जयंत चौधरी ने लिखा- मोदी ने ‘दिल जीत लिया’, अब एनडीए से डील पक्की
‘दिल जीत लिया…’, चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न के ऐलान से पोता जयंत गदगद
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान दिए जाने के ऐलान के बाद उनके पोते जयंत चौधरी ने एक्स (ट्विटर) पर प्रधानमंत्री मोदी के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा कि दिल जीत लिया. बता दें कि जयंत चौधरी जल्द ही इंडिया ब्लॉक को छोड़कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं जिसके लिए आखिरी दौर की बातचीत चल रही है.
नई दिल्ली,09 फरवरी 2024,भारत सरकार ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा रहे चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने खुद ट्वीटर पर इसकी घोषणा की जिसके बाद उनके पोते जयंत चौधरी ने इस पर खुशी जताई.
जयंत चौधरी ने एक्स (ट्विटर) पर प्रधानमंत्री मोदी के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा कि दिल जीत लिया. बता दें कि जयंत चौधरी जल्द ही इंडिया ब्लॉक को छोड़कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं जिसके लिए आखिरी दौर की बातचीत चल रही है.
इससे पहले चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है. यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है. उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की. वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे. हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है.’
बता दें कि चौधरी चरण सिंह के बेटे ने ही जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय लोकदल का गठन किया था. अब अजीत सिंह के बेटे और चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी पार्टी की कमान संभाल रहे हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा जब यूपी पहुंचेगी तो उसी दौरान जयंत चौधरी इंडिया ब्लॉक को झटका देंगे.
इसके लिए भाजपा और आरएलडी के बीच अलायंस के फॉर्मूले पर लगभग सहमति बन गई है. लोकसभा चुनाव को लेकर किसी भी वक्त सीट अलायंस का ऐलान किया जा सकता है. भाजपा और आरएलडी के शीर्ष नेतृत्व के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही है. इसके पॉजिटिव नतीजे आने भी शुरू हो गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और आरएलडी में गठबंधन तय हो गया है. आरएलडी 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ये दो सीटें बागपत और बिजनौर होंगी. इसके अलावा, जयंत चौधरी की पार्टी RLD को एक राज्यसभा सीट भी दी जाएगी. दोनों दलों के बीच गठबंधन का ऐलान दो से तीन दिन में हो जाएगा.
Chaudhary Charan Singh की सरकार और कांग्रेस का वो धोखा… RLD क्यों ‘INDIA’ ब्लॉक से हो गई दूर?
मोदी सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. इस बीच INDIA ब्लॉक को छोड़ने के लिए जयंत चौधरी कांग्रेस के व्यवहार को मुद्दा बना सकते हैं. दरअसल, चौधरी जयंत चौधरी के दादा थे और उनकी सरकार कांग्रेस की समर्थन वापसी की वजह से ही गिरी थी.
बिहार में नीतीश कुमार के बाद अब अगला झटका इंडिया ब्लॉक को उत्तर प्रदेश में लगना लगभग तय है. सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनावों को लेकर बीजेपी और आरएलडी के बीच अलायंस के फॉर्मूले पर सहमति लगभग बन गई है. किसी भी वक्त सीट अलायंस का ऐलान किया जा सकता है. BJP और RLD के शीर्ष नेतृत्व के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही है. इस बीच मोदी सरकार ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जयंत चौधरी के दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किया है.
अब कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर जयंत किस तरह से कांग्रेस के साथ अपने संबंध अलग करेंगे. जयंत इसके लिए कांग्रेस के व्यवहार को मुद्दा बना सकते हैं. दरअसल, चौधरी साहब जयंत चौधरी के दादा थे और उनकी सरकार कांग्रेस की समर्थन वापसी की वजह से ही गिरी थी. तब कांग्रेस में राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी की तूती बोलती थी. इसी पुराने राजनीतिक घटनाक्रम को जयंत कांग्रेस और इंडी गठबंधन के साथ रिश्ता तोड़ने की एक वजह बना सकते हैं.
गौरतलब है कि 12 फरवरी को जयंत के पिता चौधरी अजीत सिंह की जयंती भी है. इसलिए भाजपा और आरएलडी के बीच गठबंधन से पहले चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा कर दी गई. राषट्रीय लोक दल लगातार चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की मांग करता रहा है. इसलिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जयंत चौधरी की इस मांग को मान लिया है.
सीटों में भी ओबीसी फॉर्मूला?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जयंत के गृह जिले बागपत के अलावा भाजपा बिजनौर सीट आरएलडी के लिए छोड़ने को तैयार है. पिछले चुनावों में बिजनौर की सीट बसपा के मलूक नागर ने भाजपा को हराकर हासिल की थी. ऐसा माना जा रहा है कि इन दिनों मलूक नागर जयंत चौधरी के काफी करीब हैं और बसपा से दूर जा रहे हैं. आने वाले दिनों में जब भाजपा और आरएलडी की डील फाइनल हो जाएगी तो मलूक नागर हैंडपंप (आरएलडी का चुनाव चिह्न) थाम सकते हैं.
मलूक नागर ने निभाई बड़ी भूमिका!
राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि मलूक नागर ने भाजपा से जयंत चौधरी की दोस्ती कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मलूक नागर उत्तर प्रदेश से सबसे अमीर सांसद भी हैं. सांसद बनने से पहले वो रियल स्टेट और डेयरी जैसे कारोबार से भी जुड़े रहे हैं. जातिगत हिसाब से देखें तो मलूक नागर एक और बड़ी ओबीसी जाति गुर्जर समुदाय से आते हैं, जिसका पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में अच्छी खासी आबादी है. तो आरएलडी इसी बहाने दो बड़ी ओबीसी जातियों जाट और गुर्जर को एक प्लेटफॉर्म पर लाने की कोशिश में है और ऐसे में इसका फायदा भाजपा को भी मिलने के आसार हैं.
क्या दलितों को भी साधने की कोशिश
भाजपा और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के साथ आने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जातिगत समीकरण काफी हद तक साधने की तैयारी है. मुस्लिम वोटों के अलावा लगभग सभी बड़े सामाजिक धड़ों को अपने साथ लाने की कवायद है. लेकिन, दलित वोटरों की भी साधने की कवायद आने वाले दिनों में की जा सकती है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अंक गणित कुछ ऐसा है कि मुस्लिम और दलित कुल मिलाकर 50 प्रतिशत से अधिक हैं. इसलिए एक बार जयंत के साथ रिश्ता जुड़ जाए तो फिर अगला निशाना दलित होंगे.
असर दिखा रही OBC पॉलिटिक्स
बता दें कि इन दिनों देश भर में ओबीसी के नाम पर खूब राजनीति चल रही है. राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जहां एक तरफ उनकी जाति को लेकर निशाना बना रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री ने तो लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान खुद को पिछड़ा वर्ग से आने वाला नेता बता दिया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी इन दिनों यही ओबीसी पॉलिटिक्स अपना असर दिखा रही है.
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