भूकंप

नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप, 141 की मौत:पश्चिम रुकुम-जाजरकोट सबसे ज्यादा प्रभावित; दिल्ली-NCR, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी असर रहा

नेपाल में शुक्रवार रात 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसमें कई घरों-इमारतों को नुकसान पहुंचा है।

तस्वीर नेपाल के जाजरकोट की है। यहां भूकंप की वजह से कई घर और इमारतें तबाह हुई हैं।
पश्चिम रुकुम-जाजरकोट सबसे ज्यादा प्रभावित; दिल्ली-NCR, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी असर रहा|विदेश,International – Dainik Bhaskar
तस्वीर पश्चिमी रुकुम की है, जहां भूकंप की वजह से मकान ढह गया।
पश्चिम रुकुम-जाजरकोट सबसे ज्यादा प्रभावित; दिल्ली-NCR, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी असर रहा|विदेश,International – Dainik Bhaskar
भूकंप की वजह से जाजरकोट जिले में अभी तक 92 लोगों की मौत हुई हैं।
पश्चिम रुकुम-जाजरकोट सबसे ज्यादा प्रभावित; दिल्ली-NCR, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी असर रहा|विदेश,International – Dainik Bhaskar
नेपाल में भूकंप की वजह से घायल महिला को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
पश्चिम रुकुम-जाजरकोट सबसे ज्यादा प्रभावित; दिल्ली-NCR, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी असर रहा|विदेश,International – Dainik Bhaskar
भूकंप की वजह से जाजरकोट का मकान मलबे में तब्दील हो गया।
पश्चिम रुकुम-जाजरकोट सबसे ज्यादा प्रभावित; दिल्ली-NCR, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी असर रहा|विदेश,International – Dainik Bhaskar
नेपाल में तेज भूकंप के झटकों के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
पश्चिम रुकुम-जाजरकोट सबसे ज्यादा प्रभावित; दिल्ली-NCR, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी असर रहा|विदेश,International – Dainik Bhaskar
भूकंप के झटके महसूस होते ही NCR क्षेत्र में लोग घरों से बाहर निकल आए।
पश्चिम रुकुम-जाजरकोट सबसे ज्यादा प्रभावित; दिल्ली-NCR, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी असर रहा|विदेश,International – Dainik Bhaskar
पटना में भूकंप के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
पश्चिम रुकुम-जाजरकोट सबसे ज्यादा प्रभावित; दिल्ली-NCR, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी असर रहा|विदेश,International – Dainik Bhaskar
गुरुग्राम में भूकंप के बाद की तस्वीर। धरती कांपने से घरों में रखे सामान हिलने लगे।
पश्चिम रुकुम-जाजरकोट सबसे ज्यादा प्रभावित; दिल्ली-NCR, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी असर रहा|विदेश,International – Dainik Bhaskar
लखनऊ में लोग अपने घरों से बाहर निकलकर भूंकप के थमने का इंतजार करते नजर आए।
11/11

नेपाल में शुक्रवार रात 11:32 बजे 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसमें 141 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। नेपाल में दो जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इनमें रुकुम पश्चिम में 36 और 105 लोगों ने जाजरकोट में जान गंवाई।

केंद्र काठमांडू से 331 किमी उत्तर-पश्चिम में 10 किमी जमीन के नीचे था। DIG कुवेर कडायतेन ने मौतों की पुष्टि की है। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, भूकंप में अब तक 140 लोगों के घायल होने की खबर है। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड हालात का जायजा लेने जाजरकोट जा रहे हैं।

भूकंप का असर भारत में भी देखने को मिला। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार की राजधानी पटना में झटके महसूस किए गए। भारत में भूकंप से अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

सबसे पहले मैप में देखिए कि भूकंप का केंद्र कहां था…

नेपाल में भूकंप के बाद तबाही से जुड़ी तस्वीरें…

जाजरकोट में कई घर और इमारतें तबाह हो गई हैं।
जाजरकोट में कई घर और इमारतें तबाह हो गई हैं।
जाजरकोट में भूकंप के बाद एक मकान ढह गया।
जाजरकोट में भूकंप के बाद एक मकान ढह गया।
जाजरकोट जिले में अब तक 92 लोगों की मौत हो चुकी है।
जाजरकोट जिले में अब तक 92 लोगों की मौत हो चुकी है।
भूकंप में घायल एक महिला। इसके परिवार को शनिवार सुबह मदद पहुंची।
भूकंप में घायल एक महिला। इसके परिवार को शनिवार सुबह मदद पहुंची।
जाजरकोट का एक मकान मलबे में तब्दील हो गया।
जाजरकोट का एक मकान मलबे में तब्दील हो गया।
तस्वीर पश्चिमी रुकुम की है, जहां भूकंप की वजह से मकान ढह गया।
तस्वीर पश्चिमी रुकुम की है, जहां भूकंप की वजह से मकान ढह गया।
तेज भूकंप के झटकों के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
तेज भूकंप के झटकों के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
PM मोदी ने भी भूकंप से मची तबाही पर दुख जताया
नेपाल के PM पुष्प कमल दहल प्रचंड ने तीनों सिक्योरिटी एजेंसियों को रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटने के निर्देश दिए हैं। वहीं PM मोदी ने भी नेपाल के भूकंप मरने वाले लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्ति की हैं। उन्होंने मुश्किल घड़ी में नेपाल की मदद करने का भरोसा जताया।

2015 में आए भूकंप से काठमांडू 10 फीट तक खिसक गया था
नेपाल में साल 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। इस दौरान करीब 9 हजार लोग मारे गए थे। इस भूकंप ने देश के भूगोल को भी बिगाड़ दिया था। यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के टैक्टोनिक एक्सपर्ट जेम्स जैक्सन ने बताया कि भूकंप के बाद काठमांडू के नीचे की जमीन तीन मीटर यानी करीब 10 फीट दक्षिण की ओर खिसक गई।

हालांकि दुनिया की सबसे बड़ी पर्वत चोटी एवरेस्ट के भूगोल में किसी बदलाव के संकेत नहीं हैं। नेपाल में आया यह भूकंप 20 बड़े परमाणु बमों जितना शक्तिशाली था।

अब तस्वीरों में देखिए भारत में भूकंप का कहां-कहां असर हुआ…

गुरुग्राम में भूकंप के बाद की तस्वीर। धरती कांपने से घरों में रखे सामान हिलने लगे।
गुरुग्राम में भूकंप के बाद की तस्वीर। धरती कांपने से घरों में रखे सामान हिलने लगे।
भूकंप के झटके महसूस होते ही दिल्ली-NCR क्षेत्र में लोग घरों से बाहर निकल आए।
भूकंप के झटके महसूस होते ही दिल्ली-NCR क्षेत्र में लोग घरों से बाहर निकल आए।
बिहार के 11 जिलों में भूकंप, धरती एक मिनट तक कांपी

पटना में भूकंप के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
पटना में भूकंप के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
बिहार में पटना समेत आरा, दरभंगा, गया, वैशाली, खगड़िया, सिवान, बेतिया, बक्सर, बगहा, नालंदा, नवादा 11 जिलों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप के दौरान धरती करीब एक मिनट तक धरती हिलती रही। कई आफ्टर शॉक्स भी महसूस किए गए। सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल और दरभंगा के कुछ हिस्से जोन 5 में आते हैं, जो बेहद खतरनाक हैं। राजधानी पटना सहित बिहार के बाकी हिस्से जोन 4 में आते हैं, जहां भूकंप का खतरा कम रहता है। पढ़ें पूरी खबर…

MP के भोपाल, जबलपुर में भी झटके महसूस: राज्य के भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सतना और रीवा में भी भूकंप ​​​​​​के झटके महसूस किए गए। प्रदेश के आगर मालवा और मुरैना जिले के कुछ हिस्सों में भी धरती में कंपन महसूस किया गया।
UP के कई शहरों में भी भूकंप, 15 सेकंड तक धरती हिली

लखनऊ में लोग अपने घरों से बाहर निकलकर भूंकप के थमने का इंतजार करते नजर आए।
लखनऊ में लोग अपने घरों से बाहर निकलकर भूंकप के थमने का इंतजार करते नजर आए।
UP में राजधानी लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, कासगंज सहित कई जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। गाजियाबाद के रहने वाले गोपाल ने बताया कि भूकंप के झटके 15 सेकंड से ज्यादा देर तक महसूस किए गए।

भूकंप क्यों आता है?
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

एक्सपर्ट का दावा- अरावली पर्वतमाला की दरार एक्टिव हुई, आते रहेंगे भूकंप
जयपुर जोन-2 और पश्चिमी राजस्थान जोन-3 में आता है। इसमें सामान्य भूकंप के झटके आते हैं। भूगोल के जानकार डॉ. राजेंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार अरावली पर्वतमाला के पूर्व में एक भ्रंश रेखा (दरार) है। यह भ्रंश रेखा राजस्थान के पूर्वी तट से होते हुए धर्मशाला तक जा कर मिलती है। इसमें राजस्थान के जयपुर, अजमेर, भरतपुर इलाके शामिल हैं।

एक्सपर्ट का कहना है कि अरावली पहाड़ में जो दरारें हैं, उनमें हलचल शुरू हो चुकी है। अब ऐसे भूकंप के झटके जयपुर समेत इससे सटे हुए अन्य इलाकों में भी आते रहेंगे।

467 साल पहले चीन में आए भूकंप में 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी
सबसे जानलेवा भूकंप चीन में 1556 में आया था, जिसमें 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी। तीव्रता के लिहाज से अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप चिली में 22 मई 1960 को आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 9.5 थी। इसकी वजह से आई सुनामी से दक्षिणी चिली, हवाई द्वीप, जापान, फिलीपींस, पूर्वी न्यूजीलैंड, दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में भयानक तबाही मची थी। इसमें 1655 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 3000 लोग घायल हुए थे।

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