किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में लव जिहाद:धर्मांतरण को उत्पीड़न,सीनियर रेजीडेंट की जांच शुरु
KGMU में लव जेहाद ! रेजिडेंट डॉक्टर पर धर्मांतरण का आरोप, छात्रा के घर वालों को कॉलेज बुलाया
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में एक रेजिडेंट डॉक्टर पर धर्मांतरण के प्रयास का गंभीर आरोप सामने आने के बाद प्रशासन ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है. आरोपी डॉक्टर और पीड़ित छात्रा से प्रारंभिक पूछताछ की जा चुकी है और दोनों को साक्ष्य के साथ कॉलेज बुलाया गया है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच समिति गठित करने की तैयारी है, वहीं खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं.
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में लव जिहाद की बात सामने आई
आशीष श्रीवास्तव
लखनऊ,22 दिसंबर 2025, उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में शामिल किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार मामला चिकित्सा या प्रशासनिक व्यवस्था से नहीं, बल्कि एक रेजिडेंट डॉक्टर पर लगे धर्मांतरण के प्रयास जैसे गंभीर आरोपों से जुड़ा है. आरोप सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्काल अपने स्तर पर आंतरिक जांच शुरू कर दी है.
मामले में आरोपित रेजिडेंट डॉक्टर और पीड़ित छात्रा दोनों का पूरा ब्योरा जुटा लिया गया है. प्रशासन की ओर से दोनों से शुरुआती पूछताछ भी की जा चुकी है. विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, आज दोनों विद्यार्थियों को कॉलेज परिसर में बुलाकर उनसे संबंधित साक्ष्य और दस्तावेज मांगे गए हैं.
दीक्षांत समारोह के बीच भी गंभीरता से लिया गया मामला
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लखनऊ के बड़े मेडिकल कॉलेज में लव जिहाद?
बताया जा रहा है कि जिस दिन यह मामला सामने आया, उसी दिन KGMU में दीक्षांत समारोह की तैयारियां और आयोजन चल रहे थे. इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कोई ढिलाई नहीं बरती. उसी दिन सभी रेजिडेंट डॉक्टरों का विवरण तलब कर लिया गया और संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया गया. प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि संस्थान की छवि और छात्रों की सुरक्षा से जुड़ा मामला होने के कारण उच्च स्तर पर निगरानी रखी जा रही है.
आज गठित हो सकती है जांच समिति
KGMU प्रशासन द्वारा आज एक औपचारिक जांच समिति गठित किए जाने की संभावना है. यह समिति पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और विस्तृत जांच करेगी. समिति में वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य और प्रशासनिक अधिकारी शामिल किए जा सकते हैं. विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच समिति सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार करेगी और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
खुफिया एजेंसियां भी हुईं सक्रिय
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक, एजेंसियां न केवल वर्तमान आरोपों की जांच कर रही हैं, बल्कि इससे जुड़े पुराने धर्मांतरण मामलों की भी पड़ताल की जा रही है. यह देखा जा रहा है कि कहीं यह मामला किसी बड़े नेटवर्क या पैटर्न से तो नहीं जुड़ा है. खुफिया एजेंसियां विश्वविद्यालय परिसर और आरोपित से जुड़े पुराने संपर्कों की भी जानकारी जुटा रही हैं.
पीड़िता के पिता ने लगाए गंभीर आरोप
मामले को लेकर पीड़िता के पिता ने मुख्यमंत्री और राज्य महिला आयोग को लिखित शिकायत भेजी है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपित रेजिडेंट डॉक्टर ने शादी से पहले उनकी बेटी पर धर्म बदलने का दबाव बनाया और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. पीड़िता के पिता का दावा है कि लगातार मानसिक दबाव और प्रताड़ना के चलते उनकी बेटी इस कदर टूट गई कि उसने आत्महत्या का प्रयास तक कर लिया. हालांकि इस बिंदु पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि सामने नहीं आई है और यह पहलू भी जांच के दायरे में है.
पुराने आरोप भी जांच के घेरे में
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपित रेजिडेंट डॉक्टर पर पहले भी एक अन्य युवती का धर्म परिवर्तन कर उससे शादी करने का आरोप लग चुका है. इस दावे के सामने आने के बाद जांच का दायरा और बढ़ गया है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यदि पुराने मामलों से जुड़ी कोई ठोस जानकारी या शिकायत सामने आती है तो उसे भी जांच में शामिल किया जाएगा.
KGMU प्रवक्ता बोले- नियमानुसार जांच
KGMU के प्रवक्ता प्रोफेसर के.के. सिंह ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय किसी भी प्रकार के गंभीर आरोपों को हल्के में नहीं लेता. उन्होंने स्पष्ट किया कि लिखित शिकायत मिलने के बाद नियमानुसार जांच समिति गठित कर विस्तृत जांच की जाएगी. प्रोफेसर के.के. सिंह के अनुसार, संस्थान छात्रों की सुरक्षा और गरिमा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है. यदि शिकायत औपचारिक रूप से प्राप्त होती है, तो निष्पक्ष जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
प्रशासन पर टिकी निगाहें
फिलहाल सभी की निगाहें KGMU प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं. जांच समिति के गठन, साक्ष्यों की समीक्षा और संबंधित पक्षों के बयान के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि आरोपों में कितनी सच्चाई है. यह मामला न केवल एक व्यक्ति पर लगे आरोपों का है, बल्कि एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान की जिम्मेदारी, छात्रों की सुरक्षा और संवेदनशील मुद्दों से निपटने की प्रशासनिक क्षमता की भी परीक्षा है. आने वाले दिनों में जांच की दिशा और निष्कर्ष इस पूरे प्रकरण की तस्वीर साफ करेंगे.
