दुखद:740 -1641रु. जकात के लिए 85+ को बांट दी मौत
यमन में ₹1641 के लिए मर गए 85, 300 घायलः रमजान में जकात के लिए जुटे लोगों को कंट्रोल करने के लिए फायरिंग, घबराए लोगों ने एक-दूसरे को कुचला
यमन की राजधानी सना में रमजान के महीने में मची भगदड़ में 85 लोगों की मौत होने की खबर है। 300 से अधिक घायल हैं। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार 20 अप्रैल 2023 को ईद से पहले जकात लेने के लिए भारी भीड़ जुटी थी। इस पर काबू पाने के लिए हाउती विद्रोहियों ने फायरिंग की। इसके बाद घबराए लोगों ने एक-दूसरे को ही कुचल दिया।
जकात दो कारोबारी बाँट रहे थे। जकात हासिल करने के लिए पहले धक्का-मुक्की हुई जो बाद में भगदड़ में तब्दील हो गई। हादसे के बाद दोनों कारोबारियों को हिरासत में लिए जाने की खबर है। जकात के तौर पर हरेक व्यक्ति को 5 हजार यमनी रियाल दिया जा रहा था। यह भारतीय मुद्रा में करीब 1641 रुपए होता है।
यमन की सरकार के अनुसार दोनों कारोबारी प्रशासन को जानकारी दिए बिना जकात बाँट रहे थे। इस कार्यक्रम में गरीबों को आर्थिक मदद दी जा रही थी। बड़ी संख्या में लोग जकात लेने को जुटे थे। चश्मदीदों अब्देल रहमान अहमद और याहिया मोहसिन ने स्थानीय मीडिया को जानकारी दी कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हाउती विद्रोहियों ने हवा में फायरिंग की। गोलियाँ बिजली के तार से टकराई और पास के ट्रांसफॉर्मर में धमाका हो गया।
ब्लास्ट के बाद लोग घबरा गए और एक-दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे। दुर्घटना में कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की भी खबर है। बताया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। नजदीकी अस्पतालों में 300 से ज्यादा घायल लोगों का इलाज जारी है। रिपोर्टों के मुताबिक जकात का यह कार्यक्रम एक स्कूल में आयोजित हो रहा था। सोशल मीडिया पर घटना से संबंधित कई वीडियो वायरल हैं। इसमें दर्जनों शव और चीखते लोगों को देखा जा सकता है। वीडियो में लोग पीड़ितों की मदद करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। हादसे वाली जगह पर खून के धब्बे, जूते और पीड़ितों के कपड़े जमीन पर बिखरे हुए हैं।
बता दें कि जकात एक तरह का दान होता है, जो अमीर मुस्लिम रमजान के महीने में गरीबों को देते हैं। कहते हैं कि अमीर मुस्लिमों को हर साल अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा गरीबों को दान करना फर्ज होता है। दुर्घटना के बाद जकात बाँटने वाले व्यापारियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। बता दें यमन पर साल 2014 से ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों का कब्जा है।