मत: ओल्ड पैंशन योजना क्यों और कैसे है अर्थव्यवस्था के लिए घातक?
Old Pension Scheme: क्या पुरानी पेंशन स्कीम से हिल जाएगी देश की अर्थव्यवस्था? क्यों इसे लागू करने का बन रहा दबाव
Old Pension Scheme Vs New Pension Scheme: चुनाव आते ही पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा फिर से बढ़ने लगा है। पुरानी और नई पेंशन स्कीम पर विवाद शुरू हो गया है। केंद्र सरकार के मुताबिक, पुरानी पेंशन स्कीम से देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। केंद्रीय वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह ने पुरानी पेंशन योजना को देश की अर्थव्यवस्था के लिए अन्यायपूर्ण बताया है।
हाइलाइट्स
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 10 फीसद हिस्सा कटता है
पुरानी स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है
एक अप्रैल, 2004 से सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद कर दिया था
झारखंड में पुरानी पेंशन योजना बहाल, ढोल-नगाड़े की आवाज से गूंजा झारखंड मंत्रालय
नई दिल्ली: पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) पर विवाद बढ़ता जा रहा है। चुनाव आते ही पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा बाहर आ जाता है। राजनीतिक पार्टियां इसके माध्यम से अपना वोट बैंक बढ़ाना चाहती हैं। अभी चुनाव का मौसम शुरू होते ही एक बार फिर ओल्ड पेंशन स्कीम पर विवाद बढ़ गया है। आम आदमी पार्टी ने बीते दिनों पंजाब में यह वादा किया था। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस लगभग हर विधानसभा चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का वादा कर रही है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे लागू कर दिया है और आप सरकार पंजाब में इस स्कीम को लागू करने की तैयारी कर रही है। गुजरात चुनावों में भी आप और कांग्रेस दोनों ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का वादा किया था। इधर केंद्र सरकार का कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था हिल जाएगी। केंद्रीय वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह ने पुरानी पेंशन योजना को देश की अर्थव्यवस्था के लिए अन्यायपूर्ण बताया है। वहीं उन्होंने इस विषय में सभी राज्य सरकारों को कड़ी आपत्तियों के साथ चेतावनी पत्र भेजा है। ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर हाल ही में हुई बैठक में अधिकारियों ने भी नाराजगी जाहिर की है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने भी कुछ राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना (OPS) को दोबारा शुरू करने पर चिंता जताई थी।
ओल्ड पेंशन स्कीम साल 2004 में हो गई थी बंद
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने एक अप्रैल, 2004 से ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को बंद कर दिया था। ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत पेंशन की पूरी राशि सरकार देती थी। यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन पर आधारित होती थी। इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन का प्रावधान था। नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 फीसदी हिस्सा पेंशन के लिए देते हैं। जबकि राज्य सरकार इसमें 14 फीसदी का योगदान देती है। अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया था। इसकी जगह नई पेंशन योजना (New pension scheme) लागू की गई थी। इसके बाद राज्यों ने भी नई पेंशन योजना को अपना लिया। इसके बाद से नई पेंशन योजना चल रही है।
नई और पुरानी पेंशन योजना में है बड़ा अंतर
नई और पुरानी पेंशन योजना में कई बड़े अंतर हैं। इस स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। जबकि नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 10 फीसद हिस्सा कटता है। पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है। वहीं नई पेंशन स्कीम में छह महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान नहीं है। पुरानी पेंशन स्कीम में भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है। वहीं नई योजना में रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती। पुरानी स्कीम में रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है। नई योजना में एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यहां टैक्स का भी प्रावधान है।
घातक साबित हो सकती है योजना
बीते महीने आई एसबीआई के अर्थशास्त्रियों की लिखी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुरानी पेंशन योजना आने वाले समय में इकनॉमी के लिए घातक साबित हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, गरीब राज्यों की श्रेणी में आने वाले छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान में सालाना पेंशन देनदारी तीन लाख करोड़ रुपये अनुमानित है। झारखंड के मामले में यह 217 फीसदी, राजस्थान में 190 फीसदी और छत्तीसगढ़ में 207 फीसदी है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ऐसे खर्चों को राज्य की जीडीपी या राज्य के कर संग्रह के एक फीसदी तक सीमित कर दे। इधर एक्सपर्ट् के मुताबिक, पहले से ही कर्ज में डूबे राज्यों के लिए यह योजना नई मुसीबत ला सकती है। इससे आगामी सरकारों पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा।
Passport Apply: पासपोर्ट आवेदन करना है तो फौरन जान लीजिए ये नए नियम, कहीं अपॉइंटमेंट न हो जाए कैंसल
कर्मचारियों की पेंशन में बड़ा अंतर
नई और पुरानी पेंशन योजना का कर्मचारियों की पेंशन पर बड़ा अंतर है। इसे ऐसे समझें कि अगर अभी 80 हजार रुपये सैलरी पाने वाला कोई शिक्षक रिटायर होता है तो पुरानी पेंशन योजना के हिसाब से उसे करीब 30 से 40 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। वहीं अगर नई पेंशन योजना के हिसाब से देखें तो उस शिक्षक को बमुश्किल 800 से एक हजार रुपये की ही पेंशन मिलेगी।
What Is The Difference Between The New And Old Pension Scheme Why The Demand Is Being Raised To Implement The Old Pension Scheme