आंतकी तंत्र:पाक फंडिंग को आपरेट कर रहा था बिहार का इजहारुल
पाकिस्तान से गाजियाबाद के युवक के खाते में फंडिंग, बिहार से कंट्रोल हो रहा था खाता; आरोपित गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश एटीएस व आईबी की टीम ने भोजपुर थाना क्षेत्र के कस्बा फरीदनगर में छापेमारी कर आरोपित रियाजुद्दीन को पकड़ा है। आरोपित के खाते से स्लीपर सेल के खाते का लेनदेन सामने आया है। आरोपित के खाते में एक महीने में 70 लाख रुपये की फंडिंग पाकिस्तान से हुई। बिहार के पश्चिमी चंपारण का इजहारुल हुसैन खाता कंट्रोल कर रहा रहा था।
मोदीनगर 20 नवंबर। उत्तर प्रदेश एटीएस व आईबी की टीम ने भोजपुर थाना क्षेत्र के कस्बा फरीदनगर में छापेमारी कर आरोपित रियाजुद्दीन पकड़ा । आरोपित के खाते से स्लीपर सेल के खाते का लेनदेन सामने आया । आरोपित के खाते में एक महीने में 70 लाख रुपये की फंडिंग पाकिस्तान से हुई।
बिहार से कंट्रोल हो रहा था खाता
यह खाता फरीदनगर स्थित केनरा बैंक में है, जिसे बिहार के पश्चिमी चंपारण का इजहारुल हुसैन कंट्रोल कर रहा था। इसके बदले रियाजुद्दीन को 10 हजार रुपये प्रतिमाह मिल रहे थे। पिछले दिनों बैंक ने खाते की जानकारी आईबी को दी थी। आईबी ने यूपी एटीएस से संपर्क कर छापेमारी की।
इस काम के लिए हो रही थी फंडिंग
रियाजुद्दीन से पूछताछ में रहस्य खुला। स्लीपर माड्यूल पर पूरा काम चल रहा था। भारतीय गतिविधियों की सूचना पाकिस्तान भेजने को फंडिंग हो रही थी। अभी रियाजुद्दीन का एक खाता सामने आया है। ऐसे ही कितने ही रियाजुद्दीन देश में होंगे। इसी पर टीम काम कर रही है।
सूत्रों की माने तो आरोपित संपर्क करने को इंटरनेट कॉलिंग का सहारा लेते थे। लखनऊ एटीएस ने केस दर्ज कराया है। आरोपित रियाजुद्दीन तीन भाइयों में सबसे छोटा है। उसके पिता अनवर की फरीदनगर में ही वेल्डिंग की दुकान है। एक साल पहले रियाजुद्दीन का परिवार में विवाद हो गया था।
तभी से वह हापुड़ के पिलखुवा में रहने लगा। वहां उसने खराद का काम शुरू किया। तीन-चार महीने में वह फरीदनगर आता है। सूत्रों के मुताबिक, दो साल पहले रियाजुद्दीन दिल्ली में खराद की फैक्ट्री में काम करता था। वहीं पर उसकी मुलाकात इजहारुल से हुई। रियाजुद्दीन की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी।
दस हजार महीने के देने के नाम खुलवाया खाता
इसी का फायदा उठाकर इजहारुल ने उसे झांसे में लिया। महीने के दस हजार दिलाने के नाम पर खाता खुलवाया। उस खाते में अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराया। यूपीआई अपने मोबाइल में शुरू कराई। साथ ही एटीएम कार्ड भी ले लिया। हालांकि, रियाजुद्दीन को पूरी जानकारी थी कि खाता किस लिए शुरू कराया गया है।
रियाजुद्दीन को पूछताछ को सुरक्षा एजेंसियां लेकर गई थी। उसके खाते में विदेशी फंडिंग की बात सामने आई है। सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा की इसमें कार्रवाई की जा रही है। – विवेक चंद यादव, डीसीपी ग्रामीण जोन, गाजियाबाद
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West Champaran Pakistan Terrorist Gang Also Links With Narkatiyaganj Of West Champaran Bihar
बड़ा खुलासा! पाकिस्तान से आये थे केनरा बैंक में 70 लाख, बिहार से हो रहा था ऑपरेट; खातेधारी को हर महीने मिलते थे 10 हजार
उत्तर प्रदेश में आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से जिस बैंक खाते में 30 दिन में 70 लाख की फंडिंग की गई, उस अकाउंट के बारे में पता चल गया है। एटीएस ने ये भी पता लगा लिया है कि उस अकाउंट कौन ऑपरेट कर रहा था।
पाकिस्तान से भारत की तबाही के लिए साजिश रचने वाले आतंकी गिरोह के तार बिहार के पश्चिम चंपारण से जुड़ रहे हैं। जांच में पता चला है कि वेस्ट चंपारण शिकारपुर से आतंकी गिरोह का सीधा करनेक्शन है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से जिस कैनरा बैंक अकाउंट में 70 लाख रुपये की फंडिंग की गई है। उस बैंक अकाउंट को बिहार के पश्चिमी चंपारण के शिकारपुर के रहने वाले इजहारुल हुसैन ऑपरेट कर रहा था। बैंक अकाउंट पर इजहारुल का मोबाइल नंबर भी मिला है। इस बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश गिरफ्तार 7 संदिग्ध आतंकियों से मिले इनपुट के आधार पर हुआ।
इसी इनपुट के आधार पर एटीएस गाजियाबाद की टीम ने शिकारपुर पहुंचकर इजहारुल से पूछताछ की थी जिसमें अहम सुराग मिले हैं। हालांकि जब एटीएस के साथ शिकार पुलिस ने छापेमारी की तो रुपौलिया के अपने घर पर वह नशे की हाल में मिला। इसके बाद उत्पाद अधिनियम के तहत उसे बेतिया जेल भेजा गया है। पूछताछ के बाद एटीएस की टीम तो लौट गई लेकिन इजहारूल को रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गई है।
बताया जा रहा है कि गाजियाबाद के जिस रियाजुद्दीन के खाते में 70 लाख रुपये आए हैं, ATS ने उसको सोमवार को हिरासत लिया है। पूछताछ में पता चला है कि रियाजुद्दीन पारिवारिक विवाद के बाद पिछले एक साल से हापुड़ जिले के कस्बा पिलखुवा में रहकर मशीन खराद का काम कर रहा था। इससे पहले वो दिल्ली की खराद फैक्ट्री में काम करता था। जहां उसकी मुलाकात पश्चिम चंपारण के इजहारूल से हुई थी। उसी ने रियाजुद्दीन का बैंक खाता खुलवाया था। इसके बदले रियाजुद्दीन को हर महीने 10 हजार रुपये मिलते थे। बताया जा रहा है कि खाता का ऑपरेट खुद इजहारूल कर रहा था।