ठाकुर विरोधी कविता पर भड़के आनंद मोहन ने मनोज झा को बताया फिटकरी
आनंद मोहन ने मनोज झा को बताया केंद्र का एजेंट:राजद के राज्यसभा सांसद को कहा- फिटकरी, पिता की कहानी बता लालू को किया आगाह
पटना 29 सितंबर। पूर्व सांसद आनंद मोहन ने मनोज झा को लेकर बड़ा बयान दिया है। बाहुबली ने राजद राज्यसभा सांसद को बीजेपी का एजेंट बताते हुए जमकर निशाना साधा। कहा वे फिटकरी की तरह है। साथ ही मनोज झा के पिता की कहानी बताते हुए आनंद मोहन ने लालू यादव को आगाह किया।
ब्राह्मण-ठाकुर विवाद पर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि ये बिरादरी की लड़ाई नहीं है। ये कम्युनिटी विशेष को एक व्यक्ति विशेष ने गाली दी है। 1857 से 1942 तक शानदार इतिहास है ठाकुरों का, अगर उसकी राष्ट्र भक्ति पर सवाल उठाइएगा तो आनंद मोहन बोलेगा।
इससे पहले बुधवार को उन्होंने एक चैनेल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अगर मैं सदन में होता तो जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देता, सभापति की ओर।
आरजेडी के कमजोर होते ही ऐसे लोग भाजपा में चले जाएंगे
उन्होंने कहा कि फिटकरी का इस्तेमाल शेविंग के बाद किया जाता है। यह कीटाणु नाशक है और एक क्विंटल दूध में एक ढेला इसको डाल दीजिए दूध फट जाएगा, यह जमने ही नहीं देगा।
ये फिटकरी झा हैं। वे नहीं चाहते हैं जो हिंसक जातियां हैं इकट्ठा हों। ये एजेंट बनकर बैठे हैं पार्टी में। केन्द्र में जो सरकार है उसके एजेंट हैं। इनके बड़े पिता जी की कहानी जानता हूं।
वे समाजवादी का चोला पहने हुए थे, जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनी समाजवादी चोला उतारकर कांग्रेस में मंत्री बन गए। आरजेडी नहीं समझ रही है। हम शीर्ष नेतृत्व को समझाने की कोशिश में हैं।
ऐसे लोग तभी तक आरजेडी में रहेंगे जब तक आरजेडी अस्तित्व में होगी। जैसे ही लगेगा कि आरजेडी कमजोर हो गई, वे भाजपा की गोद में चले जाएंगे।
ठाकुर विवाद को लेकर मनोज झा पर भड़के आनंद मोहन।
पहले जीभ खींचने की कही थी बात
वहीं बुधवार को मनोज झा के भाषण पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा था कि अगर मैं होता राज्यसभा में तो जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देता, सभापति की ओर। आप इतने बड़े समाजवादी हो तो झा क्यों लगाते हो। आप पहले अपने अंदर के ब्राह्मण को मारो।
रामायण में ठाकुर, महाभारत में ठाकुर, सभी कथा में ठाकुर। मंदिर में ठाकुर हैं कहां-कहां से भागाओगे। इधर, आरजेडी विधायक चेतन आनंद मोहन ने कहा कि आप ब्राह्मण हैं इसलिए आपने ब्राह्मणों के विरोध में कविता नहीं पढ़ी।
महिला बिल पर मेरा लहू बहा है
महिला बिल पर आनंद मोहन ने कहा कि महिला बिल पर संसद से मेरा मार्शल आउट हुआ था। राजनारायण जी के 36 सालों के बाद मेरा ही मार्शल आउट हुआ था। तब मेरे हाथ-सिर में चोट लगी थी। मेरा लहू इसके लिए बहा है।
लवली आनंद की गिरफ्तारी आधी आबादी के सवाल पर हुई है। उन्होंने कहा कि मेरी आपत्ति वहां है जहां एक जाति विशेष को टारगेट करके संदर्भ से बाहर जाकर महिला बिल पर बात हो रही थी। उसमें ठाकुर का कुआं लाया गया। ये बीमार मानसिकता का द्योतक है।
ठाकुरों पर हमला कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे
पूर्वाग्रह से ग्रसित व्यक्ति की संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। मैं उसके खिलाफ खड़ा हूं। इस देश में 1857 में हमारे नायक थे बहादुर शाह जफर, जो क्रांतिकारी लोग मरे जिसमें भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बिस्मिल थे।
आज कोई सांसद राज्य सभा में किसी जाति विशेष को गाली दे तो यह बर्दाश्त के लायक नहीं है। ये बार-बार दोहराना कि अपने अंदर के ठाकुर को मारो…यह कतई बर्दाश्त नहीं हो सकता। लोकतंत्र में यकीन करने वाला कोई भी इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता।
ललन सिंह ने मनोज झा का समर्थन किया है।
पूरा विवाद भाजपा का स्टंट- ललन सिंह
जदयू सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने राजद राज्यसभा सदस्य मनोज झा के समर्थन मे आते हुए कहा है कि राज्यसभा की कार्यवाही में उन्होंने क्या गलत कहा है। वह कुछ और कह रहें है और आप लोग अलग तथ्य निकाल रहें है। ललन सिंह ने मनोज झा के बयान को भाजपा का स्टंट करार दिया है। इसके पीछे भाजपा का हाथ करार दिया है। भाजपा के इशारा पर यह सब हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा कनफुकवा पार्टी बन गई है। अमित शाह गोदी मीडिया के प्रोड्यूसर हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि सब तेजस्वी के इशारे पर हो रहा है।
पार्टी के इशारे पर मनोज झा ने बयान दिया- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर की भी इस विवाद में एंट्री हो गई है। वो आगे आकर मनोज झा के बयान का विरोध कर रहे है। उन्होंने कहा है कि ये कैसे संभव है कि उनका मंत्री बयान दे रहा है और तेजस्वी यादव को पता नहीं है। आपको लगता है कि राजद में कोई मंत्री बार-बार बयान दे देगा और पता नहीं चलेगा।
ये सब पार्टी वाले कराते हैं कि आप बयान दीजिए कि समाज में विद्वेष बढ़े, आपस में मारपीट हो, आपस में झगड़ा-लड़ाई हो, वाद-विवाद हो, पत्रकार भी उसी में पड़ जाए। मूल विषय जो है, पढ़ाई का, विकास का, रोजगार का, वो चला जाए हाशिए पर।
क्या कहा था मनोज झा ने, जिस पर शुरू हुआ ठाकुर विवाद
21 सितंबर को महिला आरक्षण बिल पर सदन में अपनी बात रखते हुए आरजेडी के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा था कि इस बिल को दया भाव की तरह पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि दया कभी अधिकार की श्रेणी में नहीं आ सकती है। आखिरी में उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता पढ़कर अंदर के ठाकुरों को मारने का आह्वान किया था।
तारीख -21 सितंबर। मौका- राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर बहस। आरजेडी की तरफ से मनोज झा बिल पर पक्ष रख रहे थे। उन्होंने अपनी स्पीच के आखिर में कवि ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता ठाकुर का कुआं कविता सुनाई। राज्यसभा में सुनाई गई इस कविता पर 5 दिन बाद बिहार में सियासी बवाल शुरू हो गया है।
विरोध की मुहिम का मोर्चा खुद आरजेडी के शिवहर से विधायक और बाहुबली नेता आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने संभाला है। 26 सितंबर को उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर मनोज झा के इस काव्य पाठ का विरोध करते हुए उन्होंने लिखा- ‘समाजवाद में किसी एक जाति को टारगेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अलावा कुछ नहीं है। बात यहीं नहीं रुकी आनंद मोहन ने तो सांसद मनोज झा की जीभ खींचकर उछाल देने की बात तक कह डाली।
मनोज झा के बयान पर राजनीति गरमाई: भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह बोले- राजपूत को सेकेंड नहीं लगेगा, गर्दन उतार कर हाथ पर रख देंगे
महिला आरक्षण बिल पर अपने स्पीच के दौरान कविता पाठ में ठाकुरों को लेकर राजद सांसद मनोज झा के दिये गए बयान पर राजपूत नेताओं ने कड़ा एतराज जताया है। राज्यसभा सांसद मनोज झा के ठाकुरों पर दिए गए आपत्तिजनक बयान को लेकर एक तरफ पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनके बेटे ने विरोध जताया है, अब भोजपुर के बड़हरा विधानसभा से भाजपा के विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने भी माफी मांगने की बता कही है।