स्टिंग ऑपरेशन: सीबीआई ने वायस सैंपल को हरीश रावत और हरक सिंह समेत चार को दिया नोटिस

CBI TEAM REACH HARISH RAWAT RESIDENCE FOR SERVE TO NOTICE ON STING OPERATION CASE IN UTTARAKHAND
उत्तराखंड हॉर्स ट्रेडिंग मामला: हरीश रावत और हरक सिंह के घर पहुंची CBI टीम , थमाया नोटिस

बहुचर्चित स्टिंग प्रकरण मामले में सीबीआई की टीम नोटिस लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और हरक सिंह रावत के घर पहुंची. इस दौरान हरीश रावत मौके पर मौजूद नहीं थे. सीबीआई की टीम वापस लौट गई. डॉक्टर हरक सिंह रावत ने सीबीआई का नोटिस खुद रिसीव किया. बाद में सीबीआई ने हरीश रावत को उनके घर पर नोटिस थमाया

देहरादून29 जून: उत्तराखंड में बहुचर्चित स्टिंग मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है. स्टिंग प्रकरण में सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत दो मौजूदा विधायक उमेश कुमार और मदन बिष्ट को नोटिस जारी किया है. आज भी सीबीआई के अधिकारी नोटिस देने उनके घर पहुंचे. जिसकी जानकारी खुद हरीश रावत ने दी है. साथ ही मामले पर फिर से अपनी प्रतिक्रिया दी है.
दरअसल, साल 2016 के बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले को लेकर बीती 20 जून को सीबीआई ने चारों नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, डॉक्टर हरक सिंह रावत, मदन सिंह बिष्ट और खानपुर विधायक उमेश कुमार के वॉयस सैंपल लेने को हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. साथ ही स्टिंग ऑपरेशन मामले में इन नेताओं को नोटिस भी जारी किया. नोटिस जारी होने के बाद राज्य की राजनीति में बयानबाजी भी जारी है. एक तरफ हरीश रावत सीबीआई के नोटिस को लेकर लगातार प्रतिक्रियां दे रहे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा पर भी हमलावर हैं.

कुछ यूं रहा आज का घटनाक्रम 

 

सीबीआई के दो अधिकारी पहले हरीश रावत के घर पहुंचे, लेकिन, हरीश रावत वहां मौजूद नहीं थे. इसलिए हरीश रावत ने उनकी मौजूदगी के दौरान ही नोटिस रिसीव कराने की बात कही. इसके बाद सीबीआई के अधिकारी हरक सिंह रावत के घर सुबह 11:30 पहुंचे. इस दौरान डॉक्टर हरक सिंह रावत ने सीबीआई का नोटिस रिसीव किया. डॉक्टर हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने सीबीआई के इन दोनों अधिकारियों को पूरा सहयोग किया. वह इस पूरे मामले में जांच में पूरा सहयोग करेंगे.

इसके बाद शाम करीब चार बजे सीबीआई की टीम दोबारा हरीश रावत के घर पहुंची. उन्हें भी नोटिस रिसीव करवाया. हरीश रावत ने सीबीआई की टीम को अपने चिर परिचित अंदाज में आम खाने का निमंत्रण भी दिया. इस पूरे मामले को लेकर बातचीत की. अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर उन्होंने लिखा कि जहां देश भर में ईद मनाई जा रही है तो वहीं सीबीआई बेहद जल्दी में दिखाई दे रही है.
आज भी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीबीआई के नोटिस पर प्रतिक्रिया दी है. यह प्रतिक्रिया उन्होंने सीबीआई के अधिकारियों के उनके घर पर पहुंचने को लेकर दी है. यह जानकारी हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर साझा की है. हरीश रावत का कहना है कि वो सीबीआई के नोटिस के संबंध में पूरा सहयोग करेंगे. जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे कोर्ट के विभिन्न स्तरों पर तर्क वितर्क सामने आएंगे.
हरीश रावत  का कहना है कि उनके ऊपर जो आरोप लगे हैं और भाजपा ने जिस तरीके से उन आरोपों को दुष्प्रचारित किया है. साथ ही एक भ्रम पैदा किया है. वो बातें उनके जीवन के सार्वजनिक जीवन के हित में हैं, उसकी पूरी स्थितियां उत्तराखंड और देश के लोगों के सामने स्पष्ट हों, लेकिन सीबीआई जल्दी में है. आज सुबह जब वो कुछ दोस्तों को ईद की मुबारकबाद देने गए थे तो उस वक्त सीबीआई के अधिकारी नोटिस लेकर पहुंच गए. हालांकि वो घर पर नहीं थे. अब उन्होंने निश्चय किया है कि वो खुद आमंत्रित करेंगे.

 

      क्या था मामला?

 

बता दें कि साल 2016 में उत्तराखंड की तत्कालीन हरीश रावत की कांग्रेस सरकार में राजनीतिक ताकत दिखाने के लिए सरकार के अपने ही 9 विधायक विद्रोही हो गए थे. इन विधायकों में विजय बहुगुणा, डॉक्टर हरक सिंह रावत, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, शैला रानी रावत, उमेश शर्मा, शैलेंद्र मोहन , अमृता रावत, सुबोध उनियाल, प्रदीप बत्रा शामिल थे. इनके बगावती तेवरों की आंच इतनी बढ़ गई थी कि इसकी तपिश दिल्ली तक पहुंची. नजीजतन उत्तराखंड में 3 महीने तक उहापोह की स्थिति बनी रही. आखिरकार उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा.

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