भारत में घर खरीदना मिडिल क्लास की सामर्थ्य से हुआ बाहर,दो साल में कीमतें डेढ़ गुनी
भारत में घर खरीदना क्यों हो रहा मुश्किल, 10 में 8 लोगों ने बताई एक ही समस्या, मिडिल क्लास की औकात से बाहर हैं कई शहर
Housing Demand in 2025 : प्रॉपर्टी सलाहकार फर्म एनारॉक ने अपने हालिया सर्वे में बताया है कि देश में 10 में से 8 लोगों ने कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से मकान बनाना मुश्किल बताया है. देश के 7 शहरों में तो मिडिल क्लास के लिए मकान बनाना औकात से बाहर हो गया है.
नई दिल्ली. खुद का घर खरीदना तो हर भारतीय का सपना होता है, लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि देश के लोगों को यह सपना पूरा करना मुश्किल होता जा रहा है. 10 में से 8 लोगों ने एक ही समस्या बताई है कि देशभर में प्रॉपर्टी की कीमतों में आ रही ताबड़तोड़ उछाल से घर बनाना मुश्किल होता जा रहा है. प्रॉपर्टी सलाहकार फर्म एनारॉक ने कंज्यूमर सेंटिमेंट सर्वे में बताया है कि 81 प्रतिशत लोगों ने अपना घर बनाना मुश्किल काम बताया है.
प्रॉपर्टी की कीमतें देशभर में बढ़ती जा रही हैं.
एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि देशभर में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ रही हैं, लेकिन कुछ ऐसे शहर हैं जहां खुद के लिए घर बनाना एवरेस्ट चढ़ने जैसा है. इन शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें इतनी तेजी से बढ़ रही हैं कि मिडिल क्लास के सामर्थ्य से बाहर जाती दिख रहीं. खासतौर से देश के 7 शहरों में प्रॉपर्टी के दाम सबसे ज्यादा बढ़े हैं और अब टीयर-2 और 3 शहरों में भी कीमतों में ताबड़तोड़ उछाल आ रहा है.
2 साल में 50 प्रतिशत बढ़ी कीमत
एनारॉक की रिपोर्ट देखें तो पता चलता है देश के 7 शहरों में प्रॉपर्टी के भाव सबसे ज्यादा बढ़े हैं. यहां साल 2023 की दूसरी तिमाही में प्रॉपर्टी के भाव 6,001 रुपये प्रति वर्गफुट थे, जो 2 साल बाद यानी 2025 की दूसरी तिमाही में बढ़कर 8,999 रुपये प्रति वर्गफुट पहुंच गई. इस तरह, प्रॉपर्टी का भाव मात्र 2 साल में ही 50 प्रतिशत बढ़ चुका है. सर्वे में शामिल 62 प्रतिशत लोगों ने किफायती मकानों को लेकर बड़ा गैप देखा है, जबकि 92 प्रतिशत लोगों ने प्रोजेक्ट की लोकेशन को लेकर कठिनाई बताई है.
मुंबई वालों को सबसे ज्यादा चिंता लोकेशन की
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने बताया कि शहरों में प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों से खरीदारों को सबसे ज्यादा मुश्किल हो रही है. मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतें सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ी हैं, बावजूद इसके सिर्फ 39 प्रतिशत लोगों ने ही कीमतों को लेकर सबसे ज्यादा चिंता जताई है. 61 प्रतिशत लोगों ने भी कीमतों को लेकर चिंता जताई है, लेकिन इसमें से 20 प्रतिशत लोगों ने ज्यादा चिंता जताई है जबकि 41 प्रतिशत ने कीमतों को लेकर कम चिंता जताई लेकिन लोकेशन को लेकर ज्यादा परेशानी थी.
क्या है ज्यादातर लोगों का बजट
एनारॉक ने सर्वे में बताया कि ज्यादातर लोगों के पास घर खरीदने का बजट 90 लाख से 1.5 करोड़ रुपये के बीच होता है. सर्वे में शामिल 36 प्रतिशत लोगों ने यही बजट बताया. इससे साफ पता चलता है कि लोगों का ध्यान प्रीमियम और लग्जरी प्रॉपर्टीज की तरफ शिफ्ट हो रहा है. 25 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उनका जोर 45 लाख रुपये से 90 लाख रुपये के बीच होगा.
बड़े घरों की डिमांड ज्यादा
बडे़ घरों को लेकर लोगों की डिमांड आज भी ज्यादा है. सर्वे में शामिल 45 प्रतिशत लोगों ने 3बीएचके मकान की डिमांड की है. 45 लाख से कम कीमत वाले मकानों की डिमांड 2025 की पहली छमाही में 17 प्रतिशत रह गयी है. साल 2020 की पहली छमाही में यह मांग 40 प्रतिशत थी. पुरी ने कहा कि देश के टॉप 7 शहरों में पिछले 2 साल में मकानों की नई सप्लाई काफी कम हो गई है. साल 2023 की पहली छमाही में जहां डिमांड 18 प्रतिशत थी, वहीं 2025 की पहली छमाही में यह आंकड़ा 12 प्रतिशत रहा है.
