गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने की 13 घोषणाएं
देहरादून 15 अगस्त। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर परेड ग्राउण्ड देहरादून में राज्य के मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया एवं फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 05 पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विशिष्ट कार्यों के लिए मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक प्रदान किया। हेड कांस्टेबल चमन कुमार, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक श्रीमती रेखा यादव, अपर पुलिस अधीक्षक श्रीमती सरिता डोभाल एवं आरक्षी धीरेन्द्र सिंह चौहान को मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्यहित में 13 घोषणाएं भी की।
1. आमजन को वर्षभर भवन निर्माण सामग्री ऑनलाइन बुकिंग से सीधे घर तक पहुंचाने को एक ’’खनिज प्रसंस्करण पोर्टल’’ बनाया जाएगा, जिससे एक ओर इन खनिजों की कालाबाजारी रूकेगी, वहीं लोगों को भी सस्ते खनिज पदार्थ आसानी से मिल सकेंगें।
2. दुर्गम इलाकों में गर्भवती माताओं-बहनों की सुरक्षा के लिए ’’मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा सुरक्षा योजना’’ प्रारंभ की जायेगी, जिसमें विषम परिस्थितियों में गर्भवती माताओं-बहनों को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था को तंत्र विकसित होगा। इस व्यवस्था को 108 एंबुलेंस सेवा से जोड़ने की योजना बन रही है।
3. राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को उनके विषयों की पुस्तक हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों माध्यमों में निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
4. ’’अग्निवीर योजना’’ के विरोध प्रदर्शन में शामिल उन युवाओं पर लगे मुकदमें वापस लिए जाएंगे, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं या स्कूल व कालेजों में पढ़ाई कर रहे हैं।
5. राज्य के प्रमुख चौराहों और सड़कों का नामकरण राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, शहीदों, साहित्यकारों और महान विभूतियों के नाम पर होगा।
6. राज्य में एकल, निराश्रित, परित्यक्ता एवं विधवा महिलाओं को उनके निवास स्थान पर ही रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहित करने एवं उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने हेतु ’’मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’’ प्रारंभ की जाएगी।
7. पर्वतीय क्षेत्र के नगरों को विकसित करने को ’’मुख्यमंत्री पर्वतीय नगर विकास योजना’’ में दोनों मंडलों में एक-एक शहर को ’’मॉडल सिटी’’ के रूप में विकसित किया जाएगा।
8. मजदूर वर्ग के बच्चों को उचित शिक्षा एवं संतुलित पोषण सुनिश्चित करने हेतु मोबाइल स्कूल और मोबाइल आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या में वृद्धि होगी।
9. विकासनगर क्षेत्र में मां यमुना किनारे स्थित प्राचीन नगर ’’हरिपुर’’ को उसका ऐतिहासिक और पौराणिक स्वरूप दिलाने को एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
10. प्रदेश में जनजातीय संस्कृति के संर्वधन हेतु शीघ्र ही राष्ट्रीय जनजातीय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिता का आयोजन होगा।
11. सीमांत गांव के जनजातीय इलाकों में ’’एकलव्य स्कूलों’’ की संख्या में वृद्धि करने को केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा।
12. एक से अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हुए प्रतियोगियों के कारण रिक्त पदों पर प्रतीक्षा सूची के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी, यह प्रतीक्षा सूची एक निश्चित समयावधि तक मान्य तथा प्रभावी रहेगी।
13. प्रदेश में कुटीर उद्योगों तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा इनके उत्पादों की बिक्री हेतु ’’यूनिटी मॉल’’ की स्थापना होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें आजादी के अमृतकाल में अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने का प्रण लेकर आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र के प्रति समर्पण का एक नया भाव जागृत हुआ है तथा उन्हीं के दिशा-निर्देशन में हमारा देश आज पहले से कहीं अधिक संगठित, सशक्त और सुरक्षित हो रहा है। प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव किसी से छुपा नहीं है, पिछले नौ वर्षों में केन्द्र सरकार ने 1 लाख 50 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत की हैं। श्री केदारपुरी का पुनर्निर्माण व बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान में तेजी से कार्य हो रहे हैं। ’’अमृत भारत स्टेशन योजना’’ में तीन स्टेशनों के पुनर्विकास को 83 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि नियत है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है तथा ऊधमसिंहनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट भी विकसित हो रहा है। केन्द्र सरकार के ’’रीजनल कनेक्टिविटी योजना’’ में 13 स्थानों पर हैलीपोर्ट का निर्माण हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लिये स्वीकृत ’‘उत्तराखण्ड इंटिग्रेटेड हार्टिकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट’’ उत्तराखंड में औद्यानिकी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। 38 छोटे नगरों में पेयजल को 1600 करोड़ रूपए की ’’उत्तराखण्ड अर्बन वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट’’ जैसी महत्वपूर्ण पेयजल योजना की भी स्वीकृति मिल चुकी है। 952 करोड़ रूपए का उत्तराखण्ड क्लाईमेट रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट भी स्वीकृत हो चुका है। देहरादून और मसूरी में विश्व स्तरीय ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को भारत सरकार ने 1750 करोड़ की परियोजना को स्वीकृति दी है। जमरानी और सौंग बांध बनाने की अनुमति मिल चुकी है तथा 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना का कार्य गतिमान है। ऊधमसिंहनगर में एम्स का सैटेलाईट सेंटर बनने से एक बड़ी आबादी को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी, इसके लिए भारत सरकार ने 700 करोड़ रूपये का बजट जारी कर दिया है, इसका भूमि पूजन शीघ्र ही होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको राज्य के मुख्य सेवक के रूप में कार्य करने का सौभाग्य मिला है, वे सदैव उत्तराखंड के विकास हेतु पूर्ण समर्पित रहकर कार्य करेंगें। सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि के मंत्र को ध्यान में रखकर राज्य में कार्य हो रहे हैं। अपणि सरकार पोर्टल, ई-केबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम हेल्पलाईन, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था से कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। प्रदेश का कोई भी व्यक्ति 1064 पर शिकायत कर भ्रष्टाचार समाप्त करने में योगदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही समान नागरिक आचार संहिता लागू की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंत्योदय परिवारों को मुफ्त में तीन गैस सिलेंडर देने, प्रदेश की महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था, जबरन धर्मांतरण पर रोक के लिये कानून, देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून, आंदोलनकारियों को आरक्षण, पुनः सरकारी नौकारियों में खेल कोटा प्रारंभ करना या फिर हाल ही में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे प्रदेश के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने को उठाए गए कदम, सभी पर राज्य सरकार ने तेजी से कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ’’नई एमएसएमई पॉलिसी’’ लागू की गई है तथा ’’प्राइवेट इंडस्ट्रियल स्टेट पॉलिसी’’ भी अपनाई है। राज्य में निवेश आकर्षित करने को ’’स्मॉल हाईड्रो पॉवर पॉलिसी’’ और ’’सोलर पॉवर पॉलिसी’’ क्रियाशील की है। भविष्य में सर्विस सेक्टर, सेब की खेती और आयुष क्षेत्र से जुड़ी नीतियां लागू होंगीं। उन्होंने कहा कि नीति और निवेश का सीधा संबंध है। राज्य में प्रो-एक्टिव अप्रोच अपनाते हुए पहले निवेश अनुकूल नीतियां बनाई गई हैं। प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन को ’’ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’’ आयोजित किया जा रहा है जिससे प्रदेश में निवेश के अवसरों में भारी वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में ’’नई पर्यटन नीति’’ लाई गई है। कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों को चार धाम की तरह विकसित करने को ’’मानसखण्ड मंदिर माला मिशन’’ पर कार्य हो रहा है। मानसखंड पर आधारित राज्य की झांकी को इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। सरकार आदि कैलाश मार्ग पर सुविधाएं बढ़ा रही है। ’’हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर’’ को स्वीकृति दी गई है। रोड, रेल तथा रोपवेज तीनों ही क्षेत्रों में केन्द्र सरकार के सहयोग से सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही वीरभूमि भी है। देहरादून में भव्य सैन्य धाम निर्मित किया जा रहा है। सरकार शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित भी कर रही है। उत्तराखण्ड राज्य के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान में वृद्धि की है। स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी विधवाओं की पेंशन बढ़ाने के साथ ही उत्तराखण्ड से द्वितीय विश्व युद्ध की वीरांगना एवं वेटरन पेंशन में भी वृद्धि की है। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में भी वृद्धि हुई है। वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन राशि को एक हजार रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर पंद्रह सौ रूपए प्रतिमाह किया है। उत्तराखण्ड में अब वृद्धावस्था पेंशन योजना में पात्र पति व पत्नी दोनों को लाभ मिल रहा है। पर्यावरण मित्रों और शिक्षा मित्रों के मानदेय में भी बढ़ोतरी हुई है। व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना की धनराशि 5 लाख रूपए से बढ़ाकर 10 लाख रूपए की गई है। प्रदेश में ’’नई शिक्षा नीति’’ लागू की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के ’‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ अभियान को आगे बढ़ा राज्य में ’’मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना’’ प्रारम्भ की है। आंगनबाड़ी बहनों और आशा बहनों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं तथा स्वरोजगार के क्षेत्र मे कार्य कर रही महिलाओं के लिए ’’मुख्यमंत्री एकल महिला सशक्तिकरण स्वरोजगार योजना’’ तथा ’’मुद्रा लोन योजना’’ प्रारंभ की है, जिसमें 5 लाख तक का लोन शून्य ब्याज दर पर दिया जाता है। सीमांत तहसीलों के लिए ’’मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना’’ प्रारम्भ की है तथा पलायन की रोकथाम को ’’मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना’’ भी प्रारम्भ की है। ’’वोकल फॉर लोकल’’ मंत्र को आत्मसात करते हुए ‘’एक जनपद दो उत्पाद’’ योजना प्रारंभ की है। राज्य के आधारभूत ढांचे को विश्व स्तरीय बनाने और निवेशकों को आकर्षित करने को ’’उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड’’ की स्थापना हो रही है। नीति आयोग की तरह राज्य योजना आयोग समाप्त कर ’’स्टेट इंस्ट्टियूट फॉर एम्पॉवरिंग एंड ट्रांसफार्मिंग उत्तराखंड’’ सेतु की स्थापना हेतु कैबिनेट ने अपनी संस्तुति दी है। राज्य में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को ’’नई खेल नीति’’ लाई गई है। उभरते खिलाड़ियां को प्रोत्साहित करने को ’’मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन खेल छात्रवृत्ति योजना’’ प्रारंभ की है। राज्य में राष्ट्रीय खेल प्रस्तावित हैं, जिसके लिए अभी से कार्ययोजना बनानी प्रारंभ कर दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्टार्ट अप शुरू करने की चाह रखने वाले देवभूमि के युवाओं के लिए हम 30 नए इंक्यूबेशन सेंटर खोलने की तैयारी में हैं। लैंड जिहाद के विरूद्ध कार्यवाही में अब तक देवभूमि में 2765 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि अतिक्रमण मुक्त की जा चुकी है। नदियों व जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की पहल बड़े स्तर पर हुई है। प्रत्येक जिले में वर्षा जल संचय को झीलें विकसित की जा रही हैं। शीघ्र ही ’’राज्य स्प्रिंग एवं रेन फैड रिवर रिज्यूविनेशन आर्थोरिटी’’ का गठन हो रहा है। उत्तराखंड में 304 करोड़ रूपये से 18 हजार पॉलीहाउस की स्थापना को कार्ययोजना पर कार्य हो रहा है। इससे करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा। ’’एप्पल मिशन’’ में 35 करोड़ रूपये की योजना स्वीकृत हुई है। ’’कीवी मिशन’’, ’’दालचीनी मिशन’’ ’’तिमूर मिशन’’ पर भी कार्य हो रहा है। राज्य में एरोमा वेलियां विकसित की जा रही हैं। काशीपुर में राज्य के पहले एरोमा पार्क का भी भूमि पूजन किया है। 120 मेगावाट की ब्यासी परियोजना कमीशन कर दी है, जो कोविड काल में पूर्ण होने वाली अकेली जल विद्युत परियोजना थी। ऊपरी यमुना नदी स्थित त्यूनी प्लासू परियोजना की पीआईबी स्वीकृत हो चुकी है। उत्तराखंड को विद्युत उपभोक्ताओं की सेवाओं के लिए सर्विस सेक्टर में भारत सरकार की रेटिंग में प्रथम स्थान मिला है, वहीं प्रदेश को बेस्ट हाइड्रो पावर स्टेशन का अवार्ड भी केन्द्र सरकार से मिला है। हाल ही में 220 किलो वाट रूद्रपुर-जाफरपुर ट्रॉसमिशन रेल लाइन का विद्युतीकरण भी किया गया है, इस लाइन के निर्माण से कुमायूँ क्षेत्र में विद्युत से रेल गाड़ियां चल सकेंगी। बहुप्रतीक्षित 132 किलो वाट ्पिथौरागढ-चम्पावत विद्युत लाइन की क्षमता भी बढ़ाई गई है, जिससे चम्पावत ज़िले के विद्युत उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज व ट्रिपिंग की समस्या से राहत मिली है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इससे पूर्व बलबीर रोड़ स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में भी ध्वजारोहण किया।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, मुख्य सचिव डॉक्टर सुरजीत सिंह सन्धु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव शैलेश बगौली, जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।