हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष -उपाध्यक्ष व ब्लाक प्रमुखों को भाजपा की क्लीन स्वीप
हरिद्वार पंचायत चुनाव : भाजपा का क्लीन स्वीप, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख पदों पर निर्विरोध निर्वाचन तय
हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने पहली बार क्लीन स्वीप किया है
हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने पहली बार क्लीन स्वीप किया है। जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख पदों पर निर्विरोध निर्वाचन तय है। सीएम धामी के नेतृत्व में भाजपा का हरिद्वार पंचायत चुनाव में ऐतिहासिक प्रदर्शन है।
हरिद्वार 10 अक्टूबर: उत्तराखंड में मिथक तोड़ लगातार दूसरी बार सत्तासीन हुई भाजपा ने अब हरिद्वार जिले के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भी विरोधियों को चारों खाने चित कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हरिद्वार में भाजपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है।
निर्विरोध निर्वाचन तय
जिला पंचायत में पहली बार अध्यक्ष व उपाध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों में प्रमुख पदों पर भाजपा प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन तय है। नामांकन के आखिरी दिन तक जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और ज्येष्ठ व कनिष्ठ उपप्रमुख पदों पर केवल भाजपा प्रत्याशियों ने ही नामांकन कराया है।
छह में से पांच पर भाजपा प्रत्याशियों का ही नामांकन
ब्लाक प्रमुख के छह पदों में से पांच पर भाजपा प्रत्याशियों का ही नामांकन हुआ है। केवल नारसन ब्लाक ही ऐसा है, जहां भाजपा प्रत्याशी को चुनौती देने के लिए निर्दलीय प्रत्याशी ने ताल ठोकी थी। भाजपा का दावा था कि यह निर्दलीय प्रत्याशी मंगलवार को नाम वापस ले लेगा और वहीं हुआ भी।
यह होगा पहला अवसर
हरिद्वार जिला पंचायत के गठन के बाद यह पहला अवसर होगा, जब किसी एक दल के प्रत्याशी जिला पंचायत के सभी पदों पर निर्विरोध जीतेंगे। स्थिति यह है कि छह सीट जीतने वाली बसपा और पांच सीट जीतने वाली कांग्रेस, भाजपा को चुनौती देने के लिए प्रत्याशी तक नहीं खोज पाई।
इस बार हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने कुशल रणनीति और एकजुटता से ऐतिहासिक जीत की ओर कदम बढ़ाते हुए बसपा-कांग्रेस को पंचायत राजनीति से अलग-थलग करने में सफलता प्राप्त की है।
हरिद्वार भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है लेकिन विधानसभा चुनाव में यहां पार्टी को झटका लगा। हरिद्वार में पंचायत चुनाव निबटे परिणाम आए तो भाजपा को 44 सदस्यों की जिला पंचायत में 14 सीटों पर जीत मिली।
हरिद्वार भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है, लेकिन विधानसभा चुनाव में यहां पार्टी को झटका लगा। चौथी विधानसभा में जिले से भाजपा के आठ विधायक थे, लेकिन पांचवीं विधानसभा में यह आंकड़ा तीन ही रह गया। इसकी पूरी कसर पार्टी ने जिला पंचायत चुनाव में निकाल दी।
हरिद्वार में पंचायत चुनाव निबटे, परिणाम आए तो भाजपा को 44 सदस्यों की जिला पंचायत में 14 सीटों पर जीत मिली। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में यह पार्टी का सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन रहा।
बहुमत के 23 के आंकड़े से यद्यपि भाजपा कुछ दूर रह गई, लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ, वह खासा दिलचस्प था। कांग्रेस, बसपा खेमे से जीते प्रत्याशियों के साथ ही निर्दलीय भी, सब सरपट भाजपा की ओर दौड़ पड़े। मतगणना समाप्त भी नहीं हुई थी कि बहुमत से नौ कदम पीछे छूट गई भाजपा सीधे 10 कदम आगे 33 तक जा पहुंची।
भाजपा की रणनीति का कमाल
भाजपा की रणनीति का ही कमाल रहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के राजेंद्र सिंह उर्फ किरण चौधरी और उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा के अमित चौहान के सामने कोई भी नामांकन नहीं करा पाया।
यही नहीं, बहादराबाद से भाजपा की आशा नेगी, लक्सर से हर्ष कुमार, खानपुर से नीतीश कुमार, भगवानपुर से करुणा कर्णवाल, रुड़की से राव लुबना की भी ब्लाक प्रमुख पद पर जीत तय मानी जा रही थी। केवल नारसन से ही ब्लाक प्रमुख पद की भाजपा प्रत्याशी कोमल देवी को निर्दलीय सीमा उर्फ भावना से चुनौती मिल रही थी।
पार्टी के प्रदर्शन से भाजपा उत्साहित
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि मंगलवार को नाम वापसी की तिथि है। इसके बाद निर्वाचन की विधिवत घोषणा कर दी जाएगी। उधर, हरिद्वार में पार्टी के प्रदर्शन से भाजपा उत्साहित है।
हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा जिलाध्यक्ष डाक्टर जयपाल सिंह ने हरिद्वार की सफलता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों और पार्टी के प्रति बढ़ता विश्वास का परिणाम बताया है।