वनवासियों को ढो रहा था फिरोजपुर चर्च,दे रखा था झांसा

पुलिस ने छिंदवाड़ा से पंजाब जा रही पातालकोट एक्सप्रेस से 18 वनवासियों को उतारा, बजरंग दल को धर्मांतरण का था संदेह

गंजबसौदा 13 मार्च 2025। मध्य   प्रदेश  के छिंदवाड़ा से पंजाब के फिरोजपुर ले जा रहे 18 यात्रियों को जीआरपी पुलिस ने पाताललोक एक्सप्रेस ट्रेन से नीचे उतारा है. पुलिस ने यह कार्रवाई धर्मांतरण के आरोप में की है. इनके पास से ईसाई धर्म से जुड़े सामान भी मिले हैं।

MP Religious Conversion news: पातालकोट एक्सप्रेस से जा रहे 18 यात्रियों को पुलिस ने जबरन उतार दिया. पुलिस ने यह कार्रवाई बजरंग देल के शिकायत करने के बाद की . इन सभी यात्रियों की अगुवाई छिंदवाड़ा का  सहजनाथ कर रहा था. आरोप है कि सहजनाथ इन यात्रियों को धर्मांतरण के लिए छिंदवाड़ा से फिरोजपुर, पंजाब ले जा रहा था. उतारे गए सभी यात्री वनवासी समाज के बताए जा रहे हैं. जिन्हें रुपये और नौकरी के लालच में धर्मांतरण को ले जाया जा रहा था.

दरअसल, बजरंग दल कार्यकर्ताओं को कहीं से सूचना मिली थी कि छिंदवाड़ा निवासी सहज नाथ 18 वनवासियों को धर्मांतरण के लिए पंजाब ले जा रहा है.  बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता जीआरपी और सिविल पुलिस के साथ ट्रेन के एस3 और एस4 कोच में पहुंचे जिसके  11 यात्रियों को गंजबसौदा रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया. वहीं, 7 यात्री नहीं उतरें. उन्हें बीना रेलवे स्टेशन पर उतारा गया.

चर्च प्रार्थना में शामिल होने की बात कबूली
पुलिस ने पातालकोट एक्सप्रेस 20423 डाउन के एस3 और एस4 कोच से 18 लोगों को उतार लिया. पूछताछ में सहज नाथ ने स्वीकार किया कि वह 18 लोगों को प्रार्थना में शामिल कराने पंजाब ले जा रहा था. सहज नाथ ने 14 लोगों के नाम बताएं. लेकिन चार के नाम उसको भी नहीं पता थे. उतारे गए लोगों ने यह भी बताया कि वे फिरोजपुर चर्च घूमने जा रहे थे और पूर्व में भी कई बार वहां गए हैं. वहीं, इन सबकी अगुवाई कर रहे सहजनाथ ने बताया कि वह इन लोगों को चर्च की प्रार्थना सभा में शामिल कराने ले जा रहा था।

सहजनाथ के लिए सिर्फ संख्या,नाम तक पता नहीं

बजरंग दल की सूचना पर पुलिस ने पातालकोट एक्सप्रेस 20423 डाउन के एस3 और एस4 कोच से 18 लोगों सहित छिंदवाड़ा के 40 वर्षीय सहज नाथ को रेलवे स्टेशन पर 6:16 बजे ट्रेन से उतारा। वह वनवासियों को धर्मांतरण को छिंदवाड़ा से फिरोजपुर, पंजाब ले जा रहा था। सूचना पर एसडीएम विजय राय और एसडीओपी मनोज मिश्रा मौके पर पहुंचे। जीआरपी चौकी में सभी से पूछताछ हुई। बजरंग दल कार्यकर्ताओं को जानकारी मिली थी कि सहज नाथ 18 वनवासियों को धर्मांतरण को पंजाब ले जा रहा है। सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता जीआरपी और सिविल पुलिस के साथ ट्रेन के एस3 और एस4 कोच पहुंचे। वहां से 11 लोगों को उतार लिया गया। सात यात्री नहीं उतर सके, जिन्हें बीना रेलवे स्टेशन पर उतारा जाएगा। पूछताछ में सहज नाथ ने स्वीकारा कि वह 18 लोगों को प्रार्थना में शामिल करने पंजाब ले जा रहा था। उसने 14 लोगों के नाम बताए, लेकिन चार के नाम उसे भी नहीं पता थे।

बीना में शेष लोगों के आने के बाद सभी के नामों का खुलासा होगा। बजरंग दल को सूचना के साथ सहज नाथ की फोटो भी मिली थी, जिससे उसकी पहचान हुई। जीआरपी एसआई बलवंत सिंह ने बताया कि लाल सिंह खटीक की सूचना पर पुलिस ने सहज नाथ सहित 11 यात्री ट्रेन से उतारे। इनमें रोनू राय (32 वर्ष) पहाड़ कला, जिला शिवपुरी पिछोर, विजय कुमार (44 वर्ष), सतीश इव, रमेश पवार (50वर्ष), देवेंद्र मास्कुले (30वर्ष), गोलू धुर्वे (27वर्ष), नीरज उईके (32 वर्ष), श्रीपध सिंह (61 वर्ष), लवेराम भारेवा (38 वर्ष), दीपक गजभिए (28 वर्ष) और अजय इबनाते (42 वर्ष) निवासी छिंदवाड़ा शामिल हैं। सात अन्य यात्रियों को बीना में ट्रेन से उतारने के लिए कहा गया है। उनके आने के बाद नामों की पुष्टि होगी। पकड़े गए लोगों ने स्वीकार किया कि वे चर्च ‘घूमने ‘ जा रहे थे। उन्हें सहज नाथ ले जा रहा था। उसने पहले भी कई लोगों को इसी तरह ले जाने की बात कबूली है।

सामग्री में मिला ईसाई धर्म का साहित्य

प्राप्त जानकारी के अनुसार दो संदिग्धों पर करीब डेढ़ दर्जन लोगों को आदिवासी से ईसाई धर्म की प्रार्थना के लिए ले जाने के आरोप पर रेलवे पुलिस ने संदिग्धों के सामग्री की जांच पड़ताल की तो सूत्रों के अनुसार ईसाई धर्म व चर्च से जुड़े हुए कुछ धार्मिक साहित्य भी सामग्री में प्राप्त हुए हैं।

1 लाख रुपये,बच्चों की अंग्रेजी स्कूल में पढाई, फ्री  इलाज और विदेश में नौकरी
इस घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम विजय राय और एसडीओपी मनोज मिश्रा मौके पर पहुंचे. जीआरपी एसआई बलवंत सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि बजरंग दल के लालसिंह खटीक की सूचना पर इन यात्रियों को रोका गया. इनके सामान की तलाशी में ईसाई धर्म से जुड़ा साहित्य मिला है. पकड़े गए सभी गरीब मजदूर वर्ग के हैं. उन्हें लालच दिया गया था कि वे अगर ईसाई धर्म अपना लेंगे, तो उन्हें एक-एक लाख रुपए मिलेंगे. साथ ही उनके बच्चों को क्रिश्चियन स्कूल में पढ़ाया जाएगा. इसके साथ उन्हें विदेश में नौकरी करने का मौका मिलेगा और बीमारियों का मुफ्त इलाज होगा.

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