अंकित सक्सेना की मुस्लिम प्रेमिका के बाप-मां-मामा को उम्रकैद, काट डाला था कसाई चाकू से
अंकित सक्सेना हत्याकांड: अकबर, शहनाज और सलीम को उम्रकैद, बकरा काटने वाले चाकू से भरे बाजार काट डाला था, मृतक की माँ बोली-हो फाँसी, हाईकोर्ट जाएंगे
नई दिल्ली 08 मार्च 2024। दिल्ली के बहुचर्चित अंकित सक्सेना मर्डर केस में गुरुवार (7 मार्च 2024) को तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 23 साल अंकित की फरवरी 2018 में पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में हत्या कर दी गई थी। अंकित की गर्लफ्रेंड शहजादी के माता-पिता और चाचा ने सरे बाजार बकरा काटने वाले चाकुओं से गोदकर अंकित को मौत के घाट उतार दिया था। अब कोर्ट ने अकबर अली (लड़की के पिता), शहनाज़ बेगम (लड़की की मां) और मोहम्मद सलीम (लड़की के मामा) को उम्रकैद की सजा के साथ ही सभी पर 50-50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।
एडिशनल सेशन जज सुनील कुमार शर्मा ने तीनों को उम्रकैद की सजा दी। उन्होंने अंकित सक्सेना की हत्या करने वाले अकबर अली और मोहम्मद सलीम को उम्रकैद की सजा दी, साथ ही शहनाज बेगम को हत्या में सहयोग देने और अंकित की माँ पर हमला करने में उम्रकैद की सजा दी। इस मामले में कोर्ट ने तीनों को दोषी पा 23 दिसंबर 2024 को सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख दिया था। अब तीनों को सजा सुनाई गई है।
कोर्ट ने आईपीसी की धारा 302 और 34 में हत्यारों को उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं, अंकित की माँ कमलेश सक्सेना पर जानलेवा हमले में शहनाज बेहद को धारा 323 में दोषी ठहरा सजा सुनाई। अंकित की माँ हत्याकांड के समय अपने बेटे को बचाने की कोशिश कर रही थीं।
अंकित की माँ ने माँगी फाँसी की सजा
इस मामले में अंकित की माँ कमलेश सक्सेना ने दोषियों के लिए फाँसी की सजा की माँग की है। अंकित की माँ ने कहा कि इन लोगों ने जिस बेदर्दी से मेरा बेटा मार डाला, उन्हे मौत की सजा मिलनी चाहिए।
गौरतलब है कि 1 फरवरी 2018 को 23 वर्षीय फोटोग्राफर अंकित को उसकी 20 वर्षीय प्रेमिका के परिवार ने पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में खुलेआम मार डाला था। पुलिस ने कहा था कि अंकित को अकबर अली, शहनाज बेगम, उनके नाबालिग बेटे और मामा मोहम्मद सलीम ने 10-15 मिनट तक पीटा था। जब ये अंकित के साथ बहस कर रहे थे, अंकित की माता और दोस्त उसके बचाव में आए, पर इन लोगों ने अंकित की माँ से भी मारपीट की। उन्होंने अंकित को बकरा काटने वाले बड़े चाकू से गोद डाला। अकबर अली पेशे से कसाई है। इसके बाद जब अंकित को ई-रिक्शा पर लाद अस्पताल पहुँचाया गया, तो डॉक्टरों ने अंकित को मृत लाया घोषित कर दिया था।
बीच सड़क पर काटा था युवक का गला,50-50 हजार रुपए का अर्थदंड भी
दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने तीनों हत्यारों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में फरवरी 2018 में अंकित सक्सेना की सरेआम गला काटकर हत्या कर दी गई थी।
दूसरे समुदाय की लड़की के साथ प्रेम संबंध के चलते हुई थी हत्या
मुस्लिम लड़की से प्रेम संबंधों पर बीच सड़क पर गला काटकर अंकित सक्सेना की हत्या में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने प्रेमिका की मां शहनाज बेगम, पिता अकबर अली और मामा मोहम्मद सलीम को उम्रकैद की सजा सुना तीनों पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार शर्मा ने सजा अवधि पर दोनों पक्षों को सुन निर्णय सुरक्षित रख लिया था। तीनाें आरोपितों को दोषी पा अदालत ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि अंकित की हत्या दूसरे समुदाय की लड़की से प्रेम संबंध होने से गई थी।
अंकित की मां बोलीं- फैसले से संतुष्ट नहीं
अंकित सक्सेना मामले में आरोपितों को मिली उम्रकैद पर अंकित की मां का कहना है कि वे कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। हत्यारों का जैसा कृत्य है,उस हिसाब से फांसी से कम सजा हो ही नहीं सकती। फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगें।
हत्या बाद मौहल्ला छोड़ दिया था पीड़ित परिवार ने?
अदालत ने अंकित के दोस्त नितिन की गवाही दर्ज की थी। हत्या के पहले ही आशंका में पीड़ित परिवार मोहल्ला छोड़ ए-ब्लाक से मकान बदलकर बी-ब्लाक में आ गया था। फिर भी हिंदू मानसिकता देखिए, हत्या के तत्काल बाद आये रोजों में अंकित के पिता ने अंकित की स्मृति में संस्था बना कर रोज़ा इफ्तारी की थी।
कोर्ट ने दोषियों से अर्थदंड 50-50 हजार रुपए का जुर्माना वसूल कर धनराशि अंकित सक्सेना के परिवार को देने को कहा है .
अदालत ने कहा कि दोषियों की उम्र और आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए मौत की सजा नहीं दी जा रही है.
अंतर धार्मिक विवाह था हत्या की वजह
पिछले हफ्ते बहस पूरी करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने हत्या को अंकित की प्रेमिका की मां शहनाज बेगम, पिता अकबर अली और मामा मोहम्मद सलीम को दोषी बताया था.
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि अंकित की हत्या दूसरे समुदाय की लड़की के साथ प्रेम संबंध होने से की गई थी. अदालत ने मामले में अंकित सक्सेना के दोस्त नितिन की गवाही दर्ज की थी.
लड़की ने अपने परिवारजनों को बताया था हत्या का दोषी
अंकित सक्सेना की प्रेमिका शहजादी ने अपनी जान को खतरा बताया तो उसे नारी निकेतन भेज दिया गया. लड़की के अनुसार उसके प्रेमी अंकित की ऑनर किलिंग को उसके परिवार वाले ही जिम्मेदार हैं और वह उनसे डरी हुई है। जब मुझे अंकित को लेकर अपने परिवार की योजना पता चली तो मैं सक्सेना परिवार को सावधान करने आ रही थी.फिर पता चला कि मेरे परिवार ने उसे मार डाला है. मेरे मामा ने यह सब कराया.
लड़की ने बताया था कि अंकित और मैं शादी करने वाले थे. पुलिस की जांच में पता चला था कि अपराध में इस्तेमाल हथियार शहजादी के पेशे से कसाई पिता का था।
पुलिस के मुताबिक लड़की के छोटे भाई, मां, पिता और मामा ने अंकित को रास्ते में रोका तो उनके इरादे देखकर अंकित ने अपना लव अफेयर नकारा था, ताकि जान बच सके.
कौन था अंकित सक्सेना?
23 वर्षीय फोटोग्राफर अंकित सक्सेना गर्लफ्रेंड शहजादी से तीन साल से रिलेशनशिप में था.लड़की का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था क्योंकि दोनों अलग-अलग समुदाय से थे.हत्या के दिन अंकित की प्रेमिका घर से निकल गई तो उसके पिता अकबर अली, मां शहनाज बेगम और मामा मोहम्मद सलीम ने हत्या कर दी .
‘नाबालिग भाई भी आरोपित, जुवेनाइल बोर्ड में केस’
एडिशनल सेशन जज सुनील कुमार शर्मा ने माता-पिता अकबर अली और शाहनाज बेगम और मामा मोहम्मद सलीम को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) और 34 (सामान्य इरादा) में अपराध का दोषी ठहराया था. इसमें लड़की का नाबालिग भाई भी आरोपित है, जिसके खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में मामला चल रहा है.
‘दोनों के रिश्ते खत्म नहीं हुए तो…’
पिछले दिनों सुनवाई में अदालत ने कहा था कि यह साबित हो गया है कि बेटे की दोस्ती की वजह से परिवार के सदस्यों ने अपना निवास स्थान बदल लिया था,लेकिन जब दोनों के रिश्ते खत्म नहीं हुए तो 1 फरवरी, 2018 को सभी आरोपितों ने अपना सामान्य इरादा आगे बढ़ा चाकू से अंकित का गला काटकर हत्या कर दी.
‘रोज फोन पर बात करते थे अंकित और प्रेमिका’
जिस लड़की से अंकित रिलेशनशिप में था, उसके बयान पर गौर कर कोर्ट ने कहा था कि अंकित और लड़की दोस्त थे और रोज टेलीफोन पर बातचीत करते थे। संबंधित गवाहों ने भी गवाही दी है कि किस तरह झगड़ा हुआ और पीड़ित का गला काटा गया. दिल्ली पुलिस की तरफ से विशेष लोक अभियोजक विशाल गोसाईं और रेबेका मैमन जॉन पेश हुए थे.
1 फरवरी 2018 की कहानी,अंकित की मां की जुबानी…
‘रात के 8 बजे होंगे,अंकित काम से लौटा और बैग रखकर बाहर चला गया.मैं खाने की तैयारी में जुटी थी,तभी एक लड़का दौड़ता हुआ आया और कहा कि अंकित से गली में कुछ लोग लड़ रहे हैं.इसके पापा ऊपर काम कर रहे थे,उन्हें बताया तो उन्होंने कहा कि हाथ का काम निपटाकर आता हूं.मैं भागती हुई नीचे गई तो देखा कि हमारे पुराने पड़ोसी गाली-गलौज कर रहे थे.चिल्ला रहे थे कि बता, हमारी बेटी कहां छिपा रखी है,वरना मार देंगे.इधर मेरा बेटा लगातार बोल रहा था-आंटी मुझे शहजादी (अंकित की गर्लफ्रेंड) का नहीं पता.आप पुलिस बुलवा लीजिए. मैं यहीं खड़ा रहूंगा. मैं बीच-बचाव करने लगी तो लड़की की मां गाली देते हुए मेरे ऊपर मारपीट को टूट पड़ी. अंकित मुझे बचाने आया तो लड़की के भाई और मामा ने उसके हाथ पकड़ लिए.पीछे से उसके पापा आए,मेरे बेटे के बाल खींचकर उसकी गर्दन अपनी ओर झुकाई और एक ही झटके में चाकू से काट दिया… पूरी प्लानिंग से आये थे.वो जिस लड़की की बात कर रहे थे,उसके साथ मेरा बेटा बचपन में खेलता-कूदता था,8-10 साल के रहे होंगे.गली के सब बच्चे साथ ही रहते,कैसे समझ आता कि वे ऐसा कर देंगे.‘
प्रकरण में पुलिस ने अप्रैल 2018 में लड़की के परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ तीस हजारी अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया और तीन मई 2018 को आरोपपत्र पर संज्ञान से मुकदमा सत्र अदालत में स्थानान्तरित हो गया था।
25 मई 2018 को सत्र अदालत ने आरोपियों पर हत्या, हत्या की साजिश और मारपीट की धाराओं में आरोप तय किए थे।
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