कोरोना वैक्सिनेशन दूसरा दिन: उत्तराखंड में भीड़ संभाल नहीं पा रहे अस्पताल

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नाराज़ लोगों को समझाते डॉक्टर के सी पंत

वृद्ध और बीमार टीकाकरण के लिए कर रहे घंटों इंतजार, अस्पताल के स्टाफ पर निकाला गुस्सा

दून मेडिकल कॉलेज में सर्वर में आई दिक्कत के कारण हंगामा करते वृद्ध जन।
प्रदेश के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में शुमार दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी टीकाकरण की व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी दिखाई दी। स्थिति ये रही कि बुजुर्गों को टीका लगवाने के लिए तीन से चार घंटे तक इंतजार करना पड़ा। जिस कारण अस्पताल में कई बार हंगामे की स्थिति बनी।
देहरादून दो मार्च । वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से ऊपर) व बीमार व्यक्तियों (20 चिह्नित बीमारियों से ग्रसित 45-60 वर्षीय लोग) के टीकाकरण की व्यवस्था दूसरे ही दिन लडख़ड़ा गई। कुछ तकनीकी और कुछ व्यवस्थागत कमियों से लाभार्थियों को भारी समस्या से जूझना पड़ा। प्रदेश के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी टीकाकरण की व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी दिखाई दी। स्थिति ये रही कि वृद्धों को टीका लगवाने को तीन से चार घंटे तक इंतजार करना पड़ा जिससे अस्पताल में कई बार हंगामे की स्थिति बनी। टीका लगवाने पहुंचे व्यक्तियों का सब्र आखिरकार जवाब दे गया और उन्होंने अस्पताल के स्टाफ पर गुस्सा निकाला। उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक का भी घेराव किया।

कोरोना से बचाव के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान के तहत सोमवार से वरिष्ठ नागरिकों व बीमार व्यक्तियों को टीका लगना शुरू हो गया है। अच्छी बात ये है कि पहले ही दिन से टीकाकरण स्वत:स्फूर्त दिखा। लोग खुद ही टीकाकरण को आगे आ रहे हैं। पर व्यवस्था अभी उस अनुरूप नहीं दिख रही है जिसका एक उदाहरण मंगलवार को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में देखने को मिला। यहां सुबह ही टीका लगवाने वालों की भारी भीड़ जुट गई थी। पर कोविन पोर्टल की सुस्ती से टीकाकरण को उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा। हरिपुर नवादा निवासी 64 वर्षीय उमेश नौटियाल ने बताया कि वह सुबह आठ बजे अस्पताल पहुंच गए थे। मगर पौने एक बजे तक यह पता नहीं चला कि टीका लग भी पाएगा, या नहीं। वहीं चकराता रोड निवासी 60 वर्षीय ललित डोभाल की भी यही शिकायत थी। उनका कहना था कि वह घर से यह सोचकर जल्दी आए थे कि वक्त पर टीका लग जाएगा। पर चार घंटे बैठे रहने पर भी उनका नंबर नहीं आया है। ऐसी ही स्थिति रही तो लोग टीका लगवाने से भी परहेज करेंगे।
टीकाकरण में देरी के कारण लोग कई बार स्टाफ से भी भिड़ पड़े। अच्छी बात ये रही कि स्टाफ विपरीत परिस्थिति में विनम्रता से पेश आया और टकराव की स्थिति टल गई। गुस्साए व्यक्तियों ने चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर केसी पंत का भी घेराव किया। डॉक्टर पंत का कहना है कि तकनीकी दिक्कतों के कारण समस्या आई है। उनका कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया के लिए हम कोविन पोर्टल पर निर्भर हैं। पर पोर्टल कभी धीमा चल रहा है और कभी एकाएक ठप हो जा रहा है। बताया गया है कि पोर्टल अपडेट किया जा रहा है और इसमें जल्द सुधार होगा।

मुश्किल-एक

टीकाकरण को केंद्र सरकार ने कोविन पोर्टल पर स्वयं पंजीकरण व ऑन-स्पॉट पंजीकरण (स्वास्थ्य इकाई पर जाकर) की सुविधा दी है। पर पोर्टल की सुस्त रफ्तार समस्या खड़ी कर रही है। उस पर कई बार यह बंद हो जा रहा है। दरअसल, स्वयं पंजीकरण करा चुके व्यक्ति का संबंधित स्वास्थ्य इकाई पर पहले पोर्टल पर सत्यापन किया जाता है। टीकाकरण हो जाने के बाद फिर पोर्टल पर ही इसे कंफर्म भी किया जाता है। इसमें काफी वक्त लग रहा है। वहीं स्वयं पंजीकरण में भी कई बार दिक्कत आ रही है। लोग मोबाइल पर ओटीपी न आने व टीकाकरण स्लॉट फुल होने की बात बता रहे हैं। इधर,ऑन-स्पॉट पंजीकरण की प्रक्रिया में तो और भी ज्यादा वक्त लग रहा है क्योंकि इसमें व्यक्ति का नाम,आधार नंबर सहित अन्य तमाम जानकारियां भरनी पड़ती हैं।

मुश्किल-दो

सरकारी के साथ ही गैर सरकारी अस्पतालों को भी टीकाकरण की इजाजत दी गई है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना और सीजीएचएस के तहत आने वाले अस्पताल इसमें शामिल हैं। निजी अस्पताल में टीकाकरण के लिए व्यक्ति को प्रति डोज 250 रुपये देने होंगे। लोग यह शुल्क देने को भी तैयार हैं, पर समस्या ये है कि दो दिन बाद भी नाममात्र के अस्पताल इस अभियान से जुड़ सके हैं। राजधानी दून में भी सिर्फ एक सिनर्जी अस्पताल में टीकाकरण शुरू हो पाया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बावत व्यवस्था बनाई जा रही है और जल्द ही अधिकतर अस्पताल अभियान से जुड़ जाएंगे।

मुश्किल-तीन

उपनल कर्मियों की हड़ताल भी टीकाकरण अभियान में बाधा डाल रही है। ये कर्मचारी पिछले नौ दिन से हड़ताल पर हैं। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ही बात करें तो यहां 500 से ज्यादा उपनल कर्मी तैनात हैं इनमें बड़ी संख्या डाटा एंट्री ऑपरेटर है। इस दौरान इनकी कमी काफी खल रही है। हालत ये है कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन काउंटर तक फिलहाल चिकित्सक संभाल रहे हैं। टीकाकरण की बात करें तो नए ओपीडी ब्लॉक में एक कंप्यूटर और दो कर्मचारी तैनात हैं। इसी काउंटर पर स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर, वरिष्ठ नागरिकों व बीमार व्यक्तियों का पंजीकरण आदि किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि पंजीकरण काउंटर बढ़ाने में कर्मचारियों की कमी आड़े आ रही है।

मुश्किल-चार

टीकाकरण अभियान के दौरान कुछ व्यक्तियों को दिया जा रहा ‘वीवीआइपी ट्रीटमेंट’ भी मुश्किल का सबब बन रहा है। अस्पताल का ही स्टाफ जब-तब कई लोग की सूची हाथ में लिए पंजीकरण काउंटर पर पहुंच जा रहा है। सूची में स्वास्थ्य विभाग के पूर्व अधिकारी व अन्य कई विभागों से सेवानिवृत्त कार्मिक शामिल हैं। लोग बाहर कतार में खड़े हैं, पर स्टाफ पहले इनका टीकाकरण कराने पर अड़ा है। ऐसे में न सिर्फ बार-बार टकराव की स्थिति बन रही है, बल्कि आम आदमी को लंबा इंतजार करना पड़ा है। मंगलवार शाम इसी कारण हंगामा भी हुआ। जिस पर पंजीकरण कक्ष का दरवाजा तक बंद करना पड़ा।

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