पर्व पर मिलावट: मिष्ठान खरीदें, बीमारी नहीं
मिठाई नहीं ‘बीमारी’ खरीद रहे हैं आप…FDA ऑफिसर ने बताया कैसे करें मिलावटी मिठाई की पहचान, डॉक्टर से जानें हार्ट–किडनी को क्या खतरा!
दिवाली का सीजन चल रहा है और दुकानों पर तरह-तरह की मिठाइयां बनकर भी तैयार हैं. ऐसे में मिठाई खरीदते उसकी शुद्धता और मिलावट की जांच कैसे करें, मिलवाटी मिठाई खाने से कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं, इस बारे में जानें.
मृदुल राजपूत
नई दिल्ली,30 अक्टूबर 2024,मिठाइयां भारत में हर त्योहार को मनाने का एक अनिवार्य हिस्सा हैं. त्योहार का मौसम आते ही मिष्ठान्न की मांग काफी बढ़ जाती है. बाजार में कई तरह की मिठाइयां हैं जो दिखने और खाने में काफी स्वादिष्ट होती हैं. हालांकि, त्योहार के इस मौसम में मिठाइयों के स्वास्थ्य पर प्रभाव और शुद्धता पर भी प्रश्न होते हैं क्योंकि आए दिन खबरें आती हैं कि नकली घी के साथ मावा, डेयरी प्रोडक्ट में मिलावट हो रही हैं.
कई मिठाइयों की सेल्फ लाइफ बढ़ाने को उनमें रसायन मिलाए जाते हैं तो कई में तेल मिलाया जाता है. अब ऐसे में मिलावटी मिठाई की पहचान करना भी हर किसी को आना चाहिए. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि मिलावटी मिठाई की पहचान कैसे करें और अगर कोई मिलावटी मिठाई खा लेता है तो उसे कौन-कौन से जोखिम हो सकते हैं.
मावा में किस तरह की मिलावट हो रही है?
इस बारे में फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के असिस्टेंट कमिश्नर (ग्रेड II) सर्वेश मिश्रा ने बताया, ‘देखिए ऐसा है, मिलावट करना और दूषित जगह में मिठाई बनाना, दोनों ही हमारे स्वास्थ्य को हानिकारक हैं. अगर कोई मिठाई गंदी जगह बनाई जा रही है, साफ-सफाई का ध्यान नहीं दिया जा रहा, मिठाई से स्मेल आ रही है तो वह तो कोई भी पहचान सकता है लेकिन आजकल मुनाफा अधिक कमाने के चक्कर में दुकानदार 2 तरीके की मिलावट काफी अधिक कर रहे हैं जो हमारी पकड़ में भी आई हैं.’
‘मिलावटी मिठाइयों की बात करें तो आजकल सबसे अधिक मिलावट हो रही है मावा (खोया) में. कुछ दिन पहले ही ग्रेटर नोएडा के सिरसा में 100 किलो मिलावटी मावा और मेरठ से चौपाला मंदिर, गाजियाबाद ले जाए जा रहे 88,000 रुपए के 400 किलो मावा जब्त किया गया है. मावे में 2 तरीके की मिलावट हो सकती है. पहली मिलावट स्टार्च आलू या सूजी की होती है. इस टाइप की मिलावट काफी आसानी से पकड़ में आ जाती है. इसकी शुद्धता की जांच करने को मार्केट में आयोडीन सॉल्यूशन आता है. अगर आप आयोडीन सॉल्यूशन की एक बूंद मावा पर डालें और मावा तुरंत काला या नीला हो जाये तो इसका मतलब है कि उसमें मिलावट है.’
‘दूसरी मिलावट में दूध से मिल्क फैट निकाल लिया जाता है. फैट से वो लोग घी बनाकर बेच देते हैं जिससे उन्हें मावा और घी दोनों से फायदा होता है. फैट निकले दूध में रिफाइंड, सोयाबीन या वनस्पति ऑयल मिला देते हैं जो सस्ते होते हैं.’
‘इसकी शुद्धता की जांच को उसे जीभ पर रखेंगे तो पता चल जाएगा. दूध हल्का मीठा होता है. अगर आपको हल्का मीठा स्वाद की जगह रिफाइंड, सोयाबीन या वनस्पति तेल का उपयोग हुआ होगा तो आपको कसैलापन महसूस होगा.’
‘दूध को जब आप मावा बनाएंगे तो उसमें से काफी कम मावा निकलता है यानी कि 1 किलो दूध से करीब 100 ग्राम. वहीं कोई दूध में अगर इन तेलों का इस्तेमाल करता है तो उसे अधिक मावा मिलेगा.’
पनीर में मिला रहे शैंपू और तेल
सर्वेश मिश्रा बताते हैं, ‘हम लोग काफी मात्रा में मिलावटी पनीर बिकता हुआ देख रहे हैं. वो दिखता तो पनीर जैसा है लेकिन उसमें काफी मिलावट होती है. पनीर जैसा भले दिखे लेकिन उसमें पनीर के गुण नहीं होते. मिलावटी पनीर में भी 2 ही चीजें हैं. उससे भी ये लोग फैट निकाल लेते हैं. अब उससे अगर फैट निकाल लिया जाएगा तो पनीर तो बनेगा लेकिन उसमें चिकनाहट नहीं होगी.’
‘चिकनाहट लाने के लिए वे लोग पनीर में रिफाइंड ऑयल मिलाते हैं ताकि उसमें फैट वापिस आ जाए. वहीं कुछ लोग पनीर में भी स्टार्च मिला देते हैं.’
अगर किसी प्रकार के वेजिटेबल ऑयल को दूध में मिलाया जाए तो वह दूध में ऊपर तैरने लगेगा. तेल और दूध को मिलाने को वो लोग उसमें इमल्सिफिकेशन करते हैं यानी उसे मथानी से मथते हैं. लेकिन वो इमल्सिफ तभी होगा जब उसमें कुछ डिटर्जेंट या शैंपू डालेंगे. बिना डिटर्जेंट उसे अच्छे से नहीं मथा जा सकता.’
‘अब पनीर में से डिटर्जेंट की स्मेल गायब करने को उसमें लिक्विट ग्लूकोज या माल्टोज मिलाते हैं जिससे उसमें दूध जैसा हल्का मीठा टेस्ट आ जाता है और पनीर बनने के बाद लोग उसे नहीं पहचान पाते कि वह मिलावटी पनीर खा रहा है.’
‘पनीर काफी कम लोग कच्चा खाते हैं. अगर कोई कच्चा पनीर खाता है तो भी उसे टेस्ट समझ आ जाएगा क्योंकि जुबान पर कसेला स्वाद आएगा। आयोडीन सॉल्यूशन डालकर भी उसकी शुद्धता का पता लगा सकते है.’
मिठाई खरीदते समय कौन सी सावधानी रखें?
सर्वेश मिश्रा बताते हैं, ‘ दूषित मिठाइयों को आप वहां की हाइजीन देखकर, स्मेल देखकर या उसका टेस्ट देखकर पता कर सकते हैं. इसके अलावा आप रंगीन मिठाइयां खरीदने से बचें. हालांकि फूड कलर या आर्टिफिशियल इडेबल फूड कलर लीगल हैं लेकिन उनका अधिक प्रयोग भी हानिकारक है. ये समझें कि एक किलो मिठाई में एक ग्राम तक कलर सुरक्षित माना जाता है. इसलिए बहुत अधिक चटक कलर वाली मिठाई खरीदने से बचें. अगर मिठाई दुकान में रखी है तो आप उसकी हाइजीन का पता नहीं लगा पाएंगे. इसलिए ध्यान रखें कि हमेशा ऐसी दुकान से मिठाई खरीदें जिसके बारे में आप जानते हैं कि बनाते समय वह साफ सफाई रखता है.’
‘अगर मिठाई पर चांदी का वर्क लगा है तो उसे मिठाई से निकालकर हाथ पर रखें और अंगूठे से रगड़ दें. अगर शुद्ध चांदी का वर्क है तो वह गायब हो जाएगा और अगर उसमें एल्यूमीनियम फॉइल की मिलावट है तो उसकी गोली बन जाएगी. इसका कारण है कि चांदी ऐसी धातु है जिसे पतले से पतले रूप में लाया जा सकता है. अगर असली होगा तो वह सबसे पतले फॉर्म के बाद गायब हो जाएगा और वहीं एल्यूमुनियम वैसा का वैसा रहेगा, बस उसका आकार बदल जाएगा.’
‘दिवाली पर सोनपापड़ी काफी अधिक चलन में होती है. दावा किया जाता है कि उसे घी से बनाया जाता है लेकिन अगर घी में ही मिलावट हो तो? सोनपापड़ी की बात करे तो सोनपापड़ी की स्मेल से आप पता कर सकते हैं कि उसमें कोई वेजिटेबल ऑयल मिला है कि नहीं. कई बार उसमें वेजिटेबल ऑयल मिलाकर देसी घी का एसेंस मिलाया जाता है. जिससे उसकी स्मेल तो चैंज हो जाती है लेकिन थोड़ा बहुत टेस्ट बना रहता है. इसकी पहचान है कि जैसे ही सोनपापड़ी का डिब्बा खोलेंगे, वेजिटेबल ऑयल की स्मेल आएगी.’
‘अगर आप पैक मिठाई ले रहे हैं तो उसकी लेवलिंग जरूर देखें. कई कंपनियां अपना रजिस्ट्रेशन कराए बिना ही खराब क्वालिटी वाली पैक मिठाई बेंचती हैं. इसलिए हमेशा पैकेज्ड मिठाई पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की मार्किंग देखें.’
मिलावटी मिठाई खाने से हो सकती हैं समस्याएं
जयपुर के नारायणा हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलिस्ट डॉक्टर अभिनव गुप्ता ने मिलावटी मिठाई खाने से शरीर पर होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में बताया, ‘मिठाई खाने से सबसे ज्यादा पेट और किडनी पर असर होता है. कोई भी खराब चीज सबसे पहले पेट खराब करती है, उसी तरह मिलावटी मिठाई और पनीर खाने से पेट में दर्द होगा, दस्त, मतली, उलटी, घबराहट जैसी शिकायतें आएंगी. लंबे समय तक बदहजमी होगी और लंबे समय से अगर आप नकली मिठाइयां या पनीर खाते हैं तो किडनी स्टोन होने की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है.’
‘इसके अलावा लिवर और हार्ट पर भी इसका असर होता है क्योंकि नकली मिठाइयों में खराब क्वालिटी वाले तेल की मिलावट होती है जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है और उससे काफी मुश्किलों का सामना करना पढ़ सकता है.’
मिठाई और पनीर में डिटर्जेंट, प्रिजर्वेटिव्स, अधिक मात्रा में तेल, पॉम ऑयल एसेंस आदि को मिलाया जाता है. ये लंबे समय तक मिठाई को फ्रेश दिखने और अच्छी स्मेल देने में मदद करते हैं. लेकिन इन चीजों से ये मिठाई और भी जहरीली होती है.’
‘फूड में मिलाए जाने वाले कलर एजेंट भी कई बार अधिक मात्रा में मिलाए जाते हैं जिससे स्किन एलर्जी या फिर गले में समस्याएं हो सकती हैं. अगर कोई आप मिलावटी मिठाई या पनीर का सेवन करेंगे तो आपको शुरुआत में पेट दर्द, उल्टी दस्त, जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अगर किसी को ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत किसी डॉक्टर से पास जाएं और आपने क्या खाया है, इस बारे में डिटेल दें.’
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