धामी का हस्तक्षेप:उत्तराखंड निवास दिल्ली अब केवल वीआईपी के लिए नहीं
Uttarakhand Niwas in New Delhi CM ordered to amend government order Common people will also be able to stay
CM Dhami: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उत्तराखण्ड निवास दिल्ली संबंधित शासनादेश संशोधित करने के निर्देश… अब उत्तराखंड निवास में सामान्य लोगों को भी मिलेगी ठहरने की सुविधा
उत्तराखंड 20 दिसंबर 2024.नई दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखंड निवास में नेता, अफसर के साथ ही सामान्य जन भी ठहर सकेंगें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व में जारी शासनादेश संशोधित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि नई दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखंड निवास सामान्य जन के लिए भी उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए कहा कि उत्तराखंड निवास में कक्ष आरक्षण के लिए जारी शासनादेश को तत्काल संशोधित किया जाए और उत्तराखंड के सामान्य व्यक्ति को भी उपलब्धता के आधार पर वहां कक्ष देने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री धामी ने दरों का भी पुनर्निर्धारण करने के निर्देश दिए है।
बुधवार को जारी शासनादेश को मुख्यमंत्री धामी ने संशोधित करने के निर्देश दिए हैं। शासनादेश के अनुसार दिल्ली में बनाए गए नए उत्तराखंड निवास में केवल बड़े नेता और उच्चाधिकारियों को ही ठहरने की सुविधा मिलनी थी । बाकी जनों के लिए यहां प्रवेश नहीं मिलना था। राज्य संपत्ति विभाग ने इसके लिए रेट लिस्ट और ठहरने के पात्र लोगों की सूची जारी कर दी थी।
इस सूची के अनुसार उत्तराखंड निवास में केवल राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व न्यायाधीश, सांसद, विधायक, दायित्वधारी, पूर्व मुख्यमंत्री, एडवोकेट जनरल, राष्ट्रीय या राज्य स्तर का दर्जा प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रदेश अध्यक्ष, विभिन्न संवैधानिक आयोगों के अध्यक्ष, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, प्रमुख वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक, राज्य के मुख्य स्थायी अधिवक्ता, 13-ए ग्रेड लेवल या उच्च वेतन अधिकारियों को ठहरने की सुविधा दी जानी थी।
अपर सचिवों से लेकर सामान्य आदमी तक के लिए यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं की गई जिसका संज्ञान ले मुख्यमंत्री धामी ने तत्काल इसे संशोधित करने के निर्देश दिए। वर्तमान शासनादेश के अनुसार यहां उत्तराखंड शासन या सरकारी विभागों की बैठक निशुल्क कराई जा सकेंगी। निगमों या समितियों को बैठक के लिए 15,000 रुपये प्रतिदिन प्रति कार्यक्रम देने होंगें। अन्य को 35,000 रुपये प्रति कार्यक्रम देने होंगें।