चैंबर का प्रयोग धर्मांतरण और निकाह को, वकील इकबाल मलिक का लाइसेंस सस्पेंड
दिल्ली बार काउंसिल
दिल्ली बार काउंसिल ने धर्म परिवर्तन और निकाह के लिए चैंबर उपयोग करने पर वकील इकबाल मलिक का लाइसेंस किया निलंबित
धर्म परिवर्तन और निकाह के लिए अपने चैंबर का उपयोग करने के लिए वकील इकबाल मलिक का लाइसेंस निलंबित
नई दिल्ली 05जुलाई।बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने धर्म परिवर्तन और निकाह (इस्लामी विवाह) करने के लिए अपने चैंबर का उपयोग करने के लिए वकील इकबाल मलिक के लाइसेंस को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। दिल्ली बार काउंसिल के सचिव पीयूष गुप्ता ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि शिकायत मिलने पर यह कार्रवाई की गई।
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने पाया कि इस तरह का आचरण ‘कानूनी पेशे की गरिमा को नुकसान पहुँचाता है’। काउंसिल द्वारा पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है, “न ही कथित अवैध गतिविधियों की अनुमति नहीं है और न ही यह एक वकील की व्यावसायिक गतिविधियों का हिस्सा है। निकाह कराने और धर्मांतरण और निकाहनामा / विवाह प्रमाण पत्र जारी करने में आपका आचरण पूरी तरह से शर्मनाक है और यह कानूनी पेशे की गरिमा के विपरीत है।”
इसमें आगे कहा गया है, “शिकायत और दस्तावेजों के कथन के अनुसार, प्रथम दृष्टया एक वकील या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा चैंबर/कोर्ट परिसर में निकाह कराने जैसी गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जा सकती है और इस तरह गतिविधि पर बार काउंसिल द्वारा तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।”
प्रस्ताव में आगे कहा गया, “अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने इस मुद्दे की गंभीरता पर विचार करते हुए और कानूनी बिरादरी की गरिमा और सम्मान को बनाए रखने को बार काउंसिल ऑफ इंडिया नियम के रूल 43 और एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 6 (1) (डी) में प्रदत्त विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस मुद्दे को विशेष अनुशासनात्मक समिति के पास भेजा और एक अंतरिम उपाय के रूप में, अनुशासन समिति ने आपके प्रैक्टिस के लाइसेंस को निलंबित करना आवश्यक और उचित माना है।”
यह फैसला तब आया जब एक पिता ने शिकायत की कि उनकी बेटी को जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया था और उसके बाद कड़कड़डूमा कोर्ट में वकील के चैंबर में निकाह कर दिया गया था। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, पिता का यह भी तर्क है कि दस्तावेजों में अदालत के चैंबर को मस्जिद के रूप में दिखाया गया था।
शादी के लिए महिला का जबरन मुस्लिम धर्म में धर्मांतरण कराने में वकील का लाइसेंस निलंबित
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने शिकायत के बाद एक वकील का लाइसेंस निलंबित कर दिया है, जिसपे आरोप लगाया गया है कि एक महिला को जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया था, और वकील ने अपने कक्ष में शादी की रस्में निभवायी थी।
वकील (इकबाल मलिक) पर सोहन सिंह तोमर ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी को जबरन मुस्लिम धर्म में परिवर्तित किया गया और उसकी शादी वकील के कड़कड़डूमा जिला अदालत कक्ष करा दी गयी।
बीसीडी सचिव पीयूष गुप्ता ने इकबाल को नोटिस जारी कर कहा है कि काउंसिल ने आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है. जिनसे तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने की उम्मीद की गयी है।
अंतरिम उपाय के रूप में, बार काउंसिल ने समिति की रिपोर्ट देने तक इकबाल के लाइसेंस को निलंबित करने का निर्णय लिया है। इकबाल को सात दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देना है।
बीसीडी के अनुसार, इस तरह की गतिविधियों की अनुमति नहीं है और ये किसी वकील की पेशेवर गतिविधियों का हिस्सा नहीं हैं। यह आरोप कि उन्होंने निकाह किया और धर्म परिवर्तन का प्रमाण पत्र जारी किया, कानूनी पेशे की गरिमा को नकारता है।
यह आरोप लगाया जाता है कि इकबाल अपने कक्ष से धर्मांतरण ट्रस्ट चलाता है और कथित पीड़िता को जारी किए गए विवाह प्रमाण पत्र के अनुसार, वकीलों के कक्ष को निकाह की जगह के रूप में उल्लेख करता है।
तोमर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि इकबाल के कक्ष को मस्जिद के रूप में दिखाया गया है।
नोटिस के अनुसार, अदालत में एक वकील के चैंबर के परिसर में निकाह और धर्मांतरण जैसी गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जा सकती है ।
बार काउंसिल के अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और डीसीपी से मामले की जानकारी काउंसिल को उपलब्ध कराने और उनका सहयोग करने का अनुरोध किया है।
एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक को दिए अपने बयान में, इकबाल ने कहा कि उन्हें नोटिस की एक प्रति नहीं मिली है और उनके खिलाफ आरोप झूठे हैं। उन्होंने आगे कहा कि महिला ने सुरक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।