धर्म ही सच्चा और स्थायी मित्र:आचार्य सौरभ सागर महाराज
पूज्य आचार्य श्री 108 पुष्पगिरी प्रणेता, राजकीय अतिथि श्री सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों की जानकारी
देहरादून 23 जुलाई 2025। राजधानी के गांधी रोड स्थित दिगंबर जैन पंचायती मंदिर जैन भवन में परम पूज्य आचार्य श्री 108 पुष्पगिरी प्रणेता, राजकीय अतिथि आचार्य सौरभ सागर महाराज के पावन सानिध्य में धार्मिक आयोजनों की श्रंखला निरंतर जारी है। विभिन्न संस्थाओं द्वारा श्रीजी की पूजा-अर्चना एवं कल्याण मंदिर विधान श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ संपन्न किए जा रहे हैं, जिनमें श्रद्धालुगण प्रतिदिन बढ़-चढ़कर धर्मलाभ ले रहे हैं।
आज का पुण्यार्जक विधान भिंड परिवार, त्यागी रोड द्वारा संपन्न कराया गया। यह विधान आयोजन का 12वां दिन रहा। पूज्य आचार्य श्री सौरभ सागर महाराज ने अपने दिव्य वचनों से श्रद्धालुओं को प्रेरित करते हुए कहा कि “धर्म ही इस संसार का सबसे बड़ा आधार है। मनुष्य जब इस संसार से जाता है, तो उसके साथ केवल धर्म ही जाता है – न धन, न वैभव। करोड़ों-अरबों रुपये संपत्ति भी एक सुई तक साथ नहीं जाती। धर्म ही है जो जीवन को सकारात्मक दिशा देता है और सुख-समृद्धि की ओर ले जाता है।”
आचार्य श्रीजी ने यह भी कहा कि धर्म मनुष्य को न केवल अच्छे कर्मों के लिए प्रेरित करता है, बल्कि उसे एक बेहतर इंसान बनने और आत्मिक विकास की ओर अग्रसर करता है।
प्रतिदिन के कार्यक्रमों में शामिल हैं:
- प्रातःकालीन पूजा-अर्चना
- श्रीजी का प्रवचन
- आहार चर्या
- सांध्यकालीन गुरुभक्ति व शंका समाधान
- भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विचार-विमर्श आदि।
कार्यक्रम की सफलता हेतु विभिन्न समितियों एवं पदाधिकारियों द्वारा तन-मन-धन से सेवा भावपूर्वक समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं।

