दून के लावारिस पड़े छायादीप सिनेमा 13 करोड़ में मालिक को ही बेच रहे थे, चार गिरफ्तार
सावधान: देहरादून में अगर आपने प्रापर्टी छोड़ रखी है ! छायादीप सिनेमा हॉल को फर्जी तरीके से बेचने की थी तैयारी, 4 आरोपित गिरफ्तार !
देहरादून: थाना कोतवाली नगर क्षेत्र के अंतर्गत चार आरोपियों ने करोड़ों के बंद पड़े छायादीप सिनेमा घर को फर्जी कागजात बनाने के बाद, उसे अवैध कूटरचित दस्तावेजों के साथ बेचते हुए पुलिस ने राजपुर रोड पेसिफिक होटल के पास से गिरफ्तार किया है। 13 जुलाई को तनमीत सिंह निवासी नई दिल्ली ने थाना कोतवाली नगर में शिकायत दर्ज कराई की तनमीत सिंह का नेश विला रोड पर छायादीप सिनेमा हाल है, जो तनमीत सिंह नाम पर रजिस्टर्ड एवं दाखिला खारिज है जिसकी जमीन की देखरेख एवं कोर्ट पैरवी के लिए रकम सिंह निवासी रेस कोर्स देहरादून को रखा हुआ है। दो-तीन दिन पहले रकम सिंह का फोन आया। उसने पूछा था कि क्या आप अपनी जमीन किसी को बेच रहे हैं? तब तनमीत सिंह ने मना किया। फिर थोड़ी देर बाद रकम सिंह का दोबारा फोन आया।
उसने बताया कि आपके नाम से किसी संदीप जैन और रविंद्र सिंह नाम के आदमी को 50 लाख रुपए देकर रजिस्टर्ड रसीद बनी हुई है। जिसमें सौरभ पोखरियाल और लक्ष्मीचंद के गवाह हैं। वह छायादीप सिनेमा घर को कुछ लोगों को बेचने की फिराक में हैं।
इस पर हम लोगों ने उस पार्टी से संपर्क किया। हम खुद ही उसके खरीददार बने। इसकी सूचना पुलिस चौकी धारा को दी गई। पुलिस कर्मचारियों को इस बात की जानकारी दी कि हम लोग इस सौदे में जा रहे हैं, आप यदि जल्दी आ जाए तो वह सारे लोग रंगे हाथ पकड़े जा सकते हैं । इसके बाद आज पेसिफिक राजपुर रोड से फर्जी, कूट रचित दस्तावेज व अन्य कागजातों के साथ चार रविंद्र, संदीप, लक्ष्मी और सुधीर को गिरफ्तार किया गया।
कोतवाली प्रभारी विद्याभूषण नेगी ने बताया कि चारों आरोपित प्रॉपर्टी डीलर हैं। रविंद्र सिंह ने देहरादून में नेशविला रोड पर लावारिस पड़े छायादीप सिनेमा हाल प्रापर्टी को ढूंढा. जिसके मालिक के साथ पूर्व में सिनेमा घर में रहने वाले के साथ कब्जे का विवाद चल रहा है।
चारों आरोपितों ने षड्यंत्रपूर्वक सिनेमा घर की एक रसीद एग्रीमेंट सिनेमा घर के मालिक तनमीत से संदीप जैन ( सहारनपुर) और रविंद्र सिंह (क्लेमनटाउन, देहरादून) के नाम से बनाई. उस पर सुधीर पोखरियाल और लक्ष्मी चंद ने गवाह के तौर पर अपने हस्ताक्षर किए। कब्जा वाले व्यक्ति सत्तार खान से फर्जी समझौतानामा तैयार किया गया. वकील के माध्यम से संपत्ति के पूर्व के दाखिल खारिज रजिस्ट्री आदि कागजात निकाले जिसके बाद वे सिनेमा घर को 13 करोड़ रुपये में बेचने वाले थे।
विदित रहे, इस सिनेमा घर के मालिक की लापरवाही से इसके मैनेजर ने ही इस पर अपना स्वामित्व ठोंक दिया था जिसे तत्कालीन समाजवादी पार्टी,जो उस समय उत्तर प्रदेश की शासक पार्टी थी, के नेताओं का संरक्षण प्राप्त था।
mediaLive से साभार