CBI जांच से लटकेगी भर्ती,पेपर लीक नहीं,नकल, देशद्रोही नारे लग रहे,ये भी देखें:धामी
धामी का बड़ा बयान, सीबीआई से लटक जाएगी भर्ती प्रक्रिया,पेपर लीक प्रोटेस्ट में लग रहे देशद्रोह के नारे, सवालों के घेरे में आंदोलनकारी,मुख्यमंत्री धामी का बड़ा बयान
UKSSSC Paper Case: CM Dhami big statement, recruitment process will be stalled if CBI probe is conducted
देहरादून 26 सितंबर 2025। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ककहाहै कि सीबीआई जांच प्रक्रिया समयसाध्य होती है। कई साल चलती रहती है। ऐसा हुआ तो सारी भर्तियां कई साल लटकेंगीं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रकरण की सीबीआई जांच कराई तो सारी भर्ती प्रक्रिया स्थगित हो जाएगी। एससीईआरटी सभागार में आयोजित समारोह में पत्रकारों के पूछने पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कुछ लोग प्रदेश में भर्तियां लटकाने का षडयंत्र रच रहे हैं। वो पेपर लीक का आरोप लगा भर्तियां बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, ये चाहते हैं कि पारदर्शी तरीके से भर्तियां न हों। ये वही लोग हैं जो कई मामलों, किसी अन्य प्रकरण पर कहते हैं कि सीबीआई जांच नहीं होनी चाहिए। ऐसा कहते हुए राज्य के कुछ नेताओं को भी देखा होगा लेकिन स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रकरण में वे चाहते हैं कि सीबीआई जांच हो। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सीबीआई जांच प्रक्रिया लंबी होती है। कई साल चलती रहती है। ऐसा हुआ तो सारी भर्तियां कई साल स्थगित हो जाएंगी। इससे राज्य के उन युवाओं का नुकसान होगा, जो भर्ती को अधिकतम आयु सीमा के नजदीक है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चार जुलाई 2021 को मुख्य सेवक के पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। उसी दिन पहला संकल्प लिया था कि सरकारी विभागों में जितने भी पद खाली हैं, राज्य के युवाओं से भरा जाएगा। वह संकल्प पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार भर्ती परीक्षायें रुकने न देने को संकल्पबद्ध हैं.
यूकेएसएसएससी पेपर लीक केस को लेकर प्रदेश भर में युवाओं का विरोध प्रदर्शन दिख रहा है. मामले पर जमकर राजनीति हो रही है. युवा प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा बयान दिया है.मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस आंदोलन का राजनीतिकरण हो गया है, जहां देशद्रोह के नारे भी लग रहे है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने कल भी युवाओं से कहा था कि ये उन्हें तय करना है कि उनका आंदोलन चलाने वाले कौन लोग है? आखिर आंदोलन से युवाओं को सड़क पर लाकर कौन अपने हित साध रहे है. किन लोगों ने इस मामले का पूरी तरह राजनीतिकरण कर दिया है?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि आंदोलन ऐसे लोग चला रहे है, जिनका न तो युवाओं और न ही भर्ती परीक्षाओं के कोई लेना देना है, वो केवल अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते है. लेकिन सरकार प्रतिबद्ध है कि जैसे उन्होंने 25 हजार नियुक्तियां पारदर्शिता से, बिना भ्रष्टाचार की है, उनकी सरकार संकल्प से यह क्रम आगे बढ़ाएंगी. भर्ती कैलेंडर भी जारी होगा.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि हाईकोर्ट के जज की निगरानी में एसआईटी मामले की जांच करेगी. महीनेभर को भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से रोक दी गई है. इस दौरान कोई परिणाम नहीं आयेगा.एसआईटी जांच में जो भी सामने आएगा,उसी आधार पर छात्र युवा हित में निर्णय होगा. लेकिन ये भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि छात्रों की आड़ में सरकार को निशाना बनाया जा रहा है,उसका राजनीतिकरण हो रहा है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आंदोलन में देशद्रोही नारे लग रहे है. सनातन धर्म अपमानित किया जा रहा है. इसलिए इस मामले में युवाओं को भी सोचना है. वैसे राज्य के युवा बहुत विवेकशील है. यहां का युवा राष्ट्रवादी भी है. उत्तराखंड देवभूमि भी है. निश्चित रूप से देवभूमि के लोग विचार कर आगे बढ़ेंगे.
बता दें कि 21 सितंबर रविवार को हरिद्वार के एक एग्जाम सेंटर से यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र के तीन पन्ने एग्जाम शुरू होने के कुछ देर बाद ही बाहर आ गए थे. इस मामले को लेकर प्रदेश में काफी हंगामा हो रहा है. प्रदेश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे है. इन विरोध प्रदर्शनों को ही मुख्यमंत्री धामी ने राजनीति से प्रेरित बताया है. वैसे इस मामले में पुलिस मुख्य आरोपित खालिद, जो अभ्यर्थी भी था, उसे और उसकी बहन को गिरफ्तार कर चुकी है.
आरोप है कि खालिद ने ही एग्जाम सेंटर से प्रश्नपत्र के तीन पन्नों की मोबाइल से फोटो लेकर अपनी बहन साबिया को भेजे थे. साबिया ने वो फोटो असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन थे. इसी के बाद इस पूरे मामले का अनावरण हुआ था.