मौका आया तो मुनव्वर राणा भी काटेगा गर्दनें, फ्रांस के हत्यारे का कर रहा बचाव
शायर के विवादास्पद बोल:मुनव्वर राणा ने फ्रांस के आतंकी हमलावर का बचाव किया, कहा- उसकी जगह मैं होता तो मैं भी वही करता
लखनऊ 31 अक्तूबर। ‘मां ‘ पर गजलें (वे भी चोरी की) सुना कर महफिलें लूटने वाले सहारनपुर के शायर मुनव्वर राणा ने कहा है कि मोदी फ्रांस का इसलिए समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें राफेल चाहिए।
फ्रांस में मोहम्मद साहब का कार्टून दिखाने पर छात्र ने उस टीचर की हत्या कर दी थी
फ्रांस में हुए आतंकी हमले पर मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने हमलावर का बचाव करते हुए कहा कि अगर उसकी जगह मैं होता तो मैं भी वही करता। किसी को इतना मजबूर न करो कि वह कत्ल करने के लिए तैयार हो जाए।
राणा ने कहा, ‘आप विवाद को जन्म देकर लोगों को उकसा रहे हैं। मोहम्मद साहब का कार्टून बना कर उसे कत्ल के लिए मजबूर किया गया, अगर उस स्टूडेंट की जगह मैं भी होता तो वही करता जो उस स्टूडेंट ने किया।’ उन्होंने आगे भगवान राम को लेकर कहा कि कोई अगर भगवान राम का विवादित कार्टून बनाएगा तो मैं उसका भी कत्ल कर दूंगा।
मोदी पर भी साधा निशाना
मुनव्वर ने प्रधानमंत्री मोदी के आतंकवाद फैलाने वाले बयान पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ये राफेल की दरकार है, जो उन्हें ऐसा बयान देना पड़ा। मुनव्वर के मुताबिक,‘मुसलमानों को चिढ़ाने के लिए ऐसा कार्टून बनाया गया। दुनिया में हजारों साल से ऑनर किलिंग होती है, अखलाक मामले में क्या हुआ, लेकिन तब किसी को तकलीफ नहीं हुई। किसी को इतना मजबूर न करो कि वह कत्ल करने पर मजबूर हो जाए।’
फ्रांस का आतंकी हमला
पिछले दिनों फ्रांस में एक टीचर ने क्लास के अंदर पैगम्बर मोहम्मद साहब का कार्टून दिखाया था। इसके बाद एक स्टूडेंट ने उस टीचर का कत्ल कर दिया था। बाद में उस स्टूडेंट को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था।
इस वारदात के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इस वारदात को इस्लामी आतंकवाद करार दिया था और कहा था कि इस्लाम हमारा मुस्तकबिल (भविष्य) हथियाना चाहता है, जो कभी नहीं होगा, साथ ही उन्होंने पैगम्बर मोहम्मद साहब के कार्टून जारी रखने की बात कही थी।
पहले पैगंबर के कार्टून के नाम पर हुई सीरियल किलिंग को कहा जायज,बाद में बोले-मैंने हिंसा को सही नहीं कहा
फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के नाम पर हुई हिंसा को सही ठहराने के बाद मुनव्वर राना ने कहा कि उन्होंने कभी वहां पर हुई सीरियल किलिंग को सही नहीं कहा। लोगों ने उनके बयान का गलत मतलब निकाला।
फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद साहब के विवादित कार्टून के बाद हो रही हत्याओं के मामले को सही ठहराने वाले मुनव्वर राना ने अब अपने बयान पर सफाई दी है। पहले मुनव्वर राना का कहना है कि अगर कोई हमारी मां का या हमारे बाप का ऐसा कार्टून बना दे तो हम तो उसे मार देंगे। हालांकि इस बयान के कुछ वक्त बाद ही एक टीवी चैनल पर सफाई देते हुए राना ने कहा कि उन्होंने फ्रांस में हो रही हिंसा को कभी भी जायज नहीं कहा था। राना ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया था कि जबकि सारी दुनिया में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैैं।
शनिवार को ही राना ने फ्रांस में हो रहे घटनाक्रम पर बयान दिया था। इस दौरान मुनव्वर राना ने एकबात और कही। उन्होंने कहा कि एमएफ हुसैन ने हिंदू देवी-देवताओं की विवादित पेंटिंग्स बनाईं तो उस बुजुर्ग शख्स, 90 साल के बूढ़े आदमी को देश छोड़कर भागना पड़ा। मुनव्वर कहते हैं कि एमएफ हुसैन इस बात को जान चुके थे कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उन्हें मार दिया जाएगा। गैर मुल्क में उसकी मौत हुई। मुनव्वर राना ने यह भी कहा, ‘जब हिंदुस्तान में हजारों साल से ऑनर किलिंग को जायज मान लिया जाता है कोई सजा नहीं होती है तो फ्रांस की घटना को नाजायज कैसे कहा जा सकता है।’
टीवी पर दिए बयान पर सफाई
हालांकि बाद में टीवी पर बयान को लेकर सफाई देते हुए राना ने कहा कि उन्होंने फ्रांस में हुई हिंसा को कभी जायज नहीं कहा। राना ने कहा कि उन्होंने यह बात कही थी कि मजहब एक खतरनाक खेल है और इंसान को इससे दूर रहना चाहिए। राना ने कहा कि मजहब के नाम पर पूरी दुनिया में कत्ल रोजाना हो रहे हैं। पहले आतंकवाद को इस्लामी आतंकवाद कहा गया, लेकिन आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है।
‘मजहब एक खतरनाक खेल है ‘
मुनव्वर राना ने यह भी कहा, ‘470 साल पहले बाबरी मस्जिद के सिलसिले में जिन बादशाहों ने गलती की हो। मजहबी मामले में जिसने भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बना दिया। ऐसे में पूरी कौम को गालियां खानी पड़ीं। मैंने यह कहा कि मजहब एक खतरनाक खेल है। इससे लोगों को दूर रहना चाहिए।
‘पाकिस्तान के लोगों पर लगे रोक’
उधर, फ्रांस में आतंकी हमलों की बढ़ती संख्या के बाद अब प्रवासियों की एंट्री पर प्रतिबंध की मांग तेज होती दिख रही है। इस बीच फ्रांस की विपक्षी नेता मरीन ले पेन ने पाकिस्तान से आने वाले प्रवासियों पर रोक की मांग कर नई बहस छेड़ दी है। शुक्रवार को ही इस्लामाबाद में हजारों लोगों की हिंसक भीड़ ने फ्रांसीसी दूतावास पर हमले का प्रयास किया था। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी इन दिनों लगातार फ्रांस के खिलाफ बयान दे रहे हैं।