराने का प्रस्ताव पास कराया। गंगोह-नानौता मार्ग की खराब हालत के दृष्टिगत सांगाठेड़ा से बहलोलपुर गांव तक मार्ग निर्माण का प्रस्ताव दिया जो बरसात के बाद बनना शुरू हो जायेगा। इसके बाद भी क्षेत्र में जनता की कई उम्मीदों पर काम होना अभी बाकी है।
गंगोह विधानसभा क्षेत्र में कुछ ऐसे हैं समीकरण
गंगोह विधानसभा सीट के समीकरणों की बात करें तो इस सीट पर करीब 95 हजार मुस्लिम मतदाता हैं, इसके बाद 45 हजार गुर्जर, अनुसूचित मतदाता करीब 40 हजार, सैनी करीब 25 हजार, राजपूत करीब 20 हजार, कश्यप 15 हजार, जाट व रोड़ 15 हजार मतदाता हैं।
विधानसभा सीट के प्रमुख क्षेत्र
मोहल्ल टाकान, कानूनगोयान, छत्ता, गुजरान, गुलाम औलिया, इलाही बख्श, गांव लखनौती, कुंडा कला, रादौर, खड़लाना, तीतरों, माधोपुर, महंगी, दूधला, नानौता, भारी दीनदारपुर, भाबसी, रायपुर, कुआं खेड़ा, आभा, पठानपुरा, खुडाना, बाबूपुरा, भोजपुर, तिलफरा, ऐनाबाद, भनेड़ा खेमचंद, बरसी, फतेेेेेेेेेहचंदपुुर, तबर्रकपुुर, खानपुर,सिजूड़, जोगीपुरा टिकरोल, जंधेड़ी आदि है।