बदले की आग में शाहबाज ने मारे थे जीजा-बहन, पांच दिन के भानजे के खुद मरने की थी उम्मीद

Sister And Brother-In-Law Were Murdered In Front Of Milk-Faced Nephew To Take Revenge

बदला लेने के लिए दुधमुंहे भांजे के सामने की थी बहन-बहनोई की हत्या
Sister and brother-in-law were murdered in front of milk-faced nephew to take revenge

देहरादून 23 जून। टर्नर रोड स्थित मकान में सहारनपुर के दंपती काशिफ और अनम ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उनकी हत्या की गई थी। आरोपी अनम के भाई शाहबाज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने शाहबाज की निशानदेही पर खून से सने कपड़े और एक बाइक भी बरामद की है। न्यायालय के आदेश पर उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
Trending Videos

 

 

शाहबाज काशिफ को अपने पिता की मौत और परिवार की बेइज्जती का जिम्मेदार मानता था। वह आठ साल से उसकी हत्या करना चाह रहा था। गत 10 जून को उसे यह मौका मिला और उसने काशिफ के घर जाकर रात में उसकी गला रेतकर और बहन अनम की गला घोंटकर हत्या कर दी। बच्चे को उसने यह सोचकर छोड़ दिया कि वह खुद मर जाएगा।
UP: सुहागरात पर आधी रात में दूल्हे ने किया ये शर्मनाक काम, दुल्हन ने कई दिन तक सहा, फिर टूटा सब्र का बांध और..
हरदोई जिले में शहर कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी विवाहिता ने पति पर नपुंसक होने का आरोप लगाया है। नौ जून को उसने

एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंन्स में बताया कि काशिफ निवासी नांगल सहारनपुर पत्नी अनम के साथ टर्नर रोड स्थित मकान में रहता था। अनम उसकी दूसरी पत्नी थी, जिससे उसने 11 माह पहले ही शादी की थी। काशिफ अपनी पहली पत्नी के भी संपर्क में रहता था। उसकी पहली पत्नी उसे तलाशती हुई देहरादून पहुंची थी। काशिफ का बीती 10 जून से फोन नहीं उठ रहा था। 13 जून को पुलिस जब काशिफ के मकान पर पहुंची तो कमरे के अगले दरवाजे पर ताला लटका था और पिछला दरवाजा अंदर से बंद था।
पुलिस पिछले दरवाजे की जाली काटकर अंदर दाखिल हुई तो वहां काशिफ और अनम के सड़े-गले शव पड़े थे। दोनों के बीच में उनका पांच दिन का बेटा जीवित मिला। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और परिजनों से पूछताछ के आधार पर यह आत्महत्या लग रही थी। पहली पत्नी ने भी बताया था कि काशिफ ने 10 जून की रात उससे कहा था कि वह घर आ रहा है, उसे किसी के पांच लाख रुपये देने हैं। पोस्टमार्टम में भी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ और विसरा सुरक्षित रख जांच के लिए भेजा गया।
Mau: रिहायशी मकान में चल रहा था देह व्यापार, पुलिस ने छापा मारकर तीन युवतियां समेत पांच को पकड़ा
मऊ शहर के हनुमान नगर स्थित रिहायशी मकान में छापा मारकर पुलिस ने देह व्यापार का भंडाफोड़ किया। इस दौरान आपत्तिजनक हाल
—–
सीसीटीवी फुटेज में 10 जून की रात घर में घुसता दिखा शाहबाज
कुछ दिन बाद काशिफ के पिता ने तहरीर में अनम के भाई शाहबाज पर हत्या का शक जताया। पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की। पता चला कि शाहबाज 10 जून की रात घर आया था। इसके बाद 11 और 12 जून की रात में एक गाड़ी भी घर के बाहर आकर रुकी थी। जांच में यह गाड़ी अवशद निवासी सहारनपुर की पाई गई। अवशद ने बताया कि शाहबाज उसकी गाड़ी लेकर गया था।उसने बताया कि वह मोहंड में एक पार्टी में शरीक होने गया था। इस पर पुलिस को शक हुआ तो शाहबाज से पूछताछ की गई। अपने खिलाफ सारे सुबूत देखकर शाहबाज थोड़ी देर में ही टूट गया। उसने सारी कहानी पुलिस के सामने उगल दी।
—-
काशिफ को गला रेत और अनम को गला घोंटकर मारा
शाहबाज ने बताया कि आठ साल पहले उसके पिता की मौत हाइड्रा के नीचे दबकर हो गई थी। इसे काशिफ का भाई चला रहा था। उन्होंने जानबूझकर उसके पिता को मारा था। उस वक्त वह छोटा था तो बदला नहीं ले सका। पिछले साल वह दुष्कर्म के मामले में जेल चला गया। इस बीच काशिफ ने उसकी बहन को भगाकर शादी कर ली। जब वह जेल से बाहर आया तो सभी उसका मजाक उड़ाने लगे। इस सबका जिम्मेदार वह काशिफ को मानने लगा। उसने बदला लेने के लिए काशिफ से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दीं। वह काशिफ का साझीदार बनकर काम करने लगा। गत 10 जून को काशिफ ने ही उसे उत्तरकाशी चलने के लिए बुलाया था। वहां काशिफ ने मैगी बनाई और तीनों खाने के बाद सो गए, लेकिन शाहबाज नहीं सोया। उसने रात में किचन से चाकू उठाया और काशिफ का सोते हुए गला रेत दिया। अनम की आंख खुली तो उसने शोर मचाने का प्रयास किया, मगर शाहबाज ने गला दबाकर उसे भी मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद वहां से चला गया।
विज्ञापन

—-
दीवार से मिटा दिए खून के धब्बे, चाकू जंगल में फेंका
शाहबाज ने जब काशिफ का गला रेता तो खून का फव्वारा छूट पड़ा। कुछ धब्बे दीवार पर भी लगे। जाते वक्त वह उन्हें कपड़े से साफ कर गया। इसके बाद चाकू भी उसने अपनी जेब में रख लिया और उसे आशारोड़ी में जंगल में फेंक दिया। फिलहाल पुलिस को हत्या में प्रयुक्त चाकू नहीं मिला है।
—–
शवों को ठिकाने लगाने आया था अगले दिन
शाहबाज अकेले होने के कारण उस दिन शवों को नहीं ले जा सका था। उसे लगा कि बच्चे के रोने की आवाज कोई सुनेगा तो मामला खुल ही जाएगा, लेकिन जब वहां से काई खबर नहीं आई तो वह 11 और 12 जून की रात अपने दोस्त के साथ गाड़ी लेकर आया। उसने यहां से शवों को ले जाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *