ठंड में धरना:कृषि सहायकों और उद्यान सहायकों को चुनाव के पहले मिलेगी नियुक्ति?

देहरादून 04 जनवरी। एक ओर भाजपा की मौजूदा सरकार के दूसरे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जाते- जाते अपनी पार्टी की सरकार के 24 हजार भर्तियों के रोड मैप को बाकायदा विभाग वार ब्रैकप दे गये थे लेकिन अब जबकि चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू होने में एक दो दिन ही बाकी हैं, कृषि और उद्यान विभाग के प्रदेशभर के शिक्षित बेरोजगार सरकार की कृपा दृष्टि के लिए इस कड़ाके की ठंड में राजधानी देहरादून के सुभाष (गांधी पार्क) पार्क के सामने महीने भर से धरने पर बैठे हैं। इनमें कृषि सहायक और उद्यान से सहायक शामिल हैं।

इनमें पहले कृषि सहायकों के नेता शुभम पंवार से उनका पक्ष सुनिए-

 

शुभम के साथ उनके साथी सागर,हर्ष, जागृति, प्रियंका,   मंजरी,नवतेज, प्रवेश, अरविंद,धीरज, आर्यवीर, पुनीत,विनय, अंकुर, सूरज,विशु, धनंजय, त्रिलोक, अंकित, गोपाल, निर्मल, मनोहर,अजय, नौशाद अली, पंकज आदि भी धरने पर बैठे हुए हैं।

इन्ही की बगल में उद्यान सहायकों का भी धरना चल रहा है। इनके अध्यक्ष रोहित नैथानी का कहना है कि

 

 

नैथाणी का कहना है कि वे  जब से यहां धरने पर बैठे हैं, एक बार भी शासन, प्रशासन या मंत्री जी ने हमारी सुध नहीं ली। ऐसा भी नहीं है कि वे सीधे ही धरने पर बैठे गये हो, वे इसके पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से लेकर कृषि और उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल तक से पांच- पांच बार मिल चुके हैं।

इनके साथ इनके साथी पौड़ी गढ़वाल के कृष्णा सिंह बिष्ट, संदीप गुसाईं, प्रवीण कुमार, नवीन बिष्ट, चमोली के दिनेश सिंह, प्रदीप खत्री,विक्कू नेगी, टिहरी के लक्ष्मण सिंह, चंपावत के भरत सिंह,ऊधमसिंह नगर से सुरजीत, मिथलेश और मंजीत कौर, उत्तरकाशी से राजेश शाह व उज्जवल राणा, देहरादून से सुरजन आदि मौजूद हैं।

इन सभी प्रशिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि सरकारें एक ओर कृषि आय दोगुनी करने का हुंकार भरती है और दूसरी ओर हम प्रशिक्षितों को घर बैठा रखा है। मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री आश्वासन देते हैं लेकिन उन आश्वासनों को पूरा नहीं करते।

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